बैकु΄ठपुर @पूर्व पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई पुलिसिया कार्यवाही पर उठ रहे सवाल

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पूर्व पुलिस अधीक्षक के समय मे हुई कई कार्यवाही पर संदेह को लेकर शिकायत,कुछ पुलिसकर्मियों से भी सुनने को मिल रही यह बात

आखिर क्यों पूर्व पुलिस अधीक्षक के कार्यकाल में हुई पुलिस कार्यवाही को लेकर सामने आ रही है शिकायत?,खुद पूर्व पुलिस अधीक्षक लेते थे कार्यवाही होने नहीं होने में विशेष रुचि

-रवि सिंह-
बैकु΄ठपुर 26 नवम्बर 2021 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के पूर्व पुलिस अधीक्षक के कार्यकाल को लेकर एक बड़ी बात सामने आ रही है और यह बात सोशल एक्टिविस्ट आरटीआई कार्यकर्ता चिरिमिरी कोरिया कालरी निवासी सत्यपूजन मिश्रा के पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय नया रायपुर को लिखे गए शिकायत पत्र के बाद सामने आ रही है जिसमें शिकायतकर्ता सत्यपूजन मिश्रा ने कोरिया जिले के पूर्व पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह के कार्यकाल में हुई कई कार्यवाहियों को लेकर यह संदेह व्यक्त करते हुए शिकायत किया है कि उस दौरान की कई पुलिस कार्यवाही को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहें हैं,वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट सत्यपूजन मिश्रा ने शिकायत में यह भी उल्लेख किया है कि छोटी मोटी कार्यवाहियों में नहीं बड़ी बड़ी कार्यवाहियों में लीपापोती किया गया है और निष्पक्ष होकर कार्यवाहियां नहीं कि गईं। वहीं शिकायतकर्ता ने यह भी लिखा है कि ऐसा किसी एक मामले में भी नहीं दर्जनों ऐसे मामले हैं जिनमें इस तरह की कार्यवाही देखी गई और पुलिस की कार्यवाही संदेह के दायरे में आती है।
शिकायतकर्ता ने यह भी शिकायत पत्र में लिखा है कि ऐसा ही एक मामला चिरिमिरी से जुड़ा हुआ है जिसमें मेसर्स महाशक्ति ट्रांसपोर्ट के प्रोपराइटर मनीष कुमार मिश्रा का है जिसमें मनीष मिश्रा प्रोपराइटर के ऊपर दिनांक 4 मार्च 2021 को चिरिमिरी के पोड़ी थाना में एफआईआर दर्ज की जाती है जिसमें रुपये 3809471 की आर्थिक अनियमितता की शिकायत एस.एस. सिन्हा क्षेत्रीय वित्त प्रबंधक एसईसीएल द्वारा दर्ज कराई जाती है और जिसमें पुलिस जांच में कई अधिकारी संलिप्त पाए जाते हैं एसईसीएल के कूटरचना कर आर्थिक अनियमितता करने में और फिर भी पुलिस द्वारा उक्त मामले में आज तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं कि गई,यहां तक कि राजेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव आत्मज स्व केपी श्रीवास्तव जो एसईसीएल में सर्वे मजदूर हैं और उसी के द्वारा पुलिस के साथ मिलकर सबको फोन कर सभी की तरफ से बिचौलिया बनकर अधिकारियों को बचाने का काम किया गया है।शिकायतकर्ता ने शिकायत पत्र में यह भी लिखा है कि उक्त सर्वे मजदूर का संपर्क सीधे पूर्व पुलिस अधीक्षक से था और साथ ही प्रभास विस्वाश जो चिरिमिरी एसईसीएल के कुरासिया कालरी में एकाउंटेंट के पद पर कार्यरत है को पुलिस कार्यवाही से बचाने के लिए पुलिस और उसके बीच बिचौलिया का कार्य कर रहा था।पुलिस द्वारा मामले में संलिप्त लोगों व अधिकारियों पर कार्यवाही करने की बजाए उनसे उन्हें बचाने के नाम पर उगाही इसी व्यक्ति से माध्यम से की गई। आरटीआई एक्टिविस्ट सत्यपूजन मिश्रा ने इन मामलों की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए शिकायत पत्र पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय छतीसगढ़ सहित प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली, केंद्रीय गृह मंत्रालय नई दिल्ली, चेयर मैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर सीआईएल कोलकाता, सचिव सेंट्रल विजिलेंस कमीशन नई दिल्ली, निदेशक केंद्रीय भ्रस्टाचार अन्वेषण ब्यूरो सीबीआई नई दिल्ली अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर को भी भेजी है।
आरटीआई एक्टिविस्ट चिरिमिरी कोरिया कालरी निवासी सत्यपूजन मिश्रा ने शिकायत में कहा है कि मेसर्स महाशक्ति ट्रांसपोर्ट के प्रोपराइटर मनीष कुमार मिश्रा व आर एन मिश्रा जो एसईसीएल कोरिया कालरी में ट्रिप मैन के पद पर कार्यरत थे एवं चिरिमिरी कुरासिया कालरी, कोरिया कालरी,पोड़ी कालरी, एनसीसी कालरी, डोमनहिल कालरी, समूह के उप क्षेत्रीय प्रबंधक जगदीश दास एवं अनीस अहमद एवं कुछ अन्य संबंधित अधिकारी, मेसर्स महाशक्ति ट्रांसपोर्ट के प्रोपराइटर यह सभी एक राय होकर एसईसीएल कम्पनी के साथ कूटरचना धोखा धड़ी कर फर्जी तरीके से बिल तैयार कर रुपया 3809471 का गबन कर सभी अपनी जेब भरे हैं एवं कम्पनी को क्षति पहुंचाया गया है। जांच कर दंडात्मक कार्यवाही करते हुए क्षति पहुंचाई गई राशि की भरपाई करने पुलिस में शिकायत की गई थी लेकिन अभी तक कार्यवाही नहीं कि गई है यह भी शिकायतकर्ता का कहना है।

