रायपुर,18 जून 2023 (ए)। वर्तमान में शहर के अंदर चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों के चलते पूरा शहर धूल-धूसरित हो गया है। बात अंतर्राज्यीय बस स्टैण्ड पहंुच मार्ग की करें तो यह मार्ग सबसे ज्यादा खराब हो चुका है। जगह-जगह खुदे हुए गड्ढे और सड़क चौड़ीकरण के नाम पर की गई तोड़फोड़ से पूरा मार्ग बर्बाद हो चुका है। इनसे उठने वाले धूल के गुबार से जहां वाहन चालक परेशान हैं तो वहीं मार्ग के दोनों ओर रहने वाले सैकड़ों परिवार भी बेहाल हो चुके हैं।
राजधानी रायपुर का नाम इन दिनों धूलपुर और खोदापुर हो गया है। आम जनता अब सामान्य बातचीत में इसे धूलपुर कह रहे हैं। यह बात काफी हद तक सही भी प्रतीत होती है। कारण कि शहर का शायद ही ऐसा कोई मोहल्ला या मार्ग बचा हो, जहां सड़कें ना खोदी गई हों। दुख की बात यह है कि सड़कों को खोदने और काम पूरा होने के बाद इसे यूं ही छोड़ दिया गया है। इसके चलते वाहनों के गुजरते ही यहां धूल का गुबार उठ रहा है। शहर के अंदर कहीं पाईप लाईन, कहीं केबल बिछाने और कहीं पर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर सड़कों को बेतरतीब ढंग से खोदा गया है।
बात अंतर्राज्यीय बस स्टैण्ड पहंुच मार्ग की करें तो पुलिस लाईन से लेकर भाठागांव चौक तक चलना दूभर हो चुका है। यहां सड़क चौड़ीकरण के नाम पर सड़कों को खोद कर छोड़ दिया गया है। वहीं जगह-जगह हुए गड्ढे और मरम्मत आदि के नाम पर तोड़फोड़ का क्रम जारी है। परिणाम स्वरूप यह मार्ग पूरी तरह धूल के गुबार से ढंका रहता है। चंद माह पूर्व तक यह मार्ग हरे-भरे वृक्षों से आच्छादित था, वर्तमान में सभी पेड़ों को काटा जा चुका है। इसे लेकर भी लोगों में आक्रोश व्याप्त है। बस स्टैण्ड के निकट स्थित खेतों को एक बार फिर से पाटने का प्रयास हो रहा है, लेकिन इस बार जनता के आक्रोश के चलते यह काम रूका हुआ है। नागरिकों का कहना है कि आबादी वाले इलाके के मध्य से बसों का संचालन किसी भी प्रकार से उचित नहीं है। मगर जिम्मेदार अपनी जिद पूरी करने सैकड़ों परिवारों को जहां रोड पर ले आए हैं, वहीं हरियाली को नष्ट करने पर आमादा हैं।
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