नई दिल्ली, 18 नवंबर 2021 (ए) । यमुना की सफाई पर अरविंद केजरीवाल के आश्वासन पर कि 2025 तक यमुना साफ हो जाएगी इस पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रदूषण संकट से दिल्ली वालों को ध्यान भटकाने के लिए 2025 तक यमुना सफाई करने की दुहाई दे रहे है। जबकि 2015 सत्ता में आते ही अरविंद केजरीवाल ने 4 साल में संपूर्ण यमुना सफाई का वायदा किया था परंतु पिछले 7 वर्षों में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी झूठे वादे के अलावे यमुना सफाई से संबंधित कोई योजना शुरू नहीं की गई है। चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द यमुना सफाई के लिए जिन 6 बिंदुओ पर एक्शन प्लान बनाकर युद्ध स्तर की बात कर रहे है उन पर आज तक दिल्ली सरकार ने गंभीरता से यमुना सफाई के लिए कार्यान्वित योजना ही नही बनाई। सीवरेज ट्रीटमेंट, नालों की सफाई, औद्योगिक वेस्ट, झुग्गी झौंपड़ी की गंदगी, सीवर कनैक्शन और सीवर नेटवर्क में से किसी बिंदु पर केजरीवाल सरकार ने 7 वर्षों में कोई योजना कार्यान्वित नही की, क्योंकि अत्यधिक योजना भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गए। उन्हांने कहा कि केजरीवाल हर योजना को युद्ध स्तर पर चलाते है जैसे प्रदूषण के विरुद्ध -युद्ध, ‘‘रेड लाईट आन- गाड़ी ऑफ के बावजूद दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर हो रहा है।चौ अनिल कुमार ने कहा कि जिस 600 एमजीडी सीवर ट्रीटमेंट की बात केजरीवाल कह रहे है उसमें 2012-13 में कांग्रेस की शीला सरकार के समय 545 एमजीडी सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता थी। केजरीवाल सरकार ने 7 वर्षों में सीवरेज ट्रीटमेंट की क्षमता नही बढ़ाई अब 800 एमजीडी तक सीवरेज ट्रीटमेंट क्षमता 2025 तक नए प्लांट कोरेशन प्लांट, ओखला, कोंडली और रिठाला ट्रीटमेंट प्लांट बनाकर क्षमता बढ़ाने की बात करके दिल्लीवालों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यमुना के पानी की गुणवत्ता को सुधारने के लिए प्रतिदिन 124 मीलियन गैलन वेस्ट वाटर को ट्रीट करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने ओखला में 1,161 करोड़ की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को मई 2021 में पूरा होना था जिसको अगले 2 वर्ष के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।चौ. अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार की कार्यशैली पर सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2020 प्रश्न चिन्ह लगातें हुए दिल्ली में यमुना के जल सबसे अधिक प्रदूषित बताया था जब यमुना में 33 दिनों तक अमोनिया का स्तर उच्चतम मानक बना रहा था और एनजीटी के तमाम आदेशों के बावजूद भी दिल्ली सरकार ने गौर नही किया, जबकि ओखला, चंद्रवाल व वजीराबाद प्लांटों से दिल्ली की एक तिहाई पानी की सप्लाई की पूर्ति होती है। उन्होंने कहा कि झुग्गी झौपडि़यों और औद्योगिक वेस्ट को रोकने की बात करने, सीवर कनेक्शन और सीवर नेटवर्क की बात करना केजरीवाल सरकार के लिए बेमानी है क्योंकि कांग्रेस सरकार के द्वारा डाली गई पुनर्वास और अनाधिकृत कालोनियों की सीवर लाईन को आज तक शुरु नही किया गया है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि 4 मुख्य नालों नजफगढ़, बादशाहपुर, गाजीपुर और सप्लीमेंट्री ड्रेन की सफाई करने के नाम करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गए है परंतु केजरीवाल सरकार ने आज तक एक नाले के पानी को यमुना में जाने से पूर्व ट्रीट नही किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने नजफगढ़ जोन में 14 मिनी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को मंजूरी दी थी, जिसके तहत 56 जलाशयां को पुर्नजीवित करने की योजना थी, जो भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गए।चौ. अनिल कुमार ने आई.आई.टी.एम. की बैठक में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए ठोस कदम उठाने की बजाय दूसरो पर आरोप लगा रहे है। उनका केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री को दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण पर एक्शन प्लान के लिए संयुक्त बैठक के लिए बुलाना एक राजनीति स्टंट है, जबकि दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण की पूरी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है। उन्होंने कहा कि राजधानी में वायु प्रदूषण का मुख्य स्रोत वाहन प्रदूषण है जबकि दिल्ली सरकार बराबर पराली जलाने के लिए किसानों को कोस रही है। उन्होंने कहा पराली जलाने का प्रभाव जब उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में नही पड़ रहा तो दिल्ली में पराली का प्रभाव असंभव है।
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