बैकुण्ठपुर @भाजयुमो जिलाध्यक्ष को बदलकर कोरिया भाजपा खुद के अनुशासनात्मक पार्टी होने का परिचय दे सकती थी,पर क्यों ऐसा करना उचित नहीं समझा?

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  • भाजपा जिलाध्यक्ष के समर्थकों ने भी टाइगर बैक कहकर उन्हें आलोचनाओं में ढकेल दिया
  • भाजपा भाजयुमो जिलाध्यक्ष मामले में हो रही फजीहत से भी बच सकती थी
  • पद त्याग कर भाजपा जिलाध्यक्ष बन सकते थे हीरो पर विलेन बनना ही जरूरी समझा
  • कोरिया भाजपा के शीर्ष नेता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अंचल राजवाड़े को विश्वास में लेकर बदल सकते थे,नहीं होती फजीहत

रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 12 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। भाजपा अनुशासित पार्टी मानी जाती है पर कोरिया जिले में भाजपा कहीं न कहीं अनुशासन से भटक चुकी है इस समय अनुशासन नहीं सिर्फ गुटबाजी दिख रही है जहां भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष पर अपराध पंजीबद्ध होने के बाद उन्हें पद से पृथक कर नए को मौका देना था लेकिन नए को मौका देने की बजाय बड़ा लंबा इंतजार किया जमानत मिलने का और जमानत मिलने के बाद टाइगर इज बैक टाइगर आ गया ऐसा पूरा सोशल मीडिया पर छा गया, ऐसा होने से कहीं न कहीं भारतीय जनता पार्टी की ही फजीहत हो गई, अब सवाल यह है कि आखिर टाइगर कहां से आ गया कहां गया था? किसका शिकार करने गया था या फिर खुद शिकार ना हो जाए इसलिए अंडर ग्राउंड हो गया था? यह तमाम तरीके के सवाल है जो भाजपा के लिए फजीहत बनी हुई है जहां भाजपा अपना कद बड़ा करने और एक अनुशासित पार्टी होने का परिचय दे सकती थी, युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष को हटाकर दूसरे को जिला युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया जा सकता था पर ऐसा करने के बजाय भाजपा ने पुराने वाले का ही इंतजार करना उचित समझा जो वर्तमान समय में अनुचित दिखने लगा है और इंतजार के बाद मिला क्या सिर्फ फजीहत? कोरिया की भाजपा अनुशासित तो तब होती जब युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष की मर्जी से उनके अनुसार जिला का नेतृत्व करने वाले को नेतृत्व का जिम्मा दिया जाता। यदि हटाकर नया अध्यक्ष चुना गया होता तो आने वाले युवाओं के लिए भी एक अच्छा संदेश होता कि गलत करने पर पार्टी कार्यवाही करती है जिस भय में वह कोई भी अनुचित कार्य नहीं करते और कुछ भी करते वह पार्टी के दायरे में रहकर करते पार्टी की मर्यादा के साथ करते हैं। पर भाजपा तो कुछ अलग ही मूड में कार्य कर रही थी और आज उस कार्य के विपरीत उन्हें फल मिला है कहीं ऐसा ना हो कि आगामी चुनाव में भी इनके लिए काटें भरे हो जाए।
भाजयुमो जिलाध्यक्ष को उनकी सहमति से हटाकर किसी अन्य को देते मौका,कोरिया भाजपा का दिखता अनुशासन
भाजयुमो जिलाध्यक्ष को उनकी ही सहमति से भाजपा कोरिया यदि हटाकर किसी अन्य को मौका देती तो भाजपा का अनुशासन नजर आता और यह परिलीक्षित होता की कोरिया भाजपा भी प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में साथ है और वह भ्रष्टाचार का आरोप पूरी तरह समाप्त होने तक भाजयुमो जिलाध्यक्ष को पद से पृथक ही रखने वाली है जिससे पार्टी की छवि पर अच्छा असर जाता लेकिन भाजपा कोरिया ने ऐसा नहीं किया और भ्रष्टाचार के आरोपी जिलाध्यक्ष भाजयुमो को पद पर बने रहने दिया यहां तक की उनकी फरारी में भी उन्हे पद से नहीं हटाया और वापसी होते ही उन्हे पद पर बने रहने का अधिकार प्रदान कर दिया।
भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने भी जिलाध्यक्ष भाजयुमो की खूब फजीहत कराई
भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने भी भाजयुमो जिलाध्यक्ष की खूब फजीहत कराई और टाइगर इस बैक कहकर सोशल मीडिया पर जितने भी पोस्ट डाले सभी पर जमकर कटाक्ष हुए और पोस्टों को लेकर लोगों की जो प्रतिक्रिया आई वह जिलाध्यक्ष भाजयुमो के लिए कहीं से प्रिय नहीं कहे जा सकते और यह कहा जा सकता है की लोगों ने टाइगर इस बैक में जमकर मजे लिए और इस मामले को मजाक बना दिया।
भाजपा कार्यालय में हुए बैठक सह सफाई आयोजन में भी जिलाध्यक्ष भाजयुमो उपयुक्त सफाई नहीं दे पाएं
भाजपा कार्यालय में भाजयुमो जिलाध्यक्ष को खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप मामले में सफाई देने का भी मौका जिला भाजपा ने दिया। सफाई मामले में भी भाजयुमो जिलाध्यक्ष अपनी सफाई बेहतर ढंग से नहीं दे पाए और कुलमिलाकर वह संगठन की बात कर आरोपों से किनारा करते दिखे और चुनाव की बात कर बात को टालते ही नजर आए जबकि उन्हे खुद पर लगे आरोपों की सफाई बेहतर तरीके से देनी चाहिए थी जो उन्होंने नहीं दी।
भ्रष्टाचार के आरोपों में केवल मिली है जमानत,नहीं हुए हैं आरोपों से बरी जिलाध्यक्ष भाजयुमो
भ्रष्टाचार मामले में लगातार महीनो तक फरार रहे भाजयुमो जिलाध्यक्ष अभी जमानत पर फिलहाल स्वतंत्र हैं और न्यायालय ने उन्हे पूरी तरह आरोप मुक्त नहीं किया है। न्यायालय से जमानत मात्र पर बाहर भाजयुमो जिलाध्यक्ष को भाजपा कोरिया ने भले ही पूरी तरह क्लीन चिट दे दी है लेकिन अभी मामले में न्यायालय में प्रकरण पर पूरा फैसला आना बाकी है।


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