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मनेंद्रगढ़,@विधानसभा क्रमांक 2 में विनय के विकल्प विनय आखिर क्यों?

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मनेंद्रगढ़ विधानसभा में भी विधायक पद के लिए कई प्रत्याशी विकल्प हो सकते हैं,लेकिन सभी दावेदारों में विनय उपाध्याय बेहतर विकल्प
मनेंद्रगढ़ विधानसभा अनारक्षित सीट फिर भी सामान्य वर्ग को नहीं मिला अभी तक मौका?
सरगुजा संभाग से महाराजा सरगुजा को बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद समीकरण बदले बदले लग रहे हैं अब
क्या इस बार सामान्य वर्ग से कांग्रेस देगी किसी को मौका?

-रवि सिंह-
मनेंद्रगढ़,13 जुलाई 2023 (घटती-घटना)।
छत्तीसगढ़ का विधानसभा क्रमांक 2 मनेंद्रगढ़ विधानसभा जो काफी सुर्खियों में रहने वाला विधानसभा है यहां के वर्तमान विधायक पूरे 5 साल सुर्खियों में रहते चले आए हैं और सुर्खियां भी उन्होंने अच्छे कामों के लिए नहीं बटोरी अपने विवादित कार्यों की बदौलत उन्होंने सुर्खियां बटोरी हैं जो लगातार देखा और सुना गया है, यही वजह है कि इस बार उनके परफॉर्मेंस पर यदि ध्यान दिया जाए तो उन्हें दोबारा मौका देना कांग्रेस के लिए खतरा बन सकता है, जिस वजह से कांग्रेस नए चेहरे पर दांव लगाना चाहेगी क्योंकि विवादित चेहरे हमेशा नुकसान पहुंचाते हैं, क्योंकि पार्टी की छवि इस समय ठीक है पर व्यक्तिगत विधायक ने अपनी छवि खराब कर रखी है, पिछली बार भी हमने विनय का विकल्प विनय हो सकते हैं? खबर प्रकाशित किया था, जिस पर वर्तमान विधायक को समर्थकों को खबर नागवार गुजरी थी, पर हम उन्हें यह बताना चाहेंगे कि ना हम विनय जयसवाल के पक्षधर हैं और ना हम विनय उपाध्याय के पक्षधर है, खबर संभावित समीकरण व जनता के रुझान के अनुसार तैयार की जाती है, मनेंद्रगढ़ विधानसभा अपने आप में एक अलग तरह का विधानसभा क्षेत्र है जहां भौगोलिक व राजनीतिक समीकरण एकदम भिन्न है, इस विधानसभा में अभी तक परिवर्तन ही होते देखा गया है एक छत्र किसी को भी राज्य करने का मौका इस क्षेत्र की जनता ने नहीं दिया है किसी एक को।
विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर यदि नजर डाला जाए तो कुछ ऐसा ही समझ में आता है, नए चेहरे पर ही दांव लगाने पर किसी भी पार्टी को जीत मिली है। चाहे वह स्व.गुलाब सिंह हो, दीपक पटेल हों श्याम बिहारी जयसवाल हों या विनय जायसवाल, इस बार भी समीकरण इसी तरह के समझ में आ रहे हैं। वर्तमान समीकरण व पस्थितियों पर नजर डालें तो डॉ विनय जायसवाल का विकल्प इंजीनियर विनय उपाध्याय देखे जा रहे हैं, इसके पीछे के तर्कों पर नजर डालें तो डॉ विनय जायसवाल के 5 साल का कार्यकाल सभी ने देख लिया और 5 साल उन्होंने सुर्खियों में रहते हुए अपने परफोर्मेंस से सभी को बता दिया की अब इस बार नए व्यक्ति को यदि प्रत्याशी बनाया जायेगा तभी जीत पार्टी की सुनिश्चित होगी,उन्होंने सुर्खियां बटोरने के अलावा कोई काम नहीं किया है और अब चुनाव नजदीक आते ही अपना चेहरा चमकाने में लगे हुए हैं जिसमे भी वह असफल हो रहे हैं, बात सत्ताधारी दल कांग्रेस की यदि की जाए तो पार्टी