रायपुर/बेमेतरा़@दो समुदायों में विवाद के बाद लगाई गई धारा-144

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यहां एक प्रेमी जोड़े के अंतरजातीय विवाह के बाद से यहां विवाद की स्थिति बनती आ रही है
बवाल की शुरुआत दो स्कूली बच्चों के बीच विवाद से अब तक 11 आरोपियों की गिरफ्तारी,
छत्तीसगढ़ बंद का एलान
रायपुर/बेमेतरा़़,09अप्रैल 2023 (ए)।
जिले में समुदायों के बीच हुए बवाल के बाद गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। इसे देखते हुए गांव में धारा-144 लगाई गई है। गांव छावनी में तब्दील हो चुका है। गांव में अभी दुर्ग आईजी, कलेक्टर, एसपी सहित बड़ी संख्या में जवान तैनात हैं। वहीं रविवार को सुरक्षा के बीच मृतक भुवनेश्वर साहू (22) का अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले शनिवार देर रात भाजपा नेता मृतक के परिजनों से मिलने के लिए पहुंचे थे। हिंदू संगठनों की ओर से सोमवार को छत्तीसगढ़ बंद बुलाया गया है। मृतक के अंतिम संस्कार में जहां परिजनों के साथ समाज और क्षेत्र के लोग पहुंचे थे। दूसरी ओर पुलिस ने इस मामले में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है। पहली एफआईआर हत्या मामले में हुई है। इसमें अभी तक 11 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। दूसरा मामला पुलिसकर्मियों के ऊपर हमला करने को लेकर अज्ञात लोगों पर दर्ज किया गया है। गांव में जब पुलिस पहुंची हुई थी तो हत्या की नीयत से साजा थाना में पदस्थ एसआई बीआर ठाकुर पर हमला किया गया था। वह अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं।
स्कूली बच्चों के बीच विवाद से शुरू हुआ बवाल
ग्राम बिरनपुर में दो समुदाय के बीच शनिवार दोपहर करीब एक बजे झड़प हो गई। इस झड़प में एक की मौत हुई और चार 4 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। बवाल की शुरुआत दो स्कूली बच्चों के बीच विवाद से हुई थी। दोनो अलग-अलग समाज के थे। विवाद ने बड़ा रूप लिया और फिर दो पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला कर दिया। इस गांव में बीते कुछ माह से विवाद होता आ रहा है। यहां एक प्रेमी जोड़े ने अंतरजातीय विवाह किया है। इसके बाद से यहां विवाद की स्थिति बनती आ रही है। कुछ संगठनों ने बीते दिनों ज्ञापन भी सौंपा था।
मामला कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के विधानसभा क्षेत्र का
जिस गांव में यह बवाल हुआ है, वह राज्य के कृषि व पंचायत मंत्री रविन्द्र चौबे का क्षेत्र है। मंत्री रविन्द्र चौबे इस क्षेत्र के साजा विधानसभा के विधायक है। इस पूरे मामले के बाद बेमेतरा जिला प्रशासन व पुलिस की काफी किरकिरी हो रहीं है। गांव में बीते तीन माह से विवाद की स्थिति बन रही थी। यह गांव शक्तिघाट के नाम से भी प्रसिद्ध है। लोगों का कहना है कि गांव में विवाद के बनते स्थिति को देखते हुए पुलिस व प्रशासन ने शुरूआत से ध्यान नहीं दिया। आज जो स्थिति निर्मित हुई है, वह पुलिस की लापरवही से है।


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