श्रीहरिकोटा , 21 अप्रैल 2023(ए)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) शनिवार को अपने अगले बड़े मिशन पर ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह रॉकेट, पेलोड के साथ प्रयोग करने के लिए सिंगापुर के दो बड़े सैटेलाइट और एक इन-हाउस प्लेटफॉर्म के साथ उड़ान भरेगा।पीएसएलव्ही-सी 55 मिशन आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 2:19 बजे लॉन्च होगा। यह पीएसएलवी की 57वीं उड़ान होगी और पीएसएलवी कोर अलोन कॉन्फिगरेशन का उपयोग करने वाला 16वां मिशन होगा।
पीएसएलव्ही-सी 55 यान सिंगापुर के दो उपग्रहों को कक्षा में ले जाएगा, और एक कक्षीय प्रायोगिक मॉड्यूल को भी साथ ले जाएगा जो अंतरिक्ष के निर्वात में परीक्षण करने का काम करेगा। आइए सबसे पहले समझते हैं
क्या है इसरो का पीईओएम प्लेटफॉर्म, क्यों माना जा रहा इसे महत्वपूर्ण
इसरो पीईओएम मॉड्यूल का फुल फॉर्म पीएसएलवी ऑरबिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल होता है। पीईओएम मॉड्यूल प्रक्षेपण यान पीएसएलव्ही-सी 55 का चौथा चरण है जिसका उद्देश्य वैज्ञानिकों को कक्षा में ही प्रयोग करने के अवसर प्रदान करना है। इसके लिए इसरो के पोलर सैटलाइट लॉन्च व्हीकल के अंतिम या चौथे चरण के हिस्से का उपयोग किया जाएगा जो समान्य तौर पर प्रक्षेपण की भूमिका खत्म होने के बाद खत्म हो जाता है। अब हम आपको बताते हैं कि आखिर पीईओएम मॉड्यूल का उपयोग कहां होगा।
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