निजात नशामुक्तिअभियान के साथ कोयला तस्करी रोकना भी नए एसपी के लिए चुनौती,जिले में कोयला तस्करी का समय हुआ शुरू
कई बार लगा कोयला तस्करी पर प्रतिबंध,इसके बावजूद भी जारी रहा तस्करी,अवैध कोयला खदानों की भी है पटना क्षेत्र में भरमार,बना रहता है जनहानि का डर
रवि सिंह-
बैकु΄ठपुर 26 नवम्बर 2021(घटती-घटना)। जिले में नए पुलिस अधीक्षक का आगमन व उनके आगमन का अंदाज जिले के लिए बेहतर रहा और अभी तक लगभग पुलिस अधीक्षक जिले से अवैध कारोबारियों को अवैध कार्यों की मनाही कर बंदिशों में बनाये रखे हुए हैं, निजात नशामुक्ति अभियान के तहत मेडिकल नशे के विरुद्ध तो पुलिस अधीक्षक का बड़ा सख्त रुख है वहीं सार्वजनिक स्थानों सड़क के किनारे नशा करते लोगों पर भी पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर लगातार कार्यवाही जारी है और फिलहाल एकतरह से जिले में पुलिस अधीक्षक की कानून व्यवस्था को लेकर एक बेहतर प्रतिबद्धता कायम नजर आ रही है और लगता है कि पुलिस अधीक्षक जिले को अवैध कारोबार का गढ़ नहीं बनने देंगे और जिले में अवैध कारोबारियों को फिलहाल इनके रहते अपने अवैध कारोबार बंद ही रखने पड़ेंगे।
जुआ सट्टे के कारोबारियों व खेलने वाले शौकीन लोग भी फिलहाल शांत हैं और इन कारोबारियों का भी व्यवसाय ठप्प है, अवैध कारोबार में जिले में आजतक जारी एक और अवैध कारोबार ऐसा है जिसका की समय नवंबर माह से जारी होकर जून माह तक जारी रहता है और इन 8 महीनों में इस व्यवसाय का जिले में काफी बड़ी मात्रा में संचालन किया जाता है जिसमें सफेदपोशों की भी संलिप्तता बनी रहती है,यह व्यवसाय है अवैध कोयला चोरी कर उसकी तस्करी कर अवैध ईंट भट्ठों तक पहुंचाकर अपनी जेबें गर्म करने का व्यवसाय, जिले में लगभग सभी कालरी क्षेत्रों में यह व्यवसाय किया जाता है और यह 8 माह तक सतत जारी रहता है। अवैध ईंट भट्ठों में खपाया जाता है तस्करी कर चोरी किया गया कोयला। एसईसीएल के कोयला परिवहन वाहनों व रेल्वे बोगियों से भी चोरी किया जाता है कोयला। कोयला तस्करी, जिले में सबसे ज्यादा तस्करी पटना क्षेत्र में होती है।
पुलिस अधीक्षक के लिए कोयला चोरी,तस्करी रोकना होगा चुनौती पूर्ण काम
जिले में कोयला तस्करी और चोरी रोकने को लेकर कई बार अभियान पुलिस द्वारा चलाया गया लेकिन आज तक कभी यह चोरी और तस्करी नहीं रोका जा सका,अब नए पुलिस अधीक्षक से उम्मीद होगी कि क्षेत्र की खनिज संपदा का दोहन चोरी कर या तस्करी कर जारी व्यवसाय के रूप में रोका जाए और कोयले के अवैध तस्करी चोरी पर अंकुश भी लगाया जाए।पुलिस अधीक्षक का रुख अवैध कारोबार और कारोबारियों के प्रति सख्त है और जिससे लगता है इसबार कोयला चोरी और तस्करी करने वालों पर भी नकेल कसी जाएगी और पुलिस अधीक्षक इस मामले में निश्चित रूप से कड़ा रुख अख्तियार करेंगे।
कोयला चोरी व्यवसाय में सफेदपोशों की भी रहती है संलिप्तता
कोयला चोरी तस्करी व्यवसाय पर आजतक लगाम नहीं लग सकने की वजह है इस अवैध कारोबार में सफेदपोश लोगों की संलिप्तता और यही वजह है कि उनके प्रभाव की वजह से यह व्यवसाय आजतक कभी रोका नहीं जा सका है और यही एकबात पुलिस के नए जिला कप्तान के लिए भी चुनौती होगी।
अवैध कोयला खदानों में बना रहता है जनहानि का डर
जिले में पटना क्षेत्र में कई अवैध कोयला खदानों का संचालन भी किया जा रहा जिसमें से खदान तो पिछले वर्ष एसईसीएल की खदान से जाकर मिल गई थी,एसईसीएल जहां सुरक्षा उपकरणों विभिन्न मानकों के आधार पर कोयला उत्खनन करता है अवैध खदानों में बिना किसी सुरक्षा कोयला का खनन किया जाता है जिससे बड़ी जनहानि का खतरा बना रहता है, कई बार जनहानि हो भी चुकी है फिर भी नहीं रुक सका है आज तक यह अवैध कारोबार।
कोयला परिवहन कर रहे वाहनों और रेल गाडि़यों से भी होती है कोयले की चोरी
जिले में केवल अवैध खदानों से ही नही बल्कि एसईसीएल के कोयला परिवहन करने वाले वाहनों सहित रेलगाçड़यों से ले जाई जा रहे कोयले की भी चोरी कोयला तस्कर करते हैं और जिससे एसईसीएल को भी नुकसान उठाना पड़ता है।
चिरिमिरी,चरचा,पटना क्षेत्र में होती है कोयला चोरी व तस्करी
जिले में चिरिमिरी, चरचा व पटना क्षेत्र में अवैध रूप से कोयले की खदानें संचालित हैं और इन्हीं क्षेत्रों में एसईसीएल के कोयले की भी चोरी व तस्करी की जाती है।
अवैध ईंट भट्ठे हैं कोयले की खपत के आधार
कोयले का कारोबार क्षेत्र में अवैध ईंट भट्ठों के भरोशे फलता फूलता है जहाँ खनिज विभाग अवैध ईंट भट्ठों पर नकेल नहीं कस पा रहा है वहीं कोयला तस्करों और चोरों पर भी नकेल कसी जानी मुश्किल की बात हो चुकी है, अब देखना होगा पुलिस अधीक्षक इस नई चुनौती को कैसे सफलता तक पहुंचाकर कोयला चोरी व तस्करी पर प्रतिबंध लगाते हैं।