पटना,03 अप्रैल 2023 (ए)। रामनवमी की यात्रा के बाद भड़की हिंसा की घटनाओं से बिहार का सासाराम और नालंदा ही नहीं, बल्कि पूरा बिहार डरा-सहमा हुआ है। सब तरफ डर है कि यह आग भड़क कर आस-पास के जिलों से होते हुए पूरे बिहार को अपनी जद में ना ले ले। जैसे 31 मार्च को मुजफ्फरपुर से खबर आई कि वहां दो सम्प्रदायों के बीच में हिंसा भड़क गई।
खबर मुजफ्फरपुर के सकरा थानान्तर्गत रामपुर बखरी से थी। कहासुनी से बात मारपीट तक आई और फिर एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के मुर्गी फर्म में आग लगा दी। यदि पुलिस मुस्तैद नहीं हुई तो स्थिति भयावह हो सकती है। हालांकि बिहार पुलिस तीन दिनों से बार बार स्थिति नियंत्रण में होने का दावा कर रही है और लगातार गिरफ्तारी भी कर रही है। सासाराम और नालंदा से सौ से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
कैसे भड़की दंगों की आग?
नालंदा के बिहार शरीफ में रामनवमी पूजा के बाद 31 मार्च को बजरंग दल द्वारा श्रीराम के नाम पर एक विशाल यात्रा का आयोजन किया गया था। इस यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। यात्रा शांतिपूर्वक शहर के बीच से गुजर रही था। श्रीराम के नाम पर कुछ कालनेमियों को यह बात पसंद नहीं आई होगी। उन्होंने इस यात्रा पर पत्थरबाजी कर दी। इसी पत्थरबाजी के बाद हिंसा भड़क गयी। नालंदा के बिहार शरीफ में हिंसक झड़प की खबर सामने आई। जहां फायरिंग हुई, वहां एक व्यक्ति की मृत्यु की सूचना भी सामने आई। बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी 02 अप्रैल को वहां पहुंचे। उन्होंने उपद्रवियों से भी पूछताछ की। भट्टी साहब की बिहार में चल रही उपद्रवियों की हरकतों पर नजर है लेकिन ये उपद्रवी नियंत्रण में नहीं आ रहे हैं।
बात सासाराम की करें तो वहां 30 मार्च देर शाम से प्रारंभ हुआ दंगा अब तक जारी है। उपद्रवी अलग अलग इलाकों में उत्पात मचा रहे हैं और पत्थर फेंक रहे हैं। शहर में हिंसक झड़प के बाद पुलिस की गश्ती बढ़ा दी गई है। सासाराम और आस पास के क्षेत्रों में पुलिस लगातार फ्लैग मार्च कर रही है। बमबाज और पत्थरबाजों पर इसका असर मालूम नहीं पड़ता। सासाराम नगर थाना क्षेत्र मोची टोला में सुबह-सुबह बम फेंक दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 03 अप्रैल को सुबह 05 बजे बम फेंका गया। जानकारी सार्वजनिक होने के बाद मौके पर एसएसबी के जवान तैनात कर दिए गए हैं।
