- पूर्व विधायक का नाम लेने पर हो रही विधायक की किरकिरी,भाजपा सहित अन्य विपक्षी दलों ने कहा विधायक की जमीन खिसक चुकी है…
- स्वेच्छानुदान राशि के बंदरबांट मामले में घिरे मनेंद्रगढ़ विधायक,सफाई देने दिवंगत विधायक को भी बताया लाभार्थी
- दिवंगत पूर्व भाजपा विधायक को भी की थी मदद मनेंद्रगढ़ विधायक ने यह कहकर पेश की सफाई
- पार्षद परिवार के सात सदस्यों को स्वेच्छानुदान देने मामले में भी दी सफाई कहा पार्षद की मां हैं बीमार इसलिए दी राशि
- क्या अन्य किसी जरूरतमंद की भी इसी तरह मदद की है विधायक ने,क्या दिया है एक से ज्यादा बार स्वेच्छानुदान?
- क्षेत्र में हजारों हैं जरूरतमंद क्या उनका भी विधायक ने रखा है इसी तरह ख्याल
- क्या विधायक मनेंद्रगढ़ से स्वेच्छानुदान लेने कांग्रेस पार्टी का सदस्य होना है अनिवार्य?
-रवि सिंह-
मनेंद्रगढ़/चिरमिरी 25 जून 2023 (घटती-घटना)। मनेंद्रगढ़ विधायक स्वेच्छानुदान राशि लेकर पूर्व में भी सुर्खियों में रहें हैं और अपना चेहरा चमकाने उन्होंने पूर्व में भी स्वेच्छानुदान राशि के बंदरबांट को तव्वजो दी है जो पूर्व में देखने को मिल चुका है जब उन्होंने पत्रकारों को भी स्वेच्छानुदान राशि जारी कर अपने प्रभाव में लेने का प्रयास किया था और जिसमे से कुछ खुद्दार पत्रकारों ने स्वेच्छानुदान की राशि लौटा दी थी और वह विधायक के मुंह पर किसी तमाचे से कम नहीं था। वहीं अभी जारी स्वेच्छानुदान राशि की बात की जाए या पूर्व में जारी स्वेच्छानुदान की मनेंद्रगढ़ विधायक ने जितनी बार भी राशि जारी की या अनुशंसा की हर बार कांग्रेस नेताओं या उनके परिवार को ही राशि मिली किसी गरीब या जरूरतमंद की मदद नहीं हो सकी यह लगातार देखने को मिला।
मनेंद्रगढ़ विधायक अब अपनी गलती सुधारने साथ ही आम जनता गरीब जनता के बीच अपनी साख बचाने सफाई देते नजर आ रहे हैं और दिवंगत पूर्व भाजपा विधायक को दी गई सहायता की दुहाई दे रहें हैं। वैसे मनेंद्रगढ़ विधायक पूजा पर्व अवसरों पर भी काफी चर्चित रहें हैं और पूजा या किसी सार्वजनिक आयोजन मामले में किसी को चंदा देना हो तो नगर निगम को पत्र लिखकर या टोकन जारी कर भुगतान करवाते हैं यह पिछले पूजा आयोजनों के चंदा भुगतान के समय उजागर हुआ है जब उन्होंने समितियों को भुगतान निगम से कराया जहां उनकी पत्नी ही महापौर हैं। कुल मिलकर विधायक जी सब कुछ जनता के पैसे से ही उनके हित के पैसे से ही करना जानते है जो उनकी पुरानी कहानी बताती है वहीं स्वेच्छानुदान भी वह उन्हे ही देते हैं जो कांग्रेस पार्टी का सदस्य हो और उनका समर्थक हो जो इस बार के स्वेच्छानुदान भुगतान से भी जाहिर हुआ।
गरीब के हक पर विधायक ही जब डालने लगेंगे डाका कैसे फिर होगा गरीबों का भला
बताया यह भी जा रहा है की स्वेक्षानुदान के बहाने विधायक ने कई मामलों का भुगतान किया है और वह भुगतान उनके चेहरा चमकाने के लिए किए गए आयोजन थे इसीलिए एक ही परिवार के कई सदस्यों के नाम से स्वेच्छानुदान जारी की गई है। अब सवाल यह भी उठता है की जब विधायक ही गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए जारी शासन की योजना स्वेच्छानुदान योजना जो उनके जरूरत पर उन्हे दी जानी है का बंदरबांट करेंगे तो गरीबों का भला कैसे होगा।
एक ही परिवार के 7 सदस्यों को दिया विधायक ने स्वेच्छानुदान,स्वेच्छानुदान लेने वाला परिवार कांग्रेस पार्षद का परिवार
मनेंद्रगढ़ विधायक ने अभी तक जब भी स्वेच्छानुदान राशि जारी की है उन्होंने ज्यादातर मामलों में अपना चेहरा चमकाने के लिए ही यह राशि जारी की है जो देखा जाता रहा है। पत्रकारों को भी उन्होंने स्वेच्छानुदान राशि जारी की थी वहीं पूर्व में भी उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लोगों को ही स्वेक्षानुदान राशि का भुगतान किया है। विधायक ने इस बार भी पार्षद साथ ही एम आई सी सदस्य के परिवार के 7 लोगों को एक साथ स्वेक्षानुदान का भुगतान किया है जो दर्शाता है की किस तरह जरूरतमंदों के हक पर डाका डाला जा रहा है।
