- जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त प्रभारी( ई ई) कार्यपालन अभियंता अरुण मिश्रा जानकारी मांगने पर सरगुजा कलेक्टर से जानकारी मिलने की बात कही
- नहर निर्माण में नाबालिगों से लिया जा रहा कार्य
- पक्की माइनर नहर निर्माण कार्य जल संसाधन विभाग के श्याम घुनघुट्टा मनरेगा योजना के अंतर्गत कराया जा रहा है
- जिसकी अनुमानित लागत लगभग दो करोड़ की बताई जा रही है
-मनोज कुमार-
लखनपुर,05 जुलाई 2023 (घटती-घटना)। जल संसाधन विभाग के श्याम घुनघुट्टा माईनर नहर निर्माण लखनपुर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम देवी टिकरा में भाग-1,सलका में भाग -1-2 ,लहपटरा में भाग-1-2, पुहपुटरा में भाग 1-2-3-4-5 वहीं सिरकोतंगा में मुख्य नहर का मरम्मत कार्य होना है। परंतु जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ठेकेदार मिलीभगत कर गुणवत्ताविहीन माइनर नहर का निर्माण कार्य करा रहे हैं। मौके पर जल संसाधन विभाग के कर्मचारि के दौरान नाबालिगों से निर्माण कार्य में काम लिया जा रहा है। इस संबंध में मौके पर मौजूद जल संसाधन विभाग के कर्मचारी शंकर प्रशाद से बात करने पर उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया और मौके से भाग निकले।
किसानों को समय पर सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार के द्वारा कई जन कल्याणकारी योजना चलाई जा रही हैं जिसमें किसानों को हर संभव मदद मिले जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके और सही समय पर धान की फसलों का अच्छी उपज मिल सके।
लखनपुर विकासखंड के अंतर्गत जल संसाधन विभाग के श्याम घुनघुट्टा परियोजना मैं मनरेगा योजना के अंतर्गत माइनर नहर पक्की करण कार्य कराया जा रहा है जिसमें जल संसाधन विभाग श्याम घुनघुट्टा परियोजना के द्वारा माईनर नहर निर्माण लखनपुर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम देवी टिकरा में भाग-1,सलका में भाग -1-2 ,लहपटरा में भाग-1-2, पुहपुटरा में भाग 1-2-3-4-5 वहीं सिरकोतंगा में मुख्य नहर का मरम्मत कार्य होना है।
जिसमें 10 माइनर नहर पक्की करण कार्य 19.93 लाख से भी अधिक का कार्य कराया जा रहा हैवहीं ग्राम सिरकोतंगा में मुख्य नहर को मरम्मत का कार्य लगभग 16 लाख का कराया जा रहा है।
जल संसाधन विभाग के द्वारा माइनर पक्की नहर कार्य में भारी अनियमितता एवं गुणवत्ता विहीन कार्य की शिकायत आसपास के लोगों के द्वारा की जा रही है जिसमें प्राक्कलन (स्टीमेट) से हटकर गुणवत्ता विहीन पक्की आरसीसी माइनर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिस पर किसानों को भारी रोष व्याप्त है।
वहीं विभाग के द्वारा कराई जा रही पक्की माइनर नहर निर्माण में भारी अनियमितता देखने को मिल रही है ।
पक्की माइनर नहर निर्माण के वाल में एवं बेस में उपयोग में छड़ 8 एमएम का 1- 1 फीट की दूरी पर वाल निर्माण कराया जा रहा है वहीं बेस में छड़ की जाली में 8 एमएम का 3 छड़ 8 डाला जा रहा है वही नहीं 20 एमएम गिट्टी का उपयोग करना था जहां 40 एमएम गिट्टी का उपयोग तथा सीमेंट गुणवत्ता विहीन कार्य करने से जगह-जगह वालों में दरारे भी आ रही हैं। जिससे इसके गुणवत्ता पर किसानों के द्वारा प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है और जगह-जगह बड़ी-बड़ी दरारें भी आ रही हैं जिसका समय से पहले टूटने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
इस संदर्भ पर जल संसाधन विभाग के ई ई अरुण मिश्रा से जानकारी लेने पर बताया गया कि सारे लोग को चढ़ोत्तरी चढ़ाई जाती है जिसके कारण में इस संबंध में किसी प्रकार का कुछ नहीं बता पाऊंगा सरगुजा कलेक्टर इस संबंध में आपको जानकारी उपलब्ध करा पाएंगे।
अरुण मिश्रा
जल संसाधन विभाग के (ई ई) कार्यपालन अभियंता