- एक ही व्यक्ति की कभी कांग्रेस कभी भाजपा में शामिल होने वाली वीडियो की खूब हो रही आलोचना…
- चार दिन पूर्व ही शिवपुर चरचा नगरपालिका अध्यक्ष पति की उपस्थिति में ज्ञानेंद्र पाण्डेय ने ग्रहण की थी कांग्रेस पार्टी की सदस्यता
- चार दिन में ही कांग्रेस पार्टी से हुआ मोह भंग,वापस लौटे भाजपा में,कहा मैं भाजपा सहित महोदय को नहीं छोड़ सकता
- चार दिन पहले सोशल मीडिया में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते नजर आए थे श्रमिक नेता
- चार दिन बाद भाजपा में पुनः वापसी की भी वीडियो सोशल मीडिया में हुई वायरल
–रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,19 जून 2023 (घटती-घटना)। दल बदल कभी इधर कभी उधर,आजकल राजनीति में लगातार यह चरित्र देखने को मिल रहा है और यह इसलिए भी हो रहा है क्योंकि हर दल में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो खुद को पार्टी का सबसे बड़ा हितैसी बताने लोगों को पकड़ पकड़कर अपने दल में शामिल कराते रहते हैं भले ही शामिल होने वाला कुछ दिनों या कुछ घंटों बाद ही वापस अपने दल में लौट जाए और खुद को वहीं का असली हितैषी बताए।
ऐसा ही कुछ वाक्या कोरिया जिले के शिवपुर चरचा से भी सामने आया है जहां एक श्रमिक नेता चार दिन पहले नगरपालिका अध्यक्ष के पति की उपस्थिति में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते हैं और चौथे दिन ही उनका नया वीडियो सामने आता है जिसमें वह भाजपा में ही रहने का संकल्प दोहराते हैं और महोदय का साथ नहीं छोड़ सकते ऐसी कसमें खाते हैं। उक्त श्रमिक नेता की जबानी सुना भी जा सकता है की जन्मदिवस का उत्साह था और ऐसा माहौल था की भवावेश में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी लेकिन उन्होंने यह भी कहा की वह भाजपा नहीं छोड़ सकते साथ ही वह महोदय को भी नहीं छोड़ सकते। महोदय शिवपुर चरचा साथ ही कोरिया की राजनीति के किसे कहा जाता है यह भी सर्व विदित है और वह पूर्व मंत्री के ही साथ रहना चाहते हैं यह श्रमिक नेता ने साफ साफ कह दिया।
पहले दिन के विडियो में कांग्रेसियों ने मनाया जन्मदिवस, श्रमिक नेता ने कांग्रेस पार्टी का किया गुणगान
शिवपुर चरचा में श्रमिक नेता ज्ञानेंद्र पाण्डेय का जन्मदिवस कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा मनाया गया और इस अवसर पर खासकर नगरपालिका अध्यक्ष पति की मौजूदगी भी रही जो श्रमिक नेता के जन्मदिवस को खास बना गई और श्रमिक नेता भावावेश में कांग्रेस पार्टी का गुणगान कर गए और उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता भी ग्रहण करने की बात कर दी,श्रमिक नेता ने स्थानीय विधायक सहित नगरपालिका अध्यक्ष के लिए काफी कसीदे भी पढ़े और कांग्रेस पार्टी अच्छा काम कर रही है उन्होंने कहते हुए बहुत कुछ कहा जिसका वीडियो भी नगरपालिका अध्यक्ष पति ने जारी किया और एक उपलब्धि बतौर नगरपालिका अध्यक्ष पति ने इसे साबित करने का प्रयास किया और साबित किया भी। अध्यक्ष पति के साथ साथ अध्यक्ष समर्थकों ने भी वीडियो वायरल किया और श्रमिक नेता का कांग्रेस प्रवेश एक बड़ी उपलब्धि पार्टी के लिए साबित की गई।
चार दिन बाद श्रमिक नेता का दूसरा वीडियो हुआ जारी,भाजपा और महोदय को नहीं छोड़ सकता कहा श्रमिक नेता ने
अभी कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण किए चार दिन भी नहीं हुए थे की श्रमिक नेता का फिर एक वीडियो जारी हुआ और इसमें श्रमिक नेता ने साफ साफ कहा की वह भाजपा और महोदय को नहीं छोड़ सकते साथ ही उन्होंने जन्मदिन के उत्साह में कांग्रेस प्रवेश की बात कर दी थी जो गलत है और वह भाजपा में ही हैं। श्रमिक नेता का दूसरा वीडियो आते ही यह साबित हुआ की श्रमिक नेता फिलहाल पुनःघर वापसी कर चुके हैं और वह भाजपा में ही हैं और रहने वाले हैं।
नगरपालिका अध्यक्ष पति शिवपुर चरचा का प्रयास असफल रहा,श्रमिक नेता ने छोड़ा साथ
मामले में नगरपालिका अध्यक्ष पति शिवपुर चरचा का प्रयास असफल रहा जिसमे उन्होंने श्रमिक नेता को कांग्रेस प्रवेश तो कराया लेकिन श्रमिक नेता चार दिन भी टिक नहीं पाए और वह भाजपा में वापस लौट गए। अध्यक्ष पति पूरे मामले को एक बड़ी उपलçध जरूर साबित करते रहे लेकिन श्रमिक नेता ने उनके अभियान को सफल नही होने दिया और चौथे दिन ही वह पूर्व मंत्री से जा मिले जो अध्यक्ष पति के लिए किसी झटके से कम नहीं।
श्रमिक नेता की भी हो रही आलोचना,कभी इधर,कभी उधर की रणनीति पर लोग ले रहे मजा
श्रमिक नेता की भी आलोचना हो रही है और लोग यह मजा ले रहें हैं की कभी इधर कभी उधर वालों की बाढ़ सी आई हुई है और ज्यादातर यही देखा जा रहा है की लोग जिसकी सत्ता उसी तरफ होकर रहना पसंद कर रहें हैं और उसी तरफ हो भी ले रहें हैं। श्रमिक नेता के भी कांग्रेस प्रवेश को उसी रूप में देखा जा रहा है। वैसे जिले में कई ऐसे नेता हैं जिनका काम ही अवसर देखकर दल बदल लेने का है और वह इसमें इतने माहिर हो चुके हैं की उन्हे शर्म भी नहीं आती ऐसा लोग कहते हैं। अवसर देखकर ऐसे नेता कभी भी किसी भी दल को दगा दे सकते हैं यह भी पार्टी के ही अंदर लोग कहते सुने जा सकते हैं जो सभी दलों में चर्चा का विषय रहता है।