दांतों के जिस जांच के लिए खर्च करने पड़ते हैं ढाई से तीन हजार रुपए उसके लिए चुकानी होगी मात्र 05 सौ रुपए की फीस
- संवाददाता –
कोरबा, 07 मई 2023 (घटती-घटना)। कोरबा शहर के घंटाघर स्थित सिटी डेंटल हॉस्पिटल में अब हाईटेक सीबीसीटी मशीन से जबड़ों (दांतों) की थ्रीडी एक्स-रे होगी। जिसमें बारिक से बारिक समस्या के बारे में सटीक जानकारी मिल जाएगी। अब तक सीबीसीटी मशीन से जांच के लिए मरीजों को बिलासपुर या रायपुर जाना पड़ता था। जहां जांच के लिए ढाई से तीन हजार फीस लगता है लेकिन सिटी डेंटल हॉस्पिटल में उक्त जांच के लिए मात्र 5 सौ रुपए की फीस ली जाएगी। उक्त जानकारी सिटी डेंटल हॉस्पिटल में रविवार को सीबीसीटी मशीन व इंट्रा ओरल स्कैनर की सुविधा का उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे इंडियन डेंटल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. राजीव सिंह व सिटी डेंटल हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. सरफराज खान ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि सीबीसीटी मशीन महंगी होने के कारण अब तक इसकी सुविधा कोरबा में नहीं थी। सिटी डेंटल हॉस्पिटल में डिजिटल सिस्टम से सीबीसीटी मशीन व इंट्रा ओरल स्कैनर का लाभ कोरबा के निजी डेंटल क्लीनिक के साथ ही सरकारी अस्पतालों के डेंटिस्ट के पास उपचार कराने वाले मरीजों को भी मिलेगा क्योंकि एक तो दांत के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और दूसरा बिलासपुर-रायपुर के अलावा कही भी सीबीसीटी मशीन से जांच की सुविधा नहीं है। शहर में सुविधा शुरू होने से मरीजों को उन शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी साथ ही कम फीस में ही जांच हो सकेगा। इससे मरीजों का समय के साथ ही खर्च भी बचेगा। सीबीसीटी मशीन से जबड़ों के फ्रैक्चर, रूट कैनाल समेत अन्य बारिकियां का पता चल सकेगा। जो उपचार व सर्जरी में बेहद मददगार साबित होगा। इंट्रा ओरल स्कैनर से दांतों के अंदर के रोग के अलावा दांतों की सेटिंग एवं दांतो का माप भी आसानी से लिया जा सकेगा। प्रेस वार्ता के दौरान डॉ. सनोबर खान भी उपस्थित थी।
गुटखा-तंबाखू की वजह
से बढ़ रहा दांतो का कैंसर
इंडियन डेंटल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. राजीव सिंह ने सीबीसीटी मशीन के बारे में विस्तार से बताया कि गुटखा व तंबाखू खाने की आदत के कारण दांतों (मुंह) में होने वाला कैंसर बढ़ रहा है। पहले लक्षण के आधार पर मरीजों को बायोप्सी जांच कराने के लिए कहा जाता था। लेकिन सीबीसीटी मशीन में चंद मिनट में जांच कर दांतों की जांच कर साफ तौर पर देखा जा सकेगा कि कैंसर है या नहीं। क्योंकि जबड़ों की स्थिति साफ दिखती है। कैंसर होने पर दांत व आसपास के हड्डी व मांस गल जाते हैं। इस तरह मुंह में कैंसर की शुरूआत होने पर मामूली खर्चे पर जांच से मरीज का समय पर उपचार संभव है।
सीबीसीटी मशीन की खासियत
मशीन से जांच पर दांतों, हड्डियों और जबड़े की थ्रीडी स्कैनिंग होती है। इससे जबड़ा, दांत के साथ ही नाक और कान के पास का पूरा हिस्सा और चेहरों की अन्य नसों की सही जानकारी मिल जाती है।
सीबीसीटी मशीन का यह लाभ
1.इलाज में हो जाएगी आसानी – सीबीसीटी मशीन द्वारा ट्यूमर, सिस्ट, माउथ कैंसर की जांच और पहचान में काफी मदद मिलेगी। साथ ही इनके इलाज में काफी आसानी होगी 2.थ्रीडी डायमेंशन से आसान हुई डायग्नोसिस – पहले रेडियोग्राफ टू-डायमेंशन होते थे, मगर अब थ्रीडी डायमेंशन तकनीक आने से डायग्नोसिस आसान हुई है। इसमें कोन बीम कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीबीसीटी) के जरिए व्यक्ति के दांतों की हर एंगल से जांच होती है। उसका हर पार्ट कंप्यूटर पर दिखाई देता है, जिससे जरूरत के हिसाब से उसके दांतों का शेप, कलर आदि तय किया जाता है। कई बार चोट लगने से दांत का रंग नीला या काला पड़ जाता है या फिर उसकी सफेदी चली जाती है। ऐसे में पहले रूट कैनाल ट्रीटमेंट और फिर इंटरनल लीचिंग करते हैं, जिससे दांत ठीक हो जाता है।3. डेंटल इम्लांट प्लानिंग -सीबीसीटी मशीन का इस्तेमाल अक्सर डेंटल इम्प्लांट प्लानिंग के लिए किया जाता है। यह वायु कोशिय हड्डी और आसपास की संरचनों की विस्तृत छवियां प्रदान कर सकता है। जिसका उपयोग हड्डी की मात्रा को मापने और हड्डी की गुणवाा को मूल्यांकन करने के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के लिए यह तय करने में सहायता करने के लिए कि कौन सा प्रत्यारोपण उपयोग करा है। 4.आर्थोडॉन्टिक ट्रीटमेंट प्लानिंग – सीबीसीटी मशीन का इस्तेमाल आर्थोडॉन्टिक ट्रीटमेंट प्लान के लिए किया जा सकता है। जैसे-ब्रेसेस या एलाइनर, दांतों एवं जबड़ों की विस्तृत छवियां प्रदान करने, इसका उपयोग रोगियों व सहकर्मियों को उपचार योजना एवं अनुमानित परिणामों को प्रदर्शित करने के लिए भी किया जाता है। उदाहरण के लिए 3डी मॉडल एवं सीबीसीटी स्कैन से उत्पन्न विडियो के माध्यम से।