पुलिस की दलाली करने वाले का वॉइस रिकॉर्ड भी हुआ वायरल

चिरीमिरी कोरिया कालरी निवासी सत्यपूजन मिश्रा ने बताया की राजेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव आत्मज केपी श्रीवास्तव जो एसईसीएल में सर्वे मजदूर है जो पुलिस के लिए बिचौलिए का काम कर रहा है और प्रभास विश्वास जो एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र के कुरासीया कालरी में ऐकाउन्टेंट के पद पर कार्यरत है उनको पुलिस से बचाने के नाम पर पुलिस की के लिए बिचौलिए का काम कर रहा था। प्रभास विश्वास एवं राजेश्वर श्रीवास्तव की मोबाईल में हो रही बातचित, जो पुलिस को रिश्वत देने के लिये हो रही थी वह आडीयो रिकाडींग मौजुद है। पुलिस द्वारा संलिप्त अधिकारीयों पर कार्यवाही न कर, दलाल लगाकर उगाही कर रही है एवं इस कृत्य में संलिप्त अपराधीयों को बचाने के लिये जांच मे लिपा पोती कर सही जांच को प्रभावीत किया गया है। राजेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ने पुलिस के लिए बिचौलिया बनकर आरोपियों को बचाने के लिये मोटी रकम वसुल की है। इस व्यक्ति की बात सीधे तत्कालीन पुलिस अधीक्षक से होती थी जो इसने खुद लोगो को बताया था, उक्त प्रकरण की किसी स्वतंत्र जांच ऐजंसी से जांच करा दोषी अधिकारीयों पर कार्यवाही कराई जाए ऐसा शिकायकर्ता की मांग है, स्वतंत्र जांच ऐजंसी की जाँच से पुलिस अधिकारी सहित इस मामले में सामिल सभी अधिकारियों की पोल खुल जाएगी, किस प्रकार पुलिस ने अधिकारियों को बचाने के लिए क्या-क्या किया, यह सारी चीजें स्वतंत्र जांच में सामने आ जाएगी, इसीलिए इस मामले में सीबीआई जांच जरूरी है क्योंकि इस मामले को लेकर पुलिस कप्तान भी शामिल होने की बात सामने आ रही है।

पहले पोस्टिंग में ही पुलिस अधीक्षक ने खूब कमाया नाम

तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को पहली पोस्टिंग के दौरान कोरिया जिले की पुलिस व्यवस्था संभालने का मौका मिला था अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने जो नाम कमाया वह किसी से छुपा नहीं है आज पूरा जिला जान रहा है साथ ही उनके साथ किए कर्मचारी भी काफी खुश है स्थिति यह भी है कि आज उन्होंने अपने कर्मचारियों के बीच भी सामंजस्य बिल्कुल नहीं बनाया जिसका नतीजा यह है कि आज कर्मचारी भी उनके साथ हो हो रही वाक्यों को सही मान रहे हैं।


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