रायपुर@छत्तीसगढ़ में 36 आईएएस की कमी

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16 डेपुटेशन पर, एक निलंबित
रायपुर,02 मई 2023(ए)।
छत्तीसगढ़ आईएएस अफ सरों की कमी से जूझ रहा है। इसकी वजह से कामकाज प्रभावित हो रहा है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसरों को सरकार की रीढ़ माना जाता है।
सूबे में इन अफसरों की कमी के कारण राज्य के प्रशासनिक कामकाज में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ कैडर में आईएएस के 202 पद स्वीकृत हैं, वर्तमान में 166 आईएएस पदस्थ हैं। मतलब सूबे में 36 आईएएस की कमी है। वहीं 16 अफसर सेंट्रल डेपुटेशन में हैं। वहीं एक आईएएस को सस्पेंड कर दिया गया है।
दो महिला आईएएस छुट्टी पर है। इससे प्रदेश में आईएएस अफसरों की कमी की संख्या 55 हो गई है। इसके कारण प्रमुख सचिव और एसीएस के पदों पर वरिष्ठ अधिकारियों की कमी है। अफसरों की संख्या कम होने के कारण कई बड़े जिलों को प्रमोटी आईएएस संभाल रहे हैं।
प्रदेश में सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों की कमी के कारण एक-एक सचिव को चार से पांच विभागों की जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि सचिव स्तर के अधिकारी को मुख्यमंत्री सचिवालय के साथ ऊर्जा विभाग, वित्त विभाग जैसे बड़े-बड़े विभाग की एक साथ जिम्मेदारी दी गई है।
प्रदेश में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव भी प्रस्तावित है। ऐसे में कुछ डायरेक्ट आईएएस को निर्वाचन में पदस्थ किया जाएगा। इन अधिकारियों का कामकाज भी अन्य आईएएस को सौंपा जाएगा।
जिससे उनका काम तो बढ़ेगा ही साथ में कामकाज पर भी असर पड़ेगा। सरकार ने जिले तो बढ़ा दिए लेकिन केंद्र ने आईएएस कैडर रिव्यू नहीं किया। यही कारण है कि मैदानी इलाकों में भी राज्य सेवा के अफसरों की सेवा लेनी पड़ रही है। छत्तीसगढ़ में 28 से बढ़कर 33 जिले हो गए।
ये आईएएस सेंट्रल डेपुटेशन व अवकाश में : आईएएस अमित अग्रवाल, ऋचा शर्मा, निधि छिब्बर, डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी, गौरव द्विवेदी, सुबोध कुमार सिंह, सोनमणी बोराह, डॉ. रोहित यादव, ऋतु सैन, अविनाश चंपावत, अमित कटारिया,
रजत कुमार, मुकेश कुमार, एलेक्स पाल मेनन, नीरज कुमार बंसोड और संगीता पी सेंट्रल डेपुटेशन में हैं। जबकि निहारिका बारिक व आर संगीता अवकाश में हैं। वहीं समीर विश्रोई निलंबित हैं।


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