अंबिकापुर @तस्करों ने एक ही दिन में काट डाले 150 से अधिक पेड़

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,कार्रवाई की जगह जिम्मेदार सो रहे चैन की नींद
सरगुजा जिले के लुंड्रा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम डडग़ांव में मशीन लगाकर दे दी गई पेड़ों की बलि,नायब
तहसीलदार का कहना हमने वन विभाग को दी थी सूचना,जबकि रेंजर बोलीं-मुझे नहीं मिली सूचना…

  • संवाददाता –
    अंबिकापुर,23 मई 2023 (घटती-घटना)।
    राजस्व अधिकारियों की उदासीनता के कारण लुण्ड्रा थाना क्षेत्र के डडग़ांव में तस्करों द्वारा 150 से अधिक पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई। इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई होने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा है। लेकिन जिले के जिम्मेदारों को इससे कोई लेना देना नहीं है। केवल इन्हें मोटी कमाई से मतलब है। बताया जा रहा है कि तस्करों ने एक दिन में डेढ सौ से अधिक पेड़ों की कटाई करा दी।
    बताया जा रहा है कि ये सारा काम तहसलीदार, वन विभाग की मिली भगत से हुआ है। सरगुजा जिले के लुंड्रा लॉक अंतर्गत डडग़ांव ग्राम है। इस गांव में नन्दोला मंदिर के पास कई एकड़ शासकीय जमीन में युकेलिप्टस और आर्केसिया के पेड़ लगाए गए थे। लकड़ी तस्करों की नजर इन पेड़ों पर बहुत पहले से थी।
    तस्कर राजस्व अधिकारियों, वन विभाग व गांव के सरपंच, उप सरपंच की मिली भगत से पेड़ों को काटकर बेचने में लगे हैं। दिन दहाड़े तस्करों ने 150 से ज्यादा पेड़ों की कटाई करा दी और क्रेन और ट्रकों के माध्यम से पेड़ों को मिल में खपाया जा रहा है।
    बताया जा रहा है कि तस्करों ने अब तक युकेलिप्टस और आर्केसिया के लगभग चार सौ पेड़ों काट दिया है। इधर सैकड़ों पेड़ के काटने से पर्यावरण को नुकसान के साथ राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ है। बड़ी मात्रा में पेड़ों की कटाई होने के बाद भी राजस्व और वन विभाग मौन है।
    तस्करों पर नहीं होती है कार्रवाई
    नियम विरूद्ध सैकड़ों पेड़ों की कटाई होने से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। हालांकि लकड़ी तस्करों द्वारा शासकीय जमीन में लगे पेड़ों को काटने का ये पहला मामला नहीं है। इसके बावजूद जिम्मेदार इन पर कार्रवाई करने की बजाय मौन हैं। कार्रवाई नहीं होने से तस्करों का मनोबल बढ़ा हुआ है।
    मशीन से काट दिए जा रहे सैकड़ों पेड़
    तस्कर पेड़ कटाई करने के लिए कुल्हाड़ी का उपयोग नहीं कर रहे हैं। तस्कर काफी कम समय में मशीन के माध्यम से सैकड़ों पेड़ों की बली चढ़ा रहे हैं। कुल्हाड़ी से काटने में समय ज्यादा लगता है। इसलिए तस्कर अब मशीन का उपयोग कर दिन व रात में धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई करवा रहे हैं। वहीं जिम्मेदार चैन की नींद सो रहे हैं।
    पौधरोपण में बड़ी राशि हो रही खर्च, इधर धड़ल्ले से कटाई
    एक तरफ सरकार पौधरोपण में लाखों रुपए खर्च कर रही है। वहीं तस्कर शासकीय भूमि पर लगे पड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं। पेड़ों की कटाई कर मिलों में ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। इस अवैध कारोबार में वन विभाग व राजस्व विभाग की पूरी तरह मिलीभगत रहती है।
    नायब तहसीलदार की भूमिका संदिग्ध
    लुण्ड्रा नायब तहसीलदार का कहना है कि डडग़ांव के ग्रामीणों ने ग्राम सभा पारित कर पेड़ों की कटाई कर दी है। इसके लिए राजस्व विभाग से अनुमति नहीं ली गई है। जानकारी मिलने पर पेड़ों को जत कर कार्रवाई के लिए वन विभाग को सौंप दिया गया है।
    वहीं इस मामले में लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र की रेंजर आकांक्षा लकड़ा का कहना है कि जिस स्थान पर पेड़ों की कटाई हुई है वह राजस्व की भूमि है। वहीं नायब तहसीलदार द्वारा मुझे कार्रवाई के लिए कोई सूचना नहीं दी गई है।

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