बैकुण्ठपुर@पहुंची विधायक…लोगों ने कहा पहले दौरा क्यों नहीं की?..विधायक ने कहा कि पूर्व व वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष का क्षेत्र है यहां तो कोई समस्या होगी ही नहीं

Share

  • विधायिका का जनसंपर्क चरम पर,लोगों की शिकायतें सुन समाधान का दे रही आश्वासन
  • जनसंपर्क में स्वागत कम,शिकवे और नाराजगी अधिक
  • 4 साल की निष्कि्रयता पर चुनावी वर्ष कितना होगा कारगर

रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 26 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। इस समय स्थानीय विधायक श्रीमती अंबिका सिंहदेव का धुआंधार जनसंपर्क जारी है ग्राम पंचायत छिंदिया में जनसंपर्क के दौरान लोगों ने विधायक से पूछा कि आखिर आप इस क्षेत्र का दौरा क्यों नहीं कर रही थी? जिस पर विधायक थोड़ा देर तो सोची फिर कहा कि यह क्षेत्र पूर्व व वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष का क्षेत्र है यहां तो सब कुछ ठीक ही होगा क्योंकि यह कांग्रेस के दिग्गज नेता है सारी समस्या दूर करा ली होगी, अब यह बात सुनकर ग्रामीण भी अचंभित रहे फिर उसके बाद विधायक ने कहा कि मुझसे गलती हुई है मुझे दौरा करना चाहिए था।
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, नेताओं का जनसंपर्क अपने चरमोत्कर्ष पर है। चाहे वह सत्ता पक्ष के नेता हो या विपक्ष के। हर कोई अपने को जनता का हितैषी बताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा। नेता घर घर पहुंच रहे हैं, और चौक चौराहों पर चौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं को सुन रहे हैं। इसी क्रम में बैकुंठपुर विधानसभा की विधायिका एवं छत्तीसगढ़ शासन में संसदीय सचिव के पद पर पदस्थ श्रीमती अंबिका सिंहदेव का भी जनसंपर्क जोर शोर से चल रहा है। सुबह होते ही जनसंपर्क अभियान की शुरुआत हो जाती है और लोगों से मिलने का क्रम देर शाम तक चलता रहता है। इसी जनसंपर्क अभियान के दौरान विगत दिनों विधायिका का दौरा ग्राम पंचायत अमहर, छिंदिया, चिरगुड़ा में हुआ। जहां लोगों से रूबरू मिलते हुए उनके भाव जानने का प्रयास किया गया। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 4 साल में पहली बार विधायिका को अपने बीच पाकर लोगों की शिकायतों का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा था और सबसे बड़ी शिकायत यह थी कि इसके पहले वे क्षेत्र के दौरे पर आए क्यों नहीं। जब विधायिका ने लोगों से शासन द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन और आम लोगों तक पहुंच की बात की और व्याप्त दिक्कतों का जिक्र करने को कहा तो शिकायतों की झड़ी लग गई। लोग बढ़-चढ़कर अपनी समस्याओं का वर्णन करने लगे। विधायक महोदय को यह जानकर भारी आश्चर्य हुआ कि क्षेत्र में इतनी सारी समस्याएं विद्यमान है। पेयजल की समस्या, शासकीय नलकूप खनन का कार्य निजी उपयोग हेतु, अधिकारियों द्वारा की जाने वाली मनमानी, सड़क, बिजली एवं अन्य प्रकार की समस्याओं की कतारें लग गई। लोग बेबाक होकर अपनी समस्याओं का जब वर्णन करने लगे, तो लोगों की बातों का जवाब देना मुश्किल पड़ रहा था। परंतु जब विधायिका ने अपने अधीनस्थ सचिवों को लोगों की समस्याओं को कागज पर नोट कर अति शीघ्र निराकरण का आश्वासन देना प्रारंभ किया तो उपस्थित जन समूह में आशा की किरण का संचार हुआ कि शायद चुनावी वर्ष में इन समस्याओं का निराकरण हो पाएगा।