कांग्रेस के लोगों को ही जब स्वेच्छानुदान राशि की सबसे ज्यादा जरूरत फिर इसे पार्टी अनुदान क्यों नहीं घोषित करते विधायक
मनेंद्रगढ़ विधानसभा में यदि कांग्रेस पार्टी के लोगों को ही स्वेच्छानुदान राशि की सबसे ज्यादा जरूरत है और पार्षद सहित अन्य कांग्रेस पदाधिकारी जिन्हे स्वेच्छानुदान राशि दी गई यदि वही सबसे ज्यादा गरीब और जरूरतमंद हैं तो विधायक इसे पार्टी अनुदान क्यों नहीं घोषित करते यह भी विपक्ष की मांग है। विपक्ष ने कहा है की स्वेच्छानुदान की जगह इस योजना का नाम पार्टी कार्यकर्ता अनुदान रख देना चाहिए और फिर आराम से पार्टी के ही लोगों को भुगतान करना चाहिए।
बकरा भात कार्यक्रम जो विधायक ने अपना चेहरा चमकाने आयोजित किया था क्या उसका किया गया स्वेच्छानुदान मद से भुगतान,आरोप
वहीं स्वेच्छानुदान मद की राशि से विधायक के चेहरा चमकाने के लिए आयोजित बकरा भात कार्यक्रम के खर्च का भुगतान किया गया यह भी आरोप विधायक पर लग रहें हैं। विपक्ष का आरोप है की विधायक जिनकी जमीन अब खिसक चुकी है लगातार क्षेत्र में बकरा कटवा रहें हैं और लोगों को लालच में लाकर बकरा भात खिलाकर अपने लिए माहौल बना रहें हैं।
वहीं इन सभी कार्यक्रमों का भुगतान स्वेच्छानुदान मद से हो रहा है यह आरोप लग रहा है
दिवंगत पूर्व भाजपा विधायक को किए गए आर्थिक मदद का जिक्र कर विधायक दे रहे हैं सफाई- स्वेच्छानुदान बंदरबांट मामले में जब मनेंद्रगढ़ विधायक घिरते नजर आए और उनके ऊपर जब आम लोगों गरीब लोगों के हक का पैसा अपना चेहरा चमकाने का आरोप लगने लगा विधायक खुद की सफाई में पूर्व दिवंगत भाजपा विधायक को उनके इलाज के लिए किए गए आर्थिक मदद का भी जिक्र करते देखे और सुने गए। विधायक अब अपनी करनी छिपाने के लिए दिवंगत लोगों को की गई मदद का भी जिक्र करने से पीछे नहीं हट रहें हैं। विधायक को फिलहाल कांग्रेस नेताओं पार्षदों सहित पत्रकारों को दी गई स्वेक्षानुदान राशि को लेकर स्पष्टीकरण देना चाहिए लेकिन वह अपनी सफाई में और घिरते हुए नजर आ रहें हैं और अब आम गरीब और जरूरतमंद लोग उनकी तरफ सवालिया निगाहों से देख रहें हैं और सवाल कर रहें हैं की क्या गरीबों का हक इसी तरह अपना चेहरा चमकाने में प्रयोग करेंगे विधायक।
कई विपक्ष के नेताओं ने दिवंगत विधायक के मामले में बयान देने पर मनेंद्रगढ़ विधायक को घेरा
बता दें की भाजपा के पूर्व विधायक दिवंगत दीपक पटेल जो अपने जीवन के अंतिम समय में काफी गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे और उन्हे शायद जैसा वर्तमान विधायक ने इस दौरान स्वेक्षानुदान मद से मदद भी थी मामले में विधायक द्वारा अपनी सफाई में सहायता को लेकर बात को जगजाहिर करने मामले में कई विपक्षी दलों के नेताओं ने वर्तमान विधायक के इस कृत्य की आलोचना की है और इसे दिवंगत पूर्व विधायक के प्रति गलत संदेश प्रसारित करने वाला बताया है वहीं विधायक अपनी खिसकती जमीन बचाने ऐसा कर रहें है यह भी विपक्ष के नेताओं ने आरोप लगाया।
स्वेच्छानुदान मामले में गरीबों का हक संपन्न लोगों को देने का खामियाजा भुगत चुके हैं पूर्व बैकुंठपुर विधायक, हुई थी चुनाव में हार
बात स्वेच्छानुदान को संपन्न लोगों को भुगतान करने की हो तो पूर्व बैकुंठपुर विधायक साथ ही तत्कालीन सरकार में कैबिनेट मंत्री इसका खामियाजा भुगत चुके हैं और पिछले चुनाव में केवल इसी मुद्दे पर वह जनता के सामने खड़े नहीं हो पाए थे और उन्हे हार का मुंह देखना पड़ा था। इस बार मनेंद्रगढ़ विधायक इस मामले में सुर्खियों में हैं और उनका स्वेच्छानुदान केवल उनका ही चेहरा चमकाने प्रयोग किया गया है यह लगातार देखा गया है। अब विधायक आम गरीब लोगों के बीच किस मुंह से समर्थन मांगने जाएंगे यह देखने वाली बात होगी क्योंकि उन्होंने गरीबों का हक अपनी ही पार्टी के नेताओं और संपन्न लोगों को दे दिया है।