लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदी
दिल्ली में फिर से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा
दिल्ली में फिर खतरे के निशाने से पार हुआ यमुना का जलस्तर
जलस्तर बढ़ने से प्रशासन हुआ सतर्क, खाली कराए निचले इलाके
अलर्ट पर गुजरात-महाराष्ट्र
नई दिल्ली,23 जुलाई 2023 (ए)। दिल्ली में यमुना के बढ़ते जलस्तर फिर से लोगों की परेशानियां बढ़ सकती है। रविवार शाम को यमुना का जलस्तर के बार फिर से खतरे के निशान को पार कर गया है। शाम छह बजे 206. 35 मीटर दर्ज किया गया है।
वहीं, जलस्तर को बढ़ता देख प्रशासन सतर्क हो गया है और घाटों के किनारे रहने व सोने वाले लोगों से घाट खाली कराने शुरू कर दिए गए हैं। पूर्वी दिल्ली जिला प्रशासन ने नावों से यमुना घाटों पर मुनादी शुरू कर दी है।
प्रशासन की अपील है कि घाटों पर रहने वाले लोग यमुना का जलस्तर बढ़ने पर इन्हें खाली कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। साथ ही अपने मवेशियों को भी ले जाएं। वहीं, किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए प्रशासन ने 24 नाव और 50 के करीब गोताखोर भी तैनात कर दिए हैं, ताकि आपात स्थिति में लोगों को निकालेंगे।
लोगों को दिया निचले इलाके खाली करने का निर्देश
बोट क्लब के इंचार्ज हरीश कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के दिशा-निर्देशों पर यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण लोगों को घाटों को खाली करने के लिए कहा जा रहा है। बाढ़ आने पर पहले यह लोग चले गए थे, लेकिन अब यह फिर वापस आ गए और जलस्तर भी बढ़ रहा है।
रिहायशी इलाकों में पहले भी घुस चुका है बाढ़ का पानी
उन्होंने बताया कि यमुना का पानी इलाकों में न घुसे इसके लिए इस और कुछ कदम उठाए गए है। इसलिए बरसाती नालों को फिलहाल यमुना की तरफ से बंद कर दिया गया है। साथ ही ऐसे रास्ते जिनसे पानी कश्मीरी गेट और सिविल लाइंस इलाके में घुसा था वहां पर भी दो से तीन फिट की ऊंचाई पर मिट्टी के बोरे भी लगाए गए हैं, क्योंकि इन्हीं रास्तों के जरिए रिहायशी इलाकों में पहले पानी घुसा था।
गुजरात में भारी बारिश के चलते 302 सड़कें बंद, घरों में घुसा पानी; 700 से अधिक लोगों का रेस्क्यू
भारी बारिश के मद्देनजर गुजरात सरकार ने पोरबंदर और कच्छ से गुजरने वाले दो राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ 10 राज्य राजमार्गों को बंद कर दिया है। गुजरात के राहत आयुक्त आलोक पांडे ने लगभग 358 लोगों के सफल बचाव के साथ-साथ 736 लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाने की पुष्टि की।
271 पंचायत सड़कों सहित कुल 302 सड़कें बंद हैं। आज तक, 736 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। जूनागढ़ वलसाड, गिर-सोमनाथ, पोरबंदर और अन्य जिलों में बांध भरे हुए हैं। नर्मदा बांध वर्तमान में 67 प्रतिशत भर चुका है, अन्य बांध भी लबालब भर चुके हैं। लोगों के घरों में पानी पहुंच गया है।
भारी बारिश के मद्देनजर, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की नौ टीमों को सबसे अधिक प्रभावित जिलों में भेजा गया है। जूनागढ़, विशेष रूप से, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की दो-दो टीमों की सहायता से लाभान्वित हो रहा है, जो बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं। मौसम विभाग ने गिर-सोमनाथ, जूनागढ़, कच्छ, पोरबंदर, वलसाड और दक्षिण गुजरात के नवसारी समेत जिलों में रविवार को भी भारी बारिश जारी रहने की चेतावनी दी है।