मनेंद्रगढ@एक तरफ निष्ठा व ईमानदारी की शपथ ली,दूसरे तरफ छल पूर्वक प्रेस क्लब के नाम पर भूमि पूजन करा लिया,क्या यही है निष्ठा व ईमानदारी?

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  • निष्ठा और ईमानदारी की शपथ लेने वाले क्या शपथ का पालन करते हैं?
  • जनप्रतिनिधि, सरकारी अफसर व कर्मचारियों को शपथ दिलाई जाती थी अब पत्रकारिता में भी शपथ की परम्परा हुई शुरू
  • शपथ लेने वाले अधिकांश लोग शपथ लेने के बाद भूल जाते हैं और अपने हित वाले उद्देश्य से काम करते रहते हैं
  • क्या शपथ सिर्फ औपचारिकता रह गई है या फिर कुछ हैं जो शपथ के अनुरूप कार्य करते हैं?
  • पत्रकार भवन की हुई घोषणा और प्रेस क्लब के नाम पर हो गई जमीन जिसे लेकर बाकी संगठनों में नाराजगी
  • एक संगठन के नाम भवन बनने से पत्रकारों में पड़ी फूट एमसीबी का मामला

रवि सिंह-
मनेंद्रगढ 05 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। किसी व्यकि द्वारा किसी पद पर कार्य आरम्भ करने से पूर्व लिया जाने वाला शपथ पद की शपथ कहलाता है। इस तरह की शपथ प्रायः सरकारी पद या धर्मिक पद ग्रहण करने से पूर्व ली जाती है किन्तु कभी-कभी अन्य संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा भी ली जाती है। शपथ किसी तथ्य या प्रतिज्ञा की ऐसी अभिव्यक्ति होती है जिसके सत्य होने का आश्वासन उसमें किसी पवित्र चीज़ का उल्लेख के आधार पर हो। उदाहरण के लिए मैं ईश्वर की सौगंध लेता हूँ कि अपना दायित्व सच्चाई से निभाऊँगा” एक प्रकार की शपथ है। एमसीबी जिले के मनेंद्रगढ़ में आयोजित पत्रकार शपथ ग्रहण को लेकर पत्रकार ही आलोचनाओं में घिर गए, कई तरह के सवाल उन पर ही खड़े हो गए। खुद सवाल पूछने वाला पत्रकार ही सवालों के घेरे में फंस गया है वह भी अपने शपथ ग्रहण व पत्रकार भवन को लेकर। अभी तक हमने राजनीति व सरकारी सेवाओं में कार्य करने वाले लोगों को शपथ लेते देखा था, लिखित शपथ भी कई जगहों पर ली जाती है जिसका उद्देश्य होता है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी और निष्ठा से करें पर क्या शपथ लेने के बाद भी ईमानदारी और निष्ठा से कार्य होता है? कई स्थितियों में जनप्रतिनिधि शपथ तो लेते हैं पर उस शपथ के अनुरूप कार्य नहीं करते कुछ ऐसा ही प्रशासनिक सेवाओं में भी अधिकारियों में देखा गया है ईमानदारी और निष्ठा तो ना जाने कहां गुम हो गई है सिर्फ शदों में ही बची है।
नवीन जिला एमसीबी में पत्रकारों का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ और इस शपथ ग्रहण समारोह के बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ है की क्या अब जिले के पत्रकार सत्य एवम घटी घटनाओं का अक्षरशः प्रकाशन करेंगे और सवाल यह भी उठ रहा है की इसके पहले क्या सत्य और घटी घटनाओं का सही प्रकाशन नहीं किया जाता था। शपथ ग्रहण समारोह कर आखिर पत्रकार समूह ने किस चीज की शपथ ली यह मुख्य रूप से सवाल समाने है। नवीन जिला गठन के बाद हुए इस समारोह में नवीन जिले के दोनो विधायक शामिल हुए और कार्यक्रम में भव्यता भी राजनीतिज्ञों की उपस्थिति के हिसाब से बनाई गई। शहर के बड़े होटल में हुए इस समारोह में जिले के पत्रकारों ने शपथ तो ले ली लेकिन शपथ लेने के बाद वह आगे ली गई शपथ अनुसार ही खबरों को लेकर निष्पक्ष बने रहेंगे यह आगे देखने वाली बात होगी। वैसे यह कार्यक्रम नवीन जिला गठन उपरांत पत्रकारों द्वारा खुद को पुराने जिले से संबंध विच्छेद करने के उद्देश्य से भी अयोजित किया गया था जैसा सूत्रों का कहना है। समारोह में विधायक के खास एवम साथ रहने वाले पत्रकारों की भूमिका ही समारोह की सफलता रही और कुल मिलाकर यह पूरा आयोजन राजनीतिक दिखा।
शपथ ग्रहण समारोह पर खर्च कहां से हुआ, किससे चंदा की उगाही हुई?
पत्रकारों का शपथ ग्रहण समारोह शहर के बड़े होटल में हुआ और कार्यक्रम भव्य रहा यह देखने को मिला,कार्यक्रम में खर्च काफी हुआ यह कार्यक्रम की भव्यता से जाना जा सकता है अब सवाल यह उठता है की कार्यक्रम में इतना खर्च किया कहां से गया और आयोजक कौन रहा। कार्यक्रम के लिए उगाही यदि की गई तो किसने इस भव्य कार्यक्रम के लिए चंदा दिया कुलमिलाकर निष्पक्ष रहने की बात करने वाले पत्रकारों का कार्यक्रम ही प्रायोजित दिखा।
बनना था पत्रकार भवन तो फिर कैसे हुआ प्रेस क्लब भवन?
नवीन जिले एमसीबी के पत्रकारों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि जिले में एक नहीं कई संगठन है पर किसी एक संगठन के नाम पर भवन बनाया जा रहा है जिसे लेकर अंदर खाने में काफी आलोचनाएं व आक्रोश देखने को मिल रहा है घोषणा भी पत्रकार भवन के लिए हुई थी ताकि सभी संगठन को इसका लाभ मिल सके पर अंततः प्रेस क्लब के नाम पर लगती मोहर ने सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर क्या यह भवन सिर्फ प्रेस क्लब के लिए होगा या फिर बाकी संगठनों के पत्रकारों को भी इसका लाभ मिलेगा? जबकि शुरू से कहा जा रहा था कि यह भवन सभी पत्रकारों व संगठन के लिए होगा फिर किसी एक संगठन के नाम से कैसे बन रहा यह एक बड़ा सवाल है वही एक वर्ग का यह भी कहना है कि उस संगठन का अध्यक्ष भी नामजद है तो क्या भवन उस संगठन के अध्यक्ष के नाम होगी?
प्रशासन की लापरवाही से पत्रकार भवन ना बनकर प्रेस क्लब भवन बन रहा
पूरे मामले में प्रशासन की लापरवाही प्रमुख है जो पत्रकार भवन प्रेस क्लब भवन के नाम से बन रहा है। वैसे माना यह भी जा रहा है की प्रेस क्लब के अध्यक्ष एक विधायक के खास हैं इसलिए भवन प्रेस क्लब के नाम से बन रहा है। अब बात जो भी हो एक पत्रकार समूह ने मामले में कलेक्टर को पत्र लिखकर मामले में भवन को पत्रकार भवन के नाम से करने की गुहार लगाई है जिससे भविष्य में कोई विवाद पत्रकारों में आपसी न हो।
पत्रकार भवन बनाने के लिए सभी संगठन से पदाधिकारी चुनकर भवन के लिए
अलग समिति बनानी थी

