कोरबा,05 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। जिले के कांग्रेस कार्यालय प्रांगण में कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा प्रेस वार्ता लिया गया, जिसमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना एक गुनाह है पर चर्चा करते हुए कहा की लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र की बलि चढ़ाई जा रही है । यही वजह है कि देश के प्रमुख विपक्षी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष एवं चार बार के सांसद माननीय राहुल गांधी जब संसद के अंदर बात करते हैं या कोई प्रश्न पूछते हैं तो उनको बोलने यह पूछने का अधिकार नहीं दिया जाता बदले में उनका माइक को बंद कर दिया जाता है । साारूढ़ दल के सांसद बहुमत के अतिवादी चरित्र का प्रदर्शन करते हुए संसद की कार्यवाही नहीं चलने देते । यहां तक के केंद्रीय मंत्री अपने पद की गरिमा को तार-तार करते हुए संसद में अनर्गल बयानबाजी करते हैं । इन सबके बाद भी साारूढ़ पार्टी द्वारा राहुल गांधी एवं कांग्रेस पार्टी और विपक्ष की आवाज को जब नहीं दबाया जाता तो षड्यंत्र रच कर राहुल गांधी की संसद सदस्यता को समाप्त कर दिया जाता है । राहुल गांधी की संसद सदस्यता को समाप्त करने का घटनाक्रम पर जोर देते हुए बताया गया कि यह लोकतंत्र की हत्या ही है की एक सांसद को संसद भवन से निकाल दिया जाता है क्योंकि वह प्रश्न करते है। निगम महापौर राज किशोर प्रसाद ने बताया कि राहुल गांधी के ऊपर यह सारी कार्यवाही इसलिए कि गई है क्योंकि वह देश के प्रधानमंत्री की दुखती रग पर हाथ रख दिया उन्होंने मोदी के निकट सहयोगी अदानी के घोटाले बाजी और अडानी मोदी के गठबंधन पर आवाज उठाया
उन्होंने देश के प्रधानमंत्री से यह प्रश्न कर दिए की अदानी की सेल कंपनी में ?20000 करोड़ / 03 बिलियन डॉलर किसका है ? यह किसकी सेल कंपनी है ? क्या कंपनियां डिफेंस में काम कर रही है ? कंपनी में एक चीनी नागरिक शामिल है या चीनी नागरिक कौन है ? प्रधानमंत्री श्री मोदी का अडानी से क्या रिश्ता है इन सब प्रश्नों का राहुल गांधी द्वारा पूछे जाने के बाद भी मोदी सरकार द्वारा जवाब तो नहीं दिया गया बल्कि राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे के भाषण से अदानी घोटाले के महत्वपूर्ण अंश और राहुल गांधी के भाषण को संसद के रिकॉर्ड से ही हटा दिया गया क्यों ? इससे साफ पता चलता है कि देश के प्रधानमंत्री नहीं चाहते कि अडानी के साथ उनके रिश्ते का पर्दा फास हो यही कारण है कि बीजेपी जनता का ध्यान भटकाने के लिए जो आरोप लगाई है वह बेहद हास्यपद इसलिए है के बीजेपी श्री राहुल गांधी पर आरोप लगाते हैं कि वह विदेशी ताकतों से लंदन में भारत को मदद करने के लिए कहा जबकि राहुल गांधी ने भारत का अंदरूनी मामला है इसका वे स्वयं ही हल ढूढेंगे कहा था । वही अब बीजेपी यह कह रही है कि से राहुल गांधी ओबीसी को निशाना बनाया जबकि उन्होंने देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी से एक प्रश्न किया था यदि वह एक समुदाय को निशाना बनाते तो भारत जोड़ो अभियान जो कि 4000 किलोमीटर का था को पूर्ण नहीं कर पाते वहीं भाजपा ने एक निचली अदालत के फैसले आने के 24 घंटे के भीतर श्री राहुल गांधी की सदस्यता को समाप्त करने के लिए बिजली की गति से काम किया जबकि अदालत ने श्री राहुल गांधी को उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन का मोहलत दिया था । भाजपा की इस तत्परता से देश के जनता के सामने यह प्रश्न खड़ा हो गया है कि क्यों भाजपा राहुल गांधी के प्रश्नों का जवाब नही दे रही, क्या भाजपा राहुल गांधी से डरती है ?
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