डॉ रश्मि द्वारा उपचार के दौरान जच्चा-बच्चा मौत मामले में डॉक्टर के अधीनस्थ निर्दोष नर्सों को जांच टीम ने क्यों किया सस्पेंड?
डॉ रश्मि पर निलंबन की कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं और 2 नर्सों की लापरवाही बता सस्पेंड कर गठित जांच टीम थपथपा रही अपनी पीठ
रश्मि नर्सिंग होम में जच्चा बच्चा की हुई मौत और जिला चिकित्सालय के 2 स्टाफ नर्स हुए सस्पेंड क्यों?
रश्मि नर्सिंग होम के संचालक तक कब पहुंचेगी जांच की आंच?
रश्मि नर्सिंग होम के संचालक पर जच्चा-बच्चा मौत मामले में क्यों नहीं हुआ अपराध दर्ज?
स्वास्थ्य मंत्री के संभाग वाले जिले में बाप अपनी बेटी व बच्चे की मौत के न्याय के लिए भटक रहा…
–रवि सिंह –
कोरिया/सूरजपुर 30 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। जिला चिकित्सालय सूरजपुर से महज 3 किलोमीटर दूर पर स्थित रश्मि नर्सिंग होम में जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉ रश्मि के उपचार के दौरान जच्चा-बच्चा मौत मामले में दोषी डॉक्टर पर तो अपराध पंजीबद्ध हो गया पर अभी तक विभाग द्वारा डॉक्टरों को निलंबित नहीं किया है, अब ऐसे में सवाल यह उठता है क्या ऐसे डॉक्टरों को विभाग संरक्षण दे रहा है या तो चाहते है कि ऐसे ही मामले आगे भी आते रहे,वैसे भी जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर जिला चिकित्सालय में सेवा बेहतर देने से ज्यादा अपनी जरूरी सेवा बाहर देना उचित समझते हैं, क्योंकि बाहर सेवा देने से उन्हें ज्यादा पैसे मिलते हैं और लाभ भी खूब होता है यही वजह है कि जिला चिकित्सालय के लगभग डॉक्टर बाहर इलाज करना ज्यादा उचित समझते हैं, सभी के अपने क्लीनिक नियम विरूद्ध तरीके से चल रहे हैं तनख्वाह सरकार से लेनी है पर इलाज निजी करना है। ऐसे में सरकार को भी डॉक्टरों को सबक सिखाने के लिए ऐसे डॉक्टर पर कार्यवाही करके मिसाल कायम करनी चाहिए, ताकि बाकी डॉक्टर भी इससे सीख ले सकें और सरकार से तनख्वाह लेकर इमानदारी से लोगों का इलाज कर सकें।
नर्सों पर कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपा रही गठित जांच दल
जिन स्टाफ नर्सों पर हुई कार्यवाही उनका जच्चा-बच्चा मौत मामले से नहीं था कोई वास्ता इन्होंने अपने अधीनस्थ डॉक्टर के बातो पर ही किया था काम, पर गठित जांच टीम स्टाफ नर्स पर कार्यवाही कर थपथपा रही अपनी पीठ, वही कार्यवाही पर भी उठ रहे कई बड़े सवाल स्टाफ नर्स इस कार्यवाही के विरुद्ध जा सकते हैं न्यायालय और जांच टीम की बढ़ सकती है मुसीबत, वैसे भी जांच टीम का लीडर ऐसे डॉक्टर को बनाया गया था जो खुद इस मामले में संदिग्ध थे। गठित जांच टीम डॉक्टर को बचाने के चक्कर में स्टाफ नर्स पर कार्यवाही का ठीकरा फोड़ दिया है, और ऐसा करके खुद जांच टीम फंस चुकी है।
आखिर डॉक्टर को निलंबित करने से क्यों घबरा रहा है विभाग
गठित जांच दल व स्वास्थ विभाग कितना इतना ही निष्पक्ष है तो फिर अभी तक डॉक्टर रश्मि को निलंबित क्यों नहीं कर पाए? यह एक बड़ा सवाल है जबकि पूरे मामले में शुरू से लेकर अंत तक डॉ रश्मि का नाम जच्चा-बच्चा मौत मामले में सबसे ऊपर आ रहा है जब की रश्मि जिला चिकित्सालय की डॉक्टर भी हैं इसके बावजूद निजी नर्सिंग होम में प्रैक्टिस करते हुए उन्हीं के इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई, जिसकी शिकायत परिजनों ने काफी ऊपर तक की है और इस मामले में जहां तत्काल निलंबित करना था क्योंकि इन्होंने नियम विरुद्ध तरीके से निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए गई थी और गर्भवती महिला को उनके परिजनों को जबरदस्ती उस नर्सिंग होम में बुलाया था सिर्फ पैसे अधिक एठने के लिए और इस दौरान यह घटना घट गई। सूत्रों का यह भी कहना है कि डॉ रश्मि की संपत्ती भी बहुत तेजी से बढ़ रही है जमीन पर जमीन खरीदी हो रही है आय से ज्यादा संपत्ती का मामला भी इन के ऊपर दर्ज किया जा सकता है। यदि इनकी संपçा की जांच सही तरीके से कर लिया जाए तो आय से ज्यादा संपत्ती का मामला दर्ज हो सकता है।
निर्दोष नर्सों पर हुई कार्यवाही…नर्सों में आक्रोश
जच्चा-बच्चा मौत मामले में जिन स्टाफ नर्स ऊपर कार्यवाही किया गया है उस मामले को यदि गंभीरता से देखा जाए तो यह समझ में आता है कि उस मामले में स्टाफ नर्सों की भूमिका उतनी अहम नहीं थी जितनी की डॉक्टर की, डॉक्टर के इसारे पर ही स्टाफ नर्स काम किया करते थे, क्योंकि वह उस डॉक्टर के अधीनस्थ स्टाफ नर्स थे, वह अभी हाल फिलहाल में ही दूसरे जिले से आए थे उन्हें पूरी कहानी पता नहीं थी पर डॉक्टर के षड्यंत्र का शिकार हो गए और जांच टीम ने भी डॉक्टर को बचाने के लिए यह कार्यवाही सिर्फ औपचारिकता के तहत कर दी।
गठित जांच टीम डॉक्टर को बैठाकर कर रही जांच,कहीं जांच को प्रभावित करने की तैयारी तो नहीं?
