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एमसीबी@क्या एमसीबी जिले के 2 प्रधान आरक्षकों व तीनआरक्षकों की जनकपुर अनुभाग में कभी होगी तैनाती?

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एमसीबी जिले के 2 प्रधान आरक्षक व तीन आरक्षक अपनी पसंद के थानों में कराते हैं तैनाती
एमसीबी जिले के पांच पुलिसकर्मी सरकार किसी की भी रहे पर इनकी सेटिंग थाना पाने की जबरदस्त रहती है…
अपने विभाग में पकड़ इतनी है कि तैनाती कहीं और काम कहीं और करते हैं यह पांचों

रवि सिंह –
एमसीबी,30 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)।
अविभाजित कोरिया जिले के समय से लेकर नवीन जिला एमसीबी में पांच पुलिसकर्मियों की ऐसी पकड़ है कि वह जहां व जिस थाने में तैनाती चाहेंगे वहां उन्हें तैनाती मिलेगी यही वजह है कि यह 5 पुलिसकर्मी आज तक पूरी नौकरी जितना अभी तक इन्होंने की है बिना जनकपुर अनुभाग में तैनाती पाए सिर्फ मनेंद्रगढ़ व चिरमिरी के थानों में ही काटी है इन पुलिसकर्मियों की जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम है क्योंकि इन 5 पुलिसकर्मीयों ने अपनी तैनाती कहीं भी कराने में महारत हासिल कर रखी है सरकार किसी की हो अधिकारी कोई भी हो तैनाती तो इनकी मर्जी की होती है अब इन पुलिसकर्मियों पर किस नेता व किस अधिकारी का संरक्षण है कि यह अपने मनपसंद थानों में तैनाती पाने में सफल हो जाते हैं यह अंदर खाने की बात है जो कभी भी बाहर आ सकती है यदि इस पर गौर किया जाए तो, पुलिस विभाग का यह भी एक आदेश था की गृह क्षेत्र वाले थानों में पुलिस कर्मियों को तैनाती नहीं मिलेगी पर गृह क्षेत्र वाले थाने में भी पुलिसकर्मी सालों से तैनाती पा रहे हैं और मौज काट रहे हैं आखिर संरक्षण जो मिला हुआ है। अधिकारी भी जो आते हैं वह अपने ही कर्मचारियों की कुंडली नहीं खोलते हैं इसी वजह वह उन कर्मचारियों की बुराइयों से दूर रहते हैं और उनके प्रभाव में सब कुछ भूल जाते हैं।
तैनाती कहीं और काम कहीं
हम बात कर रहे हैं एमसीबी जिले के तेज तराज आरक्षक चंद्रसेन ठाकुर उर्फ गोलू यह की वर्तमान में थाना पोड़ी में इनकी तैनाती है पर यह कार्य कर रहे हैं सी एस पी कार्यालय चिरमिरी में इनका प्रभाव कितना बड़ा है यह आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं। अब इसे सेटिंग कहें या फिर इनका प्रभाव कहे? जो भी इनके बारे में जानकारी देता है वह यही कहता है कि यह गजब के आरक्षक हैं किसी को भी अपनी तरफ मोहित कर सकते हैं, यही वजह है कि अपने पसंदीदा जगहों पर ही तैनात रहते हैं।
मनेंद्रगढ़ चिरमिरी के अलावा और कोई थाना नहीं चाहिए?
दूसरे नंबर पर आते हैं काफी होनहार प्रधान आरक्षक जितेंद्र मिश्रा इनका प्रभाव भी कोई कम नहीं है इनकी सिर्फ यही इच्छा है कि वह तैनात रहेंगे या तो मनेंद्रगढ़ थाना में या चिरमिरी थाना में इसके अलावा दूरदराज के थाने देना मत मैं वहां जाऊंगा नहीं यह इनका अपना सिद्धांत है सितंबर 2022 में इन्हें केल्हारी भेजा गया था पर जुगाड़ लगाकर एसडीओपी कार्यालय मनेंद्रगढ़ में अटैच हो गए अब वहां से जुगाड़ लगाकर चिरमिरी थाने आ गए अब आप समझ सकते हैं कि कितने प्रभाव व जुगाड़ वाले प्रधान आरक्षक हैं यह।
18 साल में जनकपुर अनुभाग का मजा नहीं चखा
प्रधान आरक्षक संदीप बागी का हुनर है जो भी थाना प्रभारी आता है इनका खास हो जाता है इनके बिना वह एक कदम नहीं चलता यहां तक की इन्हें हटाने की बात आती है तो वह खुद थाना से हटने को तैयार हो जाता है पर इन्हें नहीं हटने देना चाहता अब समझ सकते हैं कि थाना प्रभारी और प्रधान आरक्षक के बीच कितनी अच्छी जुगलबंदी है 18 साल नौकरी कर चुके हैं पर यह 18 साल मनेंद्रगढ़ चिरमिरी थाना के लिए गौरवान्वित करने वाला रहा है क्योंकि यह इन्हीं जगहों पर ही काम किए हैं इस 18 साल में जनकपुर अनुभाग का इन्होंने एक भी बार मजा नहीं चखा इसका मतलब है कि इनकी इतनी तगड़ी सेटिंग है कि इन्हें कोई भी अधिकारी इस अनुभाग में स्थानांतरण नहीं कर पाया और लगता है आगे भी कोई अधिकारी इन्हें जनकपुर अनुभाग में नहीं भेज पाएगा जबकि यह इन्हीं के जिले का अनुभाग है।
8 साल खंडगांव के नाम
आरक्षक सुरेश तिगा काफी अनुभवी हैं 8 साल से एक ही थाने में पड़े हुए हैं और कितने साल पड़े रहेंगे इसका पता नहीं, फिलहाल तो खंडगांव थाने में पदस्थ है और तकरीबन 8 साल इस थाने में पूरे हो चुके हैं और कितने साले थाने में रहेंगे इसका पता नहीं इस 8 साल में कई बार तबादला सूची जारी हुआ होगा पर इस सूची में नाम आया और गया पर थाना नहीं बदला।
गृह ग्राम का मोह नहीं छूट रहा
आरक्षक अमित जैन जिनका शिकायतों से पुराना नाता है पर गृह ग्राम थाने से इनका कुछ अलग ही मोह है इसी थाना में ही रहकर काम करना चाहते हैं इस थाना के बाहर जाना इनके लिए नागवार गुजरता है पूर्व के साहब द्वारा एक आदेश भी निकाला गया था जिसमें कहा गया था की गृह थाना क्षेत्र में किसी भी कर्मचारी की तैनाती नहीं होगी पर यह महोदय इतने जुगाड़ू व प्रभाव वाले आरक्षक है कि यह गृह ग्राम थाना में ही आकर पदस्थ हो जाते हैं इनका गृह ग्राम थाने में आना जाना लगा रहता है लगभग यह अपने गृह थाना क्षेत्र में ही काम करते हैं।


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