में कई चेहरे हैं जो पार्टी में पुराने हैं और लंबे समय से विधायक की टिकट की दौड़ में हैं और दावेदारी करते नजर आ रहे हैं विनय उपाध्याय भी उसमें से एक हैं जो समय समय पर महापौर विधायक सांसद की दावेदारी करते रहें हैं, पर दावेदारी के दौरान छींटाकशी या फिर किसी का पैर खींचने का प्रयास इनका कभी नहीं रहा। यह बात अलग है कि वह एक सफल व्यवसाई हैं राजनीति में उस तरह सक्रिय नहीं रहे जैसे बाकी नेता टिकट पाने के लिए सक्रियता दिखाते हैं पर विनय उपाध्याय के साथ एक चीज और भी है कि वह अभी तक 80 प्रतिशत जनता के बीच वह स्वच्छ छवि के माने जाते हैं थोड़ा सा वह कड़क मिजाज के हैं वह भी व्यवसाय प्रगति के होने के वजह से अब उन्हें सामाजिक दृष्टिकोण पर आना होगा क्योंकि उन्हें विधायकी करनी है तो खुद को बदलना होगा, इंजीनियर विनय उपाध्याय बाबा के करीबी हैं और कांग्रेस से दोनों संबंध रखते हैं सरगुजा संभाग के टिकट वितरण की जवाबदारी टी एस सिंहदेव की होगी, और बाबा विनिंग कैंडिडेट पर ही दांव लगाएंगे, जिस कारण विनय उपाध्याय को मौका मिल सकता है ऐसा इस समय के समीकरण को देखकर माना जा सकता है।
मनेंद्रगढ़ विधानसभा में बाबा के करीबी में विनय उपाध्याय की आती है गिनती
छत्तीसगढ़ के विधानसभा क्रमांक 2 मनेंद्रगढ़ में चिरमिरी क्षेत्र भी शामिल है जहां विधानसभा के हिसाब से निर्णायक मतदाता भी निवास करते हैं और वहीं के निवासी हैं व्यवसाई विनय उपाध्याय,विनय उपाध्याय टी एस सिंहदेव के खास भी हैं और उनके करीबी भी। पार्टी के लिए वह समर्पित भी रहते आए हैं और सहयोगी भी ऐसे में यदि टिकट वितरण में टी एस सिंहदेव का चला तो विनय उपाध्याय को टिकट मिल सकता है,क्योंकि विनय उपाध्याय सबसे साफ छवि वाले दावेदार विधानसभा में माने जाते हैं वहीं उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव के भी वह करीबी हैं। कुल मिलाकर यदि खराब परफॉर्मेंस के आधार पर यदि डॉक्टर विनय जायसवाल का टिकट कटता है तो जो संभावित नजर आ रहा है तो विनय उपाध्याय बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
दोनों विनय चिरमिरी से ही आते हैं
डॉक्टर विनय जायसवाल की बात करें या विनय उपाध्याय की दोनो चिरमिरी क्षेत्र से ही आते हैं। डॉक्टर विनय ने जहां क्षेत्र छोड़कर सफलता प्राप्त की वहीं विनय उपाध्याय ने क्षेत्र में ही रहकर सफलता प्राप्त की और आज भी वह क्षेत्र में ही रहकर व्यवसाय कर रहें हैं। विनय जायसवाल ने कभी क्षेत्र नहीं छोड़ा,बकौल विनय उपाध्याय वह कहते हैं की वह चिरमिरी में इस कदर रम चुके हैं की उन्हें चिरमिरी के लोगों की ही तरह चिरमिरी में रहना आ गया है और वह आज चिरमिरी में उपलब्ध संसाधनों के साथ ही जीवन यापन कर रहें हैं। उन्हे चिरमिरी का होने पर गर्व है और वह चिरमिरी से प्रेम करते हैं यह वह कहते सुने जा सकते हैं वहीं डॉक्टर विनय जायसवाल की बात की जाए तो वह चुनाव जीतने से पूर्व रायपुर में निवास करते थे और गाहे बगाहे ही चिरमिरी आया करते थे।
अभी तक दोनों पार्टियां मनेंद्रगढ़ विधानसभा में काफी सोच समझकर प्रत्याशी उतारती रही है
