अंबिकापुर,26 मई 2023 (घटती-घटना)। 25 मई से नौतपा शुरू हो गया है। नौतपा शुरू होते ही पश्विमी विक्षोभ भी सक्रिय है। आसमान में बादल सक्रिय होने के कारण नवताप का प्रारंभिक दिनों में खलल देखने को मिल रहा है। नौतपा के दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह आसमान में बादल छाए रहे। लोगों को लगा की पूरे दिन असामान में बादल छाय रहने से तीखी धूप से राहत मिलेगी। पर कुछ ही घंटे बाद तीखी धूप निकली और लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया। पर दोपहर तीन बजने के बाद पुन: आसमान में बदल सक्रिय हो गए और मौसम ठंडा हो गया। मौसम विभाग का मानना है कि मश्चिमी विक्षोभ अभी एक-दो दिनों तक सक्रिय रहेगा। इस कारण 28 मई के बाद नौतपा का असर देखने को मिल सकता है। पश्विमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण नौतपा के शुरूआती चार से पांच दिनों तक खास असर नहीं रहेगा। वहीं नौतपा का दूसरे दिन शुक्रवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री कम रहा। नौतपा के पहले दिन अधिकतम तापमान जहां 41.4 डिग्री था वहीं घटकर 36.8 डिग्री पहुंच गया है। मौसम विज्ञानी एएम भट्ट के अनुसार जून तक खाड़ी और उार भारत के वायुदाब में पर्याप्त अंतर होने से उच्च वायुदाब क्षेत्र बंगाल की खाड़ी और हिन्द महासागर की ओर से नमी ले कर हवाएं उार भारत की ओर गतिमान हो जाती हैं जो रास्ते में ठंडी होती हुई जल बूंदों में तदील होती हुई वर्षा का कारक होती हैं। अब यदि उार, पश्चिमोार भारत में मई के महीनों में लगातार पछुआ के कारण वर्षा होती रहे और तापमान न बढ़ पाए, लू न चले, जन जीवन गर्मी से हलाकान न होवे तो समझना चाहिए कि वायुदाब में पर्याप्त कमी नहीं हुई है और उसके, खाड़ी की जलयुक्त हवा को खींचने का सामर्थ्य क्षीण हुआ है। नौतपा की धारणा भी इसी तथ्य को इंगित करती है। मई के अंतिम सप्ताह की प्रचंड गर्मी जब मृग मरीचिका जैसी परिस्थितियां उत्पन्न करती हैं तब माना जाता है कि वर्षा शीघ्र और अच्छी होने वाली है और यदि नौतपा न तप पाए तो वह किसानों को चिंतित करने वाली होती है।
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