रायपुर,@बच्चों की शिक्षा हेतु बेहतर वातावरण और संसाधन हमारी जिम्मेदारी

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शिक्षा के साथ खेल और अनुशासन भी जरूरी,छात्र जीवन में समझनी होगी समय की कीमतःमुख्यमंत्री
जेएन पांडेय शासकीय उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम स्कूल के जीर्णोद्धार के लिए 5 करोड़ रूपए की स्वीकृति मिली
रायपुर,26 जून 2023 (ए)।
आज के दौर में स्कूलों में शिक्षा का वातावरण बनाना जरूरी है। बच्चों को शिक्षा के साथ खेलकूद और अनुशासन पर भी ध्यान देना है। छात्र जीवन में ही समय की कीमत समझनी होगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षा सत्र 2023-24 के शुभारंभ और शाला प्रवेशोत्सव के मौके पर आज प्रोफेसर जेएन पांडेय शासकीय उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय में कही।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रत्येक स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है और इस मंदिर को भी हमेशा साफ सुथरा रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूलों के खुलने से राज्य में शिक्षा के प्रति फिर से रूझान बढ़ा है और वर्तमान में प्रत्येक वर्ग के लोग अपने बच्चों को इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।
मुख्यमंत्री ने तिलक लगाकर व मिठाई खिलाकर छात्रों को कराया शाला प्रवेश
मुख्यमंत्री ने शाला प्रवेशोत्सव के मौके पर स्कूली बच्चों को तिलक लगाकर, माला पहनाकर तथा उन्हें मिठाई खिलाकर शाला प्रवेश कराया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों को गणवेश, पुस्तकें तथा स्कूल बैग का भी वितरण किया। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, प्राचार्यों और अभिभावकों को नये शिक्षा सत्र के शुभारंभ और शाला प्रवेशोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि यही बच्चे हमारा भविष्य हैं और इन बच्चों को शिक्षा का उचित वातावरण देना हमारी जिम्मेदारी है ताकि इनका पढ़ाई में मन लगा रहे।
मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक प्रो जेएन पांडेय शासकीय उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम स्कूल के जीर्णोद्धार के लिए 5 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत करते हुए कहा कि शिक्षा के मंदिरों को सुदृढ़ और सुंदर बनाने के लिए राशि की कभी कभी भी आड़े नहीं आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के स्कूलों के जीर्णोद्धार और मरम्मत के लिए बजट में 12 सौ करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की थी। इस राशि से वर्तमान में 23 हजार स्कूलों में काम चल रहा है।
दूसरे चरण में 4318 बालवाडिय़¸यों का शुभारंभ
शाला प्रवेशोत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री बालवाड़ी योजना के दूसरे चरण में वर्चुअल रूप से 4 हजार 3 सौ 18 बालवाडिय़ों का शुभारंभ किया। राज्य में बालवाडिय़ों के जरिए पांच से छ: वर्ष के बच्चों को बुनियादी शिक्षा के प्रति जागरुक करने का प्रयास किया जाता है। बालवाड़ी में बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा प्रदान की जाती है ताकि स्कूल जाने में उन्हें कोई घबराहट का सामना न करना पड़े। बालवाड़ी योजना के पहले चरण में 5 सितंबर 2022 को 5 हजार 1 सौ 73 बालवाड़ी की शुरूआत की गयी थी।
राज्य को यहां से मिले हैं 4 मुख्यमंत्री और एक उप राष्ट्रपति
प्रो. जेएन पांडेय स्कूल एक ऐतिहासिक स्कूल है। इस स्कूल की स्थापना सन 1864 में हुई थी और ये स्कूल कभी कलकत्ता विश्वविद्यालय तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भी संबद्ध रहा है। इस स्कूल ने राज्य को चार मुख्यमंत्री दिए हैं। स्व. पं. रविशंकर शुक्ल, स्व. द्वारका प्रसाद मिश्रा, स्व. श्यामा चरण शुक्ल तथा स्व. मोती लाल वोरा इसी स्कूल के विद्यार्थी रहे हैं। इसके साथ ही देश के पूर्व उपराष्ट्रपति स्व. हिदायतुल्ला भी इसी स्कूल के विद्यार्थी रहे हैं।
सीएम ने दूर की छात्रा की हिचक कहा-बेटा,यहां सब अपने लोग हैं
प्रदेश के मुखिया न केवल आम जनता की नब्ज समझते हैं अपितु बच्चों के मनोविज्ञान को भी गहराई से समझते हैं। अपनी बात कहने जब प्रोफेसर जे.एन. पांडे आत्मानंद स्कूल की छात्रा तृप्ति जगत खड़ी हुई। तृप्ति अपनी बात कहने में थोड़ा सा हिचक रही थी।
मुख्यमंत्री ने पूरे वात्सल्य से स्नेहपूर्वक कहा, बेटा यहां सब अपने लोग हैं बेझिझक अपनी बात कहो। मुख्यमंत्री की बात को सुनते ही तृप्ति की हिचक पूरी तरह दूर हो गई। उसने बताया कि इस स्कूल में पढ़ाई के अच्छे स्तर को देखते हुए मैंने यहां प्रवेश लिया है। मुझे यहां बहुत अच्छा लग रहा है। उसके बाद मुख्यमंत्री ने छात्रा को शाबासी देते हुए कहा आप कितने अच्छे ढंग से बात रख रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शाला प्रवेश उत्सव के अवसर पर बच्चों से आज रू-ब-रू हो रहे थे।
मुख्यमंत्री से बच्चों ने भी बेझिझक होकर अपने दिल की बात कहीं। मुख्यमंत्री ने बच्चों से पूछा कि 16 जून के बदले 26 जून को स्कूल खोलने पर कैसा अनुभव कर रहे हैं। सभी बच्चों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि 26 जून से स्कूल खुलने से गर्मी और लू से राहत मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय गर्मी के मौसम और बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया कि स्कूल 26 जून से खोले जाएं। शाला प्रवेश उत्सव शुरू होने से पूर्व ही प्रदेश में बरसात शुरू हो गई। बारिश की फुहारों के साथ ही नए शिक्षा सत्र की शुरूआत हुई।
विद्यार्थी राजेश ने बताया कि हम सबकी पढ़ने में रुचि बढ़ गई है। स्वामी आत्मानंद बीपी पुजारी शाला में पढ़ रही आठवीं की छात्रा सुरभि साहू ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल आरंभ होने से आर्थिक रूप से कमजोर और होनहार बच्चों को भी अच्छी अंग्रेजी शिक्षा का अवसर मिल रहा है। मुख्यमंत्री के समक्ष स्वामी आत्मानंद राजा तालाब स्कूल कक्षा 8वीं की छात्रा कशिश अंजुम खान ने भी शाला प्रवेश उत्सव के अवसर पर अपनी विचार रखी।
मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों को तिलक लगाकर किया नए शिक्षा सत्र का शुभारंभ
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शाला सत्र के पहले दिन राजधानी के जेएन पांडेय शासकीय उत्कृष्ट हिन्दी विद्यालय पहुंचे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों को तिलक लगाकर मिठाई खिलाई। विद्यार्थियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, प्राचार्यों और अभिभावकों को नये शिक्षा सत्र के शुभारंभ और शाला प्रवेशोत्सव की बधाई दी।
मां सरस्वती की पूजा कर राज्य स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव सत्र 2023-24 का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ। बच्चों से रूबरू होकर मुख्यमंत्री बघेल आनंदित हुए है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छात्रों को गणवेश वितरित किया भी किया।


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