सूत्रों की माने तो जांच टीम बिल्कुल भी निष्पक्ष काम नहीं कर रही जांच प्रभावित होने की संभावना 201 प्रतिशत नजर आ रही है,क्योंकि जिस डॉक्टर पर गंभीर आरोप है उसे निलंबित करके अस्पताल परिसर से दूर कर इस मामले में निष्पक्ष जांच करने के बजाए जांच दल प्रतिदिन डॉक्टर को अपने समक्ष बैठाकर हंसी मजाक कर नाश्ता चाय कराते हुए जांच कर रही है, इससे समझा जा सकता है की जांच कितना गंभीरता के साथ जांच टीम कर रही है, अब यह टीम जांच कर रही है या फिर डॉक्टर की खातिरदारी कर रही है यह एक बड़ा सवाल है।
बैक डेट पर कागज तैयार करने में गठित जांच टीम कर रहा सहयोग
इस मामले में विशेष सूत्रों का यह भी कहना है कि जांच टीम बैक डेट पर कागज भी तैयार डॉक्टर को कार्यवाही से बचना चाह रही है ताकि डॉक्टर को बचाया जा सके, अब इस गठित जांच टीम से न्याय का भरोसा बिल्कुल नहीं है इसलिए इस जांच टीम को भंग कर दूसरे जिले से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचरियों को गठित कर जांच कराने की मांग की जा रही है।
अवैध तरीके से संचालित नर्सिंग होम के किसी भी स्टॉप पर नहीं हुई कोई कार्यवाही
रश्मि नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा मौत मामले में अभी तक उस नर्सिंग होम के किसी भी स्टाफ पर कार्यवाही नहीं हुई है जो भी कार्यवाही हुई है वह जिला चिकित्सालय के स्टाफ नर्स पर ही हुई है वह भी कार्यवाही को औपचारिक ही माना जा रहा है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिस नर्सिंग होम को सील किया गया, आखिर उस नर्सिंग होम के स्टाफ व डॉक्टरों सहित संचालक पर कार्यवाही कब होगी? क्या जांच टीम को नहीं पता है किसको संचालक कौन है? उस नर्सिंग होम का मालिक कौन है या फिर जांच टीम जांच करने का ढोंग कर रही है, तमाम तरह के सवाल इस समय लोगों की जान पर है जिसका जवाब का स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग खुद इस मामले में संदिग्ध है क्योंकि उसकी भूमिका भी कहीं ना कहीं अहम है।
रश्मि नर्सिंग होम के संचालक को ढूंढ रहे लोग
रश्मि नर्सिंग होम को खुले कई साल हो चुके हैं पर रश्मि नर्सिंग होम का सही मालिक कौन है आज तक इसे सूरजपुर शहर या सरगुजा संभाग के लोगों ने उसे नहीं देखा है अब ऐसे में इसके संचालक का नाम रतन लाल गुप्ता बताया जा रहा है पर रतन लाल गुप्ता कौन है कहां के हैं यह जानने की उत्सुकता सभी को है और आखिर है तो कहां है और इन पर कार्यवाही कब होगी? क्योंकि इन्हीं के नर्सिंग होम में जच्चा बच्चा की मौत हुई है जिस का आरोप उनके परिजनों द्वारा सरकारी अस्पताल के इलाज करने वाले डॉक्टर का लगाया है। अभी तक सभी लोग यही जान रहे थे की रश्मि नर्सिंग होम जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर रश्मि का है क्योंकि उन्हीं के नाम से है और पूरे शहर में प्रचार-प्रसार भी उन्हीं के नाम से हुआ है, हर जगह उनके व उनके पति का नाम कांटेक्ट में देखा जा सकता है अब इसके बाद अचानक यह बात सामने आ रही है कि यह नर्सिंग होम का संचालक रतन लाल गुप्ता है, अब यह बहुत बड़ा जांच का विषय है कि आखिर यह नर्सिंग होम किसका है? ये रतनलाल गुप्ता का है तो इस पर कार्यवाही कब होगी? और यदि जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉ रश्मि का है तो आखिर अवैध तरीके से इस नर्सिंग होम को कैसे संचालित कर रही थी?