भूतपूर्व और वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष का जिक्र भी आया समस्याओं को लेकर
जनसंपर्क के दौरान जब लोगों की शिकायतों का अंबार लग गया, जिसमें सबसे बड़ी शिकायत यह थी कि विगत 4 वर्षों में निर्वाचित जनप्रतिनिधि ने क्षेत्र का कोई दौरा नहीं किया तो जवाब में विधायिका ने कहा कि उन्हें लगा कि भूतपूर्व और वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष का गृह और चुनावी क्षेत्र है, अतः यहां समस्याएं विद्यमान नहीं होंगी। परंतु इतनी तादाद में समस्याओं का जिक्र छिड़ते ही उन्होंने सारा ठीकरा स्थानीय कांग्रेसी प्रतिनिधित्व करने वाले भूतपूर्व और वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष पर भी फोड़ा। उनका कहना था कि क्षेत्र के कद्दावर नेता जो शासन का प्रतिनिधित्व करते हैं, के क्षेत्र में ऐसी समस्याएं विद्यमान नहीं होनी चाहिए। परंतु कहीं ना कहीं उनकी निष्कि्रयता भी विधायिका महोदया को जनता के सामने रूबरू होने में दिक्कत का सबब बना।
रूबरू मुलाकात के बाद लोगों के अनुसार जैसा प्रसारित किया गया उससे अलग व्यक्तित्व है विधायिका का
पूरे बैकुंठपुर विधानसभा में यह बात सर्व व्याप्त है कि वर्तमान निर्वाचित विधायिका से मुलाकात करना बहुत दुष्कर कार्य है। और विधानसभा क्षेत्र में दौरा ना होने के कारण उनका लोगों से जनसंपर्क भी टूटा हुआ था। लोगों की बीच यह भ्रांति थी कि पैलेस में प्रवेश कर अपनी समस्याओं से विधायिका को अवगत कराना बड़ा कठिन कार्य है। कहीं ना कहीं यह बात विधायिका महोदया के छवि को धूमिल करने वाली भी थी, और इसका सबसे बड़ा कारण वे लोग थे जिन पर विधायिका को अत्यधिक विश्वास था, और जो उनके करीबी थे। कहीं ना कहीं उनके द्वारा ही यह बात क्षेत्र में प्रसारित की गई थी, ताकि लोगों का सीधा संपर्क पैलेस तक ना हो पाए और उनकी स्वयं की दुकानदारी और नेतागिरी चलती रहे। सलाहकारों के दिशाभ्रमित करने के कारण जनता और विधायिका की दुरियां लगातार बढ़ती चली गई थी। परंतु क्षेत्र भ्रमण के दौरान जब जनता ने विधायिका को अपने समक्ष पाया, उनसे बातचीत की तो माजरा कुछ अलग ही पाया गया। विधायिका का भी यह कहना था कि यदि आपको कोई समस्याएं थी तो आप मुश्तक पहुंचे क्यों नहीं? जब यह बात सामने आई तो जनता ने मुखर होकर कहा कि हमें यह पता था कि आप से मिलना बड़ा कठिन कार्य है, परंतु आज आपको देखकर ऐसा लग रहा है कि कहीं ना कहीं आपके नाम से जनता के समक्ष आपकी गलत छवि प्रस्तुत किया गया है।
समस्याओं के त्वरित निराकरण का मिला आश्वासन
जनसंपर्क के इस पूरे कार्यक्रम के दौरान जनता के नोकझोंक के बीच विधायिका ने लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और त्वरित निराकरण के लिए निर्देशित भी किया। जिससे उपस्थित जनसमूह आशान्वित रहा। अब देखने वाली बात यह है कि जनसंपर्क के दौरान लोगों से किए जा रहे वादों में कितनी सच्चाई है। समय रहते यदि समस्याओं का निदान हो जाता है तब तो लोगों को भरोसा बढ़ेगा, अन्यथा वर्तमान विधायिका और जनता के बीच की दूरियां और बढ़ती चली जाएंगी। जिसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है।


Share

Check Also

मनेन्द्रगढ़@होटल हसदेव इन के संचालक ने मंत्री के पीए से हस्तक्षेप करा अतिक्रमण हटाने दो दिन का समय मांगा पर हटाया नहीं

Share होटल हसदेव इन अतिक्रमण मामला,गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने प्रशासन पर निष्कि्रयता का लगाया आरोप …

Leave a Reply