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चिरमिरी@पुलिस विभाग के दो प्रधान आरक्षक अवैध वसूली में मस्त..लोग वसूलीबाज प्रधान आरक्षक से त्रस्त

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  • होटल संचालक को अपनी कार में 10 बोरा कोयला लाना पड़ा महंगा दो चर्चित व वसूलीबाज प्रधान आरक्षकों ने वसूली मोटी रकम और मामला किया रफा दफा:सूत्र
  • एमसीबी जिले के चिरमिरी व पोड़ी पुलिस थाने के चर्चित दो प्रधान आरक्षकों ने वसूली की हद पार कर दी है
  • थाना प्रभारियों को जानकारी नहीं और वसूल लिए मोटी रकम
  • होटल संचालक ने अपनी प्रतिष्ठा की वजह से व पुलिस वालों की धमकियों की वजह से डर कर नहीं की शिकायत

रवि सिंह –
चिरमिरी,14 जून 2023 (घटती-घटना)। एक तरफ जहां पुलिस के संभागीय आला अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारियों कर्मचारियों को चुस्त-दुरुस्त कर एक ईमानदार पुलिसिंग की पाठ पढ़ा रहे हो, ठीक उनकी मंशा के विपरीत एमसीबी जिले के पुलिस अधिकारी एवं उनके कर्मचारी अपने भ्रष्टाचार वाले आचरण से मुक्त नहीं हो पा रहे हैं, सट्टा जुआ कबाड़ कोयला याज खोरी जैसे काले धंधे से शायद ही कोयला अंचल मुक्त हो पाए, ऐसा प्रतीत होने लगा है की अपने तबादले में हर अधिकारी और सिपाही की पहली मंशा होती है कि कोयलांचल क्षेत्र के थानों और चौकियों में उसकी ड्यूटी लगाई जाए, ताकि वह आला अधिकारियों को भरोसे में रखकर अपने काले कारनामों को अंजाम दे सके।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चिरमिरी क्षेत्र के बरतूंगा कालरी का एक किराना और होटल व्यवसाई इन दिनों नागपुर चौराहे में रेलवे फाटक के समीप एक होटल का संचालन कर रहा है प्रायः देखा गया है कि आसपास के क्षेत्रों में जो भी होटल व्यवसाई हैं, वह कोयले का इस्तेमाल कर अपने चूल्हे और भट्ठों को जलाते हैं, एवं खाद्य पदार्थ पकाने का कार्य करते हैं इसी क्रम में यह व्यवसाई भी चिरमिरी से अपनी निजी कार में लगभग 10 बोरी कोयला लेकर नागपुर की तरफ जा रहा था, जिसको लंबे समय से अपने गिरफ्त में लेने की मंशा रखने वाले लंबे समय से इन्हीं स्थानों में जमे सिपाही उसे पकड़ लेते है, और उससे लगभग 3 लाख रुपए की डिमांड करते हैं, बहस और काफी आपसी जिरह में लगभग एक लाख पचास हजार रुपए में बात बनी और अंतः में उसे छोड़ दिया। होटल संचालक रात में अपनी गाड़ी वह अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए मांगी हुई रकम देकर अपना पीछा छुड़वाना ज्यादा जरूरी समझा। रात बीत गई और जब यह मामला धीरे-धीरे एक कान से दूसरे कान पहुंचने लगा तो दोनों प्रधान आरक्षक अपने आप को बचाने के लिए संचालक को और डराया धमकाया और कहा कि शिकायत यदि किया तो और फंस जाओगे, इसीलिए किसी के सामने हम लोग का नाम मत लेना और यह भी कहा की यदि किसी को बतया तो तू समझ लेना, पुलिसकर्मियों की दहशत इतनी है कि होटल संचालक लोगों को बताता तो सब है बस शिकायत करने से डरता है कि कहीं वह पुलिसकर्मियों उसे परेशान ना करें। सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है यह दोनों प्रधान आरक्षक अपने अन्य साथियों के साथ कुछ होटल में फ्री में खाना खाना चाहते थे, लेकिन होटल संचालक में डिस्काउंट की बात की 100 प्रतिशत माफ करने से मना कर दिया, जिसको लेकर इन सभी प्रधान आरक्षक ने बदला लेने की जुग दमें लगे रहे, इन्होंने पता लगाए होटल में यह घरेलू गैस इस्तेमाल करता होगा इसके लिए किचन में घुसकर देखे भी हैं लेकिन वहां पर इनको सफलता नहीं मिली लेकिन कोयला भटेट में जलता दिखा, और फिर इन्होंने मुखबीर लगा कर नजर बनाए हुए थे और फिर 1 दिन उसे बड़ी राशी उगाही कर ली जाती है। जितना यह छोटे लोगों को परेशान करते हैं पर अपनी पुलिसिंग का धौस दिखाते हैं, यदि इतना ही यह इमानदारी के साथ काम करते तो आज जिला अवैध कारोबार से मुक्त होता।
