सूरजपुर@वायरल वीडियो के बाद फजीहत,प्रशासन जुटी अपनेबचाव में और पूरे दिन ढूंढती रही पथराव वाला वीडियो?

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  • अतिक्रमण हटाने के दौरान एक महिला को लात से मारने वाले पुलिसकर्मी के वायरल वीडियो पर सूरजपुर प्रशासन में मची रही हड़कंप
  • प्रशासन की अतिक्रमण हटाने में दिखी लापरवाही जिस वजह भीड़ हुई उग्र
  • जब महिला पुलिसकर्मियों की थी कमी तो अतिक्रमण हटाने क्यों गई राजस्व विभाग व पुलिस?
  • यदि प्रशासन सही नियत से अतिक्रमण को हटाती तो बेकाबू नहीं होती भीड़
  • जिले के पत्रकारों व आम लोगों से संपर्क कर पुलिस व जिला प्रशासन पथराव के वीडियो मांगती रही
  • क्या वायरल वीडियो के प्रधान आरक्षक के कृत्य को देख उच्च अधिकारी करेंगे कार्यवाही?


-विशेष संवाददाता-
सूरजपुर 26 मई 2023 (घटती-घटना)। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत तिलसीवा के गांव में अतिक्रमण हटाने गई प्रशासन की गई लापरवाही सामने आई,प्रशासन को पूरी तैयारियों के साथ अतिक्रमण को नियम के तहत तोड़ने के लिए जाना था पर प्रशासन अतिक्रमण को हटाने के लिए खुद कमजोर होकर वहां पर महिला पुलिस की कमी के साथ पंहुचा,पुलिस विभाग कुछ महिला कर्मचारियों के साथ महिलाओं के एक बड़े समूह को कंट्रोल करने पहुंचा था जहां वह नाकाम रहे, अतिक्रमण हटाने के दौरान राजस्व विभाग की एक बड़ी गलती यह है कि वह निष्पक्ष सोच के साथ अतिक्रमण नहीं हटा रहे थे, किसी को का घर बचा रहे थे तो किसी का घर तोड़ रहे थे, जिसे लेकर विरोध हुआ और महिलाएं उग्र हो गई और वहां पर लाइन आर्डर बिगड़ में जिसे संभालने में प्रशासन की नाकामी दिखी,भीड़ नियंत्रण करने के दौरान महिला पुलिस की कमी रही, भीड़ को काबू में लाने के लिए पुरुष पुलिसकर्मी इस कदर मानवता भूल गए कि महिला का बाल पकड़ के गिरा दिया और लात से मरने लगे, जब यह वीडियो सोसल मिडिया व अखबारों की सुर्खियां बनी तब प्रशासन का दिमाग झना गया और अपने बचाव में तमाम तरीके से जुटे रहे, अपने बचाव के लिए वह एक वीडियो खोज रहे थे जिस वीडियो में वहां के लोगों के द्वारा पथराव किया जा रहा था पर वह पथराव कितने देर के लिए किया जा रहा था और कौन कर रहा था इस का पता नहीं,जो वीडियो सामने अभी तक नहीं आ पाया पर पुलिस प्रशासन अपने बचाव के लिए इस वीडियो को खोज रही हैं कहीं न कहीं यह घटना गलत थी जिसे लेकर भाजपा ने भी इस पर निशाना साध दिया है भाजपा के एक बड़े नेता राजेश मूरत ने भी सवाल खड़े किए है।
ज्ञात हो की कमजोर तबके के लोगों का आशियाना तोड़ जा रहा था, जिसे लेकर कर पुलिस का बर्बर चेहरा देखने को मिला..जिसमे एक ग्रामीण महिला को प्रधान आरक्षक बाल पकड़कर लात मारते दिखे..पूरे घटना क्रम का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है और लोग पुलिस की बर्बरता की भर्त्सना कर रहे है..