विधानसभा मनेंद्रगढ़ में अभी तक हुए विधानसभा चुनावों पर नजर डाला जाए तो एक बात दोनो ही प्रमुख दलों की तरफ से टिकट वितरण में सामान्य रही है दोनो ही दल सोच समझकर इस विधानसभा में प्रत्याशी चयन करते आए हैं। पार्टियों को इस विधानसभा में सफलता भी तभी मिली है जब इस विधानसभा में नए चेहरे को मौका दिया गया है। कभी भी सिटिंग विधायक इस विधानसभा में रिपीट नहीं हुआ है इस लिहाज से भी विनय उपाध्याय कांग्रेस पार्टी की पसंद हो सकते हैं जो उन्हे वर्तमान विधायक से टिकट दावेदारी में ऊपर रखती है।
जिस पार्टी ने प्रत्याशी को रिपीट किया उसे हार का सामना करना पड़ा
मनेंद्रगढ़ विधानसभा में जिस भी दल ने अपना प्रत्याशी दोबारा रिपीट किया वह जीत दर्ज नहीं कर सकी यह इतिहास रहा है इस विधानसभा का ।अब आने वाले चुनाव में क्या कांग्रेस पार्टी कोई जोखिम उठाना चाहेगी या वह बिना प्रत्याशी बदले ही वर्तमान को ही मौका देगी वह पार्टी का विषय है लेकिन यदि प्रत्याशी बदला जाता है तो जैसा विधानसभा का पूर्व का परिणाम आता रहा है और प्रत्याशी बदलने पर जीत मिलती रही है उस हिसाब से पार्टी जीत दर्ज करेगी और नहीं बदलने की स्थिति में हार का भी सामना करने की संभावना है जो विधानसभा का पुराना परिणाम बताता है।
दोनों की प्राथमिक शिक्षा चिरमिरी से ही हुई
विधायक डॉक्टर विनय जायसवाल साथ ही इंजीनियर विनय उपाध्याय दोनो ही चिरमिरी के ही निवासी हैं और दोनो की प्रारंभिक शिक्षा चिरमिरी से हुई है,एक ने चिकित्सक बनकर राजनीति में कदम रखा और दूसरे आज इंजीनियर होकर सफल व्यवसाई हैं और फिलहाल चिरमिरी में ही रहकर हजारों लोगों को रोजगार प्रदान कर रहें हैं। इंजीनियर विनय उपाध्याय चिरमिरी को एक तरह से स्थाईत्व प्रदान करने का काम कर रहें हैं।
एक डॉक्टर तो एक हैं इंजीनियर,डॉक्टर को मिल चुका मौका,इंजीनियर को मिला मौका तो क्या होगा क्षेत्र में बदलाव यह भी देखने वाली होगी बात
चिरमिरी निवासी और कांग्रेस विचारधारा के साथ राजनीति में सक्रिय डॉक्टर विनय जायसवाल जो वर्तमान में विधायक हैं वहीं इंजीनियर विनय उपाध्याय जो पेशे से सफल व्यवसाई हैं कद काठी में एक जैसे ही हैं। पिछले चुनाव में डॉक्टर विनय को पार्टी से मौका मिला और उन्होंने जीत भी दर्ज की लेकिन उनका कार्यकाल पार्टी को दुबारा विधानसभा में जीत दिला सकेगा ऐसा रहा है ऐसा कहना फिलहाल गलत होगा क्योंकि उनके ऊपर जो आरोप लगते आए हैं वह आरोप जनता भी देख सुन रही है और वह क्या निर्णय लेगी यह फिलहाल उसके मन की बात है वहीं इंजीनियर विनय उपाध्याय भी क्षेत्र से पार्टी में टिकट के दावेदार हैं और उन्होंने अब तक क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने का काम किया है ऐसे में उन्हें मौका मिलता है तो वह क्षेत्र के लिए क्या कर पाते हैं और क्षेत्र में क्या बदलाव लेकर वह आना चाहेंगे यह उनकी दावेदारी पक्की होने और उनकी जीत होने पर ही तय हो सकेगा,वैसे विनय उपाध्याय फिलहाल डॉक्टर विनय की अपेक्षा ज्यादा उम्मीद भरे उम्मीदवार पार्टी के लिए हो सकते हैं क्योंकि उनकी छवि उनके साथ है।


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