पत्रकार भवन के लिए सभी संघों से पदाधिकारी चुने जाने चाहिए थी और एक कमेटी सार्वजनिक बनाकर पत्रकार भवन बनाया जाना चाहिए था जबकि ऐसा न करते हुए प्रेस क्लब जो एक संघ है के नाम से भवन का नाम किया जा रहा है जो विवाद की वजह बन रहा है। अब देखना है की मामले में प्रशासन क्या निर्णय लेता है और किस तरह पत्रकारों को मामले में एकजुट कर पाता है।
पत्रकार भवन व भवन के नाम पर आबंटित भूमि को लेकर पत्रकार हुए दो फाड़
नवीन जिले में पत्रकार भवन व उसके लिए आबंटित भूमि मामले में भी पत्रकार दो फाड़ में बंटे नजर आ रहें हैं और एक गुट का कहना है की भूमि और बनने वाले भवन का नाम किसी पत्रकार संघ के नाम पर न होकर सार्वजनिक पत्रकार भवन रखा जाए जिससे भविष्य में कोई विवाद खड़ा न हो। बताया जाता है की भवन एवम उसके नाम आबंटित भूमि एक पत्रकार संघ ने नाम पर होना तय हुआ है और उस संघ के प्रमुख स्वयं विधायक के खास हैं और पल पल उनके साथ ही रहते हैं। अब इस मामले में क्या निर्णय जिला प्रशासन लेता है देखना होगा क्योंकि इसको लेकर एक गुट ने अपनी आपçा कलेक्टर के समक्ष दर्ज की है।


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