जिन दो प्रधान आरक्षकों ने लोगों के नाक में दम कर रखा है वह लंबे समय से एक ही थानों में जमे हैं…
एमसीबी जिले के दो चर्चित प्रधान आरक्षक जो हमेशा अपने कार्यप्रणाली को लेकर सुर्खियों में रहते हैं और अपने पकड़ की वजह से अपने घर के आस-पास थाने में जमे रहते हैं, एक प्रधान आरक्षक चिरमिरी थानेदार का खास है तो दूसरा पोड़ी में पदस्थ है। इन दोनों की जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम है, दोनों काफी जुगाड़ू और वसूलीबाज है इनका सीधे अवैध कारोबारियों से संपर्क है, यदि इन्हीं प्रधान आरक्षकों का मोबाइल साइबर की टीम जांच करें तो कई सारे अवैध कारोबारियों से इनके संपर्क मिल जाएंगे, लेकिन इनके मोबाइलों की जांच करेगा कौन ? क्योंकि यह तो दूसरों की मोबाइलों की जांच करना जानते हैं, अपने फैसने की बारी में अपने बचाव के लिए नेता व अधिकारियों को सामने कर लेते हैं, इस बार इन प्रधान आरक्षको पर नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक को कुछ ज्यादा ध्यान देना होगा, वही विधानसभा चुनाव में भी यह खलल डाल सकते हैं ऐसा सूत्रों का मानना है। चुनाव आयोग को अभी से ही ऐसे कर्मचारियों की पहचान कर लेनी चाहिए और इन्हें क्षेत्रों से दूर का रास्ता दिखा देना चाहिए।
बेहतर पुलिसिंग के लिए नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक को थोक में करना होगा स्थानांतरण
बेहतर पुलिसिंग के लिए नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक को सभी कर्मचारियों के एक बार नए सिरे से तबादला करना जरूरी है और तबादले के समय 15 साल की सूची जरूर खंगालने क्योंकि लंबे समय से कुछ कर्मचारी मनचाहे जगहों पर ही पदस्थापना पाने में सफल रहे हैं। चर्चित थानों में पदस्थ चर्चित पुलिसकर्मियों को जनकपुर कोटाडोल जैसे थानों में भी भेजा जाए और वहां के कर्मचारियों को इन क्षेत्रों में लाया जाए ताकि क्षेत्र में बेहतरीन पुलिसिंग हो सके और अवैध कारोबार पर अंकुश लग सके पुलिस की छवि सही हो सके और वसूलीबाज पुलिसकर्मियों की वजह से खराब हो रही छवि को सुधारा जा सके।
धमकाकर वसूली भी…और बाद में किसी को नहीं बताने की धमकी भी…गजब के कानून के रखवाले हैं दोनो प्रधान आरक्षक
इस मामले में होटल संचालक से धमकाकर बड़ी राशि दोनो प्रधान आरक्षकों ने वसूली भी और किसी को नहीं बताने की धमकी भी उन्होंने होटल संचालक को दे दी। लाखों रुपए देकर होटल संचालक भी धमकी की वजह से ही चुप है और कुछ वह लोक लज्जा की वजह से भी मौन है, मामले में बड़ा सवाल यह है की किस तरह के यह दोनो प्रधान आरक्षक कानून के रखवाले हैं जिन्हे कानून की रक्षा करनी है गलत का विरोध कर कार्यवाही करना है वह कार्यवाही का भय दिखाकर लोगों से गलत तरीके से वसूली करते हैं और जो गैर कानूनी हो रहा है उसे संरक्षण देते हैं। कुल मिलाकर दोनों की कानून व्यवस्था बनाए रखने की यह अजीब तरकीब है जिसमे अवैध कार्य होगा भी और उसके एवज में यह भय दिखाकर वसूली भी करेंगे।
आईजी सरगुजा ऐसे पुलिसकर्मियों के भरोसे कैसे अपराध मुक्त और अवैध कारोबार मुक्त संभाग की कल्पना करेंगे?
इस तरह के मामले सामने आने के बाद यह भी सवाल खड़ा होता है की किस तरह ऐसे पुलिसकर्मियों के भरोसे आईजी सरगुजा संभाग को अपराध मुक्त और अवैध कारोबार मुक्त कर सकेंगे। आईजी सरगुजा जहां समाज को एक अच्छी दिशा देने का प्रयास कर रहें हैं वहीं ऐसे पुलिसकर्मी उनके अभियान को पलीता लगा रहे हैं।


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