प्रशासन जांच करने बरतरहा ढील,जनपद सीईओ,पीओ को लगे बचाने में
- ओंकार पाण्डेय-
सुरजपुर,27 मई 2023 (घटती-घटना)। विवादों में रहने वाला प्रेमनगर जनपद पंचायत इन दिनों फिर सुर्खियों में है। यहां पदस्थ जनपद सीईओ और मनरेगा कार्यक्रम आधिकारी पर स्थानीय ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। बल्कि जिला पंचायत सहित अन्य पंचायत विभाग के अपर सचिव से लिखित शिकायत देकर कार्यवाही की मांग है। जिस पर प्रशासन ने जांच टीम का गठन कर 5 दिवस के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि प्रेमनगर विकास खण्ड के एक युवक ने जिला पंचायत को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया है कि विकास खंड प्रेमनगर के ग्राम पंचायत वृन्दावन को विकासखंड व् जिला स्तर पर की टीम द्वारा रिपा महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क बनाये जाने हेतु ग्राम वृंदवन के गौठान परिसर को चयन किया गया था। ग्राम को शासन से 52 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई थी, शासन की ओर से राशी जनपद पंचायत प्रेमनगर को जारी किया गया था. साथ ही निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को बनाया गया है। प्रेमनगर जनपद पंचायत के प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी निलेश सोनी द्वारा ग्राम पंचायत से बाहर के व्यक्ति से कमीशन लेकर कार्य दे दिया गया था, जिसका विरोध ग्राम पंचायत द्वारा किया गया था, जनपद द्वारा प्रथम किश्त 40 प्रतिशत अग्रिम राशी ग्राम पंचायत को दिया गया था. और सरपंच सचिव पर दबाव बना कर चेक के माध्यम से भुगतान सीईओ निलेश सोनी के चेहेते ठेकेदार को करा दिया गया था. कार्य अधूरा था, और ग्राम पंचायत के सचिव हडताल में थे. इस दौरान प्रेमनगर जनपद सीईओ निलेश सोनी द्वारा पंचायत के सचिव पर निलम्बन, सर्विस बुक खराब करने सहित अन्य तरह के दबाव बनाकर पन्द्रह लाख – रूपये का एक चेक सम्बन्धित ठेकेदार के नाम से कटवा दिया था। और कार्य धरातल में अधूरा था। तकनीकी विशेषज्ञ ने मूल्यांकन भी नही किया था। जिसके बाद भी चेक जनपद से ग्राम पंचायत के खाता में ट्रांसफर किया गया। 15 लाख का चेक को सम्बंधित ठेकेदार ने बाउंस होना बताया था जिस पर पंचायत के सचिव, सरपंच ने बाउंस चेक वापस करने की मांग की जिस पर प्रभारी सीईओ ने सरपंच सचिव से कहा कि चेक सप्ताह भर बाद डाक से प्राप्त होगा, बैंक से राशि एफटीपी करा दीजिये जनपद सीईओ के दबाव में आकर सचिव ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया प्रेमनगर के बैंक से 15 लाख की राशि अपने बैंक खाता में ट्रांसफ़र करा लिया है। देखा जाए तो कुल बावन लाख का भुगतान कर दिया गया है. मौके पर देखेंगे की कार्य 60 प्रतिशत भी धरातल में नही हुआ है और भुगतान पूरा हो चुका है।
इस कार्य में जनपद सीईओ व् मनरेगा पीईओ की भूमिका संदिग्ध है. इस दोनो अफशरो के लापरवाही व भ्रष्टाचार निति के कारण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ड्रीम प्रोजेक्ट धरातल में दम तोड़ रहा है, प्रेमनगर विकास खंड के कई ग्रामो में गोठान अधूरा है, कागज में पूरा हो चुका है. साथ ही इस रिपा प्रोजेक्ट में वित् नियमो को ताक में रख है कार्य दिया गया है।
जनपद पंचायत प्रेमनगर के सीइओ व् महात्मा गाँधी रोजगार गांरटी योजना के कार्यक्रम अधिकारी भूपेंद्र बैरागी के कार्य से जनपद पंचायत के क्षेत्र में असंतोष का निर्मित है. जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत में समस्त कार्य निम्न स्तर के है. कई कार्य जमीन पर अधूरा है और धरातल में पूरा हो चुका है. मनरेगा सहित अन्य कार्य में सीइओ व् पीओ द्वारा मोटी रकम कमीशन की मांग किया जाता है. जनपद के इंजिनियर द्वारा कई निर्माण कार्यो के साइड का चयन भी सही नहीं किया है कई कार्य, पुलिया, तट बंध का निर्माण उन जगहों पर बनाया गया है जहां आवश्यकता ही नही था, साथ ही इन कार्यो के गुणवक्ता पर ध्यान नही दिया गया है।
आवेदक ने जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी पर कार्यवाही करते हुए थाना में प्राथमिकी दर्ज भी कराने की मांग की है। जिस पर जिला पंचायत 5 सदस्यीय जांच टीम गठित की है। इसके बाद कार्यवाही किया जायेगा। प्रशासन अपने अफसरो पर कार्यवाही करने में हाथ पांव फूलने लगा है। जबकि तत्काल प्रभाव से पद से पृथक कर जांच कराया जाना था।