मनेन्द्रगढ़@क्या मनेंद्रगढ़ का रेस्ट हाउस स्थाई रूप से विधायक व अधिकारियों का बसेरा हो गया है?

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रेस्ट हाउस में वर्षों से विधायक और अधिकारियों का कब्जा,अतिथियों के आराम के लिए करनी पड़ती है शिफि़्टंग

रवि सिंह –
मनेन्द्रगढ़ 13 मई 2023 (घटती-घटना)। जि़ला मुख्यालय मनेन्द्रगढ में बना शासकीय रेस्ट हाउस नेताओं और अधिकारियों का घर बन गया है. केवल विश्राम करने के लिए बने इस रेस्ट हाउस में कई सालो से अधिकारियों, विधायक और विधायक के कर्मचारियों का कब्जा है। और जब कभी किसी गेस्ट को रेस्ट करने यहाँ आना होता है तो फिर आनन फानन में सामान शिफ़्टिंग की जाती है। यहाँ के गेस्ट हाउस में जिसका कब्जा है उसमे विधायक और दो अधिकारी शामिल हैं। वैसे तो शासन से इनको माकान किराया मिलता होगा। लेकिन फोकट के जुगाड़ में रहकर इसको भी बचाने की क¸वायद में ये सभी रेस्ट हाउस को ही अपना माकान बना चुके है।
किसी भी शहर का रेस्ट हाउस वहाँ आने वाले व्हीआईपी, बड़े अधिकारी और विशेष अतिथियों के अस्थाई रूप से ठहरने का ठिकाना होता है, मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और विधायक से लेकर तमाम अधिकारियों के लिए नाम मात्र का शुल्क पटाकर रूकने की यहाँ व्यवस्था होती है। पर नए बने जि़ले के जि़ला मुख्यालय मनेन्द्रगढ में कुछ अधिकारी और विधायक का पिछले कई साल से स्थाई कब्जा हो गया है रेस्ट हाउस में और जि़ला प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
शासकीय मकान फिर भी रेस्ट हाउस में कब्जा
जानकारी के मुताबिक सोनहत भरतपुर विधायक गुलाब कमरों एक कमरे में और उनके पीएसओ और ड्रायवर दूसरे कमरे में कब्जा जमाए हुए है। जबकि इसी रेस्ट हाउस के ठीक पीछे विधायक को शासकीय माकान मिला है। जिसमें उनका परिवार रहता है। विधायक और उनके पीएसओ के अलावा 6 महीने से दो डिप्टी कलेक्टर रेस्ट हाउस में कब्जा जमाए हुए हैं। इनमे प्रवीण भगत और एक महिला संयुक्त कलेक्टर के नाम शामिल है। हांलाकि अभी हाल फि़लहाल में महिला संयुक्त कलेक्टर की शादी के बाद रेस्ट हाउस के उस रूम को जनसंपर्क अधिकारी ने अपना कब्जा जमा लिया है. इस अव्यवस्था और कब्जे का नतीजा है कि जब कोई व्हीआईपी या बड़े नेता जब मनेन्द्रगढ आते है, तब रूम ख़ाली करवाने के लिए यहाँ के कर्मचारियों को सामान शिफि़्टंग का काम एक बार नहीं दो दो बार करना होता है। एक बार तब जब व्हीआईपी आते हैं और एक बार तब जब व्हीआईपी आकर जाते हैं। मतलब कुल मिलाकर मनेन्द्रगढ का रेस्ट हाउस विधायक और अधिकारियों का बेस्ट हाउस बनकर रह गया है।
कराना पड़ता है शिफ़्टिंग..एसडीएम
रेस्ट हाउस में किसी अव्यवस्था को रोकने के लिए कलेक्टर द्वारा सत्कार अधिकारी की नियुक्ति की जाती है, मनेन्द्रगढ एसडीएम और सत्कार अधिकारी अभिषेक कुमार ने बताया कि विधायक गुलाब कमरों को रेस्ट हाउस के पीछे घर मिला है, गेस्ट हाउस में मीटिंग वग़ैरह लेते हैं, और जब कोई गेस्ट आते हैं तो शिफ़्टिंग करके उस रूम को दिया जाता है, इसी तरह अधिकारियों के क़ब्ज़े के सवाल पर एसडीएम ने कहा कि अभी नया ज़िला बनने से जल्दी रूम किराए में नहीं मिल पा रहे हैं, जैसे जैसे रूम मिल रहा है, वैसे वैसे रेस्ट हाउस को ख़ाली कराया जा रहा है।


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