एमसीबी,@क्या विधायक के मीडिया प्रभारी विधायक के लिए गूगल सर्च कर विधायक का बयान कर रहे जारी,कॉपी पेस्ट का ले रहे सहारा?

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  • क्या विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भरतपुर सोनहत विधायक के अपने कोई विचार नहीं?
  • गूगल में उपलध एक संदेश निकालकर विश्व पर्यावरण दिवस पर भरतपुर सोनहत विधायक का विचार बताकर किया गया एक पोस्ट
  • अवसर जिलाधीश कार्यालय में वृक्षारोपण का,विधायक के विचार की जगह सोशल मीडिया पर विधायक के विचार बताकर डाला गया गूगल में उपलध विचार


-रवि सिंह-
एमसीबी,05 जून 2023 (घटती-घटना)। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जनप्रतिनिधियों ने आज काफी वृक्षारोपण किया और उन्होंने अधिकारियों के साथ कार्यालयों में वृक्षारोपण कर पर्यावरण को बचाने का जमकर संकल्प भी लिया। इसी क्रम में नवीन जिला एमसीबी में भी जिलाधीश कार्यालय में वृक्षारोपण किया गया और इस अवसर पर भरतपुर सोनहत विधायक ने भी वृक्षारोपण किया और अधिकारियों के साथ वृक्षारोपण कर उन्होंने पर्यावरण को बचाने का संकल्प भी लिया। वृक्षारोपण पश्चात सभी ने खासकर जनप्रतिनिधियों ने इस अवसर को सोशल मीडिया पर भी साझा किया और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने अपने विचार भी विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर रखे जो देखे जा सकते हैं।
इसी क्रम में भरतपुर सोनहत विधायक ने भी अपने विचार सोशल मीडिया पर रखे और उनके विचार जो शायद उनके सोशल मिडिया प्रभारी ने रखे को देखकर यही लगा की विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर विधायक के सोशल मीडिया प्रभारी ने यह साबित कर दिया की विधायक का विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर अपना कोई विचार नहीं है और उन्होंने गुगल पर पहले से ही उपलब्ध एक संदेश का सहारा लिया है और उसे ही कॉपी पेस्ट कर विधायक का विचार बताकर पोस्ट कर दिया है। पूरे पोस्ट को पढ़कर और देखकर समझा जा सकता है की एक जनप्रतिनिधि बतौर विधायक भरतपुर सोनहत की तरफ से कितनी बड़ी चूक की गई है और यह चूक उनके मीडिया प्रभारी ने की है जो समाने है। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर बहुत सारे सोशल मीडिया पोस्ट आज देखने को मिले लेकिन अधिकांश में यही देखा गया की वह पोस्ट करने वाले के अपने विचार हैं और वह उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षा के लिए स्वप्रेरित होकर पोस्ट किया है लेकिन भरतपुर सोनहत विधायक का सोशल मीडिया पोस्ट जो गुगल पर उपलब्ध ही एक पोस्ट है को विधायक के विचार बताकर पोस्ट करना कितना सही है यह अब विचार करने वाली बात है।
कलेक्ट्रेट परिसर में वृक्षारोपण कर दिया गया पर्यावरण जागरूकता का संदेश
5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर में फलदार पौधों का रोपण किया गया। वृक्षारोपण के माध्यम से लोगों को अधिक से अधिक पौधा लगाने और पर्यावरण को संरक्षित करने का संदेश दिया गया। पौधारोपण कार्यक्रम में सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और भरतपुर-सोनहत विधायक श्री गुलाब कमरो, सीजीएमएससी के संचालक और मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ. विनय जायसवाल, जनपद अध्यक्ष डॉ. विनय शंकर, कलेक्टर नरेंद्र कुमार दुग्गा, एसपी सिद्धार्थ तिवारी, एसडीएम अभिषेक कुमार, डीएफ़ओ एलएन पटेल, डिप्टी कलेक्टर सीएस पैकरा तथा अन्य अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में वृक्षारोपण किया।
सोशल मिडिया पोस्ट से विधायक की हो रही किरकिरी
गुगल पर पहले से ही उपलब्ध एक पर्यावरण के संदेश को भरतपुर सोनहत विधायक का संदेश बताकर सोशल मीडिया पर विधायक की आईडी से पोस्ट किए जाने मामले में अब विधायक की किरकिरी हो रही है और यह कहते लोगों को सुना जा रहा है की इस महत्वपूर्ण अवसर पर विधायक के स्वयं के विचार सामने आने चाहिए थे जो नहीं आया और उसकी जगह कॉपी पेस्ट का सहारा लेकर एक पहले से ही बने हुए संदेश को विधायक का संदेश बताकर पोस्ट कर दिया गया। विधायक का सोशल मीडिया पोस्ट निश्चय ही उन्होंने नहीं उनके मीडिया प्रभारी ने पोस्ट किया लेकिन उन्हें भी ध्यान रखना था की इस तरह की पोस्ट से विधायक की किरकिरी हो सकती है।
विश्व पर्यावरण दिवस पर ही क्यों आती है पर्यावरण की याद,यह भी है एक सवाल
प्रति वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ही लोगों को खासकर जिम्मेदार लोगों को जिनमे अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हैं उन्हे पर्यावरण की याद क्यों आती है यह एक बड़ा सवाल है। पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षा को लेकर साल भर ही सभी की सक्रियता क्यों नजर नहीं आती। वर्षभर पर्यावरण का किसी को ध्यान नहीं रहता लेकिन पर्यावरण दिवस के अवसर पर फोटो खिंचाने और अपने विचार लोगों तक पहुंचाने जिम्मेदारों को काफी सक्रिय देखा जाता है और दिवस बीतते ही फिर पर्यावरण की भी याद धूमिल हो जाती है और फिर साल भर बाद ही उसकी फिर याद आती है।
लगातार वृक्षों की हो रही कटाई,कैसे पर्यावरण की सुरक्षा की शपथ ले रहे जिम्मेदार
वृक्ष हैं तो पर्यावरण सुरक्षित है यही सत्य है लेकिन आज यदि नियमों और पर्यावरण को लेकर कायदों की बात की जाए तो वृक्षों की कटाई हर तरफ जोरों से जारी है। वृक्षों की कटाई को लेकर नियम भी अब शिथिल कर दिए गए हैं और अब बड़े ही आसानी से वृक्ष काटे जा सकते हैं और अनुमति भी मिल रही है। अब इसके बाद किस तरह पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षा हो सकती है समझा जा सकता है।
आरा मिलों की संख्या में भी हुई है वृद्धि
हाल फिलहाल में आरा मिलों की संख्या में भी वृद्धि हुई है और अब आरा मिल भी आसानी से आरंभ किए जा रहे हैं। कुलमिलाकर केवल शपथ तक ही पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षा की बात है बात यदि असलियत में संरक्षा और सुरक्षा की होती ऐसे दृश्य सामने नहीं होते।


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