ग्रामीण महिला पर बाहुबल का वीरता दिखाते प्रधान आरक्षक प्रदीप उपाध्याय है देखा जा सकता है कि किस तरह महिला का बाल पकड़कर जमीन में गिरा देता है प्रधान आरक्षक और लात मारते देखे जा सकता है…वीडियो सामने आने पर पुलिस अधीक्षक को कुछ भी मालूम नही है ऐसा उन्होंने ने बताया…वैसे मामले में वीडियो देखकर समझा जा सकता है की किस तरह पुलिस का व्यवहार महिलाओं को लेकर है,सूरजपुर जिले में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस अपने साथ महिला पुलिस लेकर तो गई लेकिन पुलिस ने महिला पुलिस का उपयोग महिलाओं के मामले में नहीं किया, बल्कि एक पुरुष प्रधान आरक्षक ने महिलाओ के साथ बर्बरता की और महिलाओं के साथ मारपीट की पूरे मामले में महिला अधिकारों को लेकर फिर एक बार सवाल खड़ा होता है की क्या महिलाओं के मामले में कानून का रवैया आज भी नहीं बदला और केवल दिखावे के ही लिए महिला पुलिस को महिलाओ के मामले में पुलिस लेकर जाति है जबकि वह बर्बरता करते समय पुरुष पुलिसकर्मियों को ही सामने करती है।
यह है पूरा मामला
शासन का भी अलग ही लीला है शहरों में रहने वाले लोगों को फ्री होल्ड के तहत जमीन देकर राजस्व का खजाना भरा जा रहा है पर वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अतिक्रमण के बुलडोजर चलाए जा रहे हैं अब शासन का यह दोहरा नीति व नियम लोगों के समझ के परे है, यही वजह है कि अतिक्रमण हटाते समय प्रशासन के लोगों को ही ग्रामीणों के सामने दो-चार होना पड़ता है, प्रशासन की पहली गलती तो यह है कि जिस समय अतिक्रमण होता है उस समय वह गहरी नींद में सोए रहते हैं, जबकि अतिक्रमण हो रहा है यह सारी जानकारी उन्हें पता रहती है, जब अतिक्रमण होकर लोग वहां रहने लगते हैं और उस जगह पर बसावट हो जाती है और एक गांव का रूप ले लेता है तब शासन जाती है और अतिक्रमण हटाने के चक्कर में एक बड़े तबके को नुकसान पहुंचा जाती है, यदि यही काम प्रशासन शुरुआती दौर में करता तो प्रशासन के लिए भी समस्या कम होती और लोगों को भी इतनी तकलीफ नहीं होती, जब लोग लाखों खर्च करके अपना आशियाना बना लेते हैं और रहने लगते हैं तब उस पर बुलडोजर चलना उनको ज्यादा तकलीफ देता है और ग्रामीणों और प्रशासन के बीच तनाव की स्थिति निर्मित हो जाती है, कुछ ऐसा ही सूरजपुर मुख्यालय से कुछ ही दूर पर लगे ग्राम पंचयत तिलसिंवा में कलेक्टर का आदेश का पालन करते हुए अतिक्रमण हटाने गई सूरजपुर तहसीलदार ग्रामीणों के गुस्से का शिकार हो गई और ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और काफी देर तक बंधक बनाकर रखा, पुलिस प्रशासन की बीच-बचाव में तहसीलदार को जैसे-तैसे ग्रामीणों के बीच से लाया गया और महिलाओं पर कार्यवाही की गई, यह भी कहा जा रहा है कि जहां पांच घर तोड़ने थे वहां पर प्रशासन ने पूरी बस्ती ही तोड़ दी, अब इसका नुकसान आने वाले चुनाव में भी होना है और कहीं न कहीं बीजेपी इसे सांत्वना के तौर पर उठाएगी और अपना फायदा देखेगी चुनावी दौर में ऐसा करना कहीं ना कहीं वर्तमान सरकार के लिए मुसीबत है।
सूरजपुर के बारे में वीडियो पर भाजपा का निशाना
वायरल वीडियो पर भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेश मूणत ट्विटर पर ट्वीट कर लिखा की वीडियो सूरजपुर का बताया जा रहा है,जिसमे पुलिस अतिक्रमण हटाने गई पुलिस ने महिलाओं के साथ मारपीट कर रही है! कांग्रेस सरकार आने के बाद आखिर पुलिस को हो क्या गया है? अपराधी और रक्षक दोनो एक ही तरह बर्ताव कर रहे हैं!


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