- क्या जिस प्रकार जनपद सीईओ को हटाया गया क्या उसी प्रकार जनता विरोधी एसडीएम को भी हटाया जाएगा?
- बैकुंठपुर जनपद सीईओ को हटाए जाने से खुश नजर आए भाजपा कांग्रेस के नेता,दिया एक दूसरे को धन्यवाद
- जनपद सीईओ को हटाने संयुक्त रूप से भाजपा कांग्रेस ने किया था आंदोलन,परिणाम हटाए गए सीईओ
- सीइओ को हटाए जाने मामले में विधायक को छोड़कर सभी को दिया गया धन्यवाद
- जनपद सीईओ को हटाए जाने के पक्ष में नहीं थीं बैकुंठपुर विधायक
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 01 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के दो कार्यालय कुछ ज्यादा ही सुर्खियों में थे एक तो जनपद पंचायत बैकुंठपुर तो दूसरा बैकुंठपुर एसडीएम के कार्यालय, जनपद सीईओ को जहां विधायक का संरक्षण मिलने की बात कही जा रही थी वही जनपद के जनप्रतिनिधि जनपद सीईओ को हटाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए बैठे थे काम कितना प्रभावित हो रहा था यह तो जनपद से जुड़े लोग ही बता पाएंगे पर यह जरूर बात सामने आ रही थी कि जनपद सीईओ की वजह से पंचायत के विकास कार्य में बाधा आ रही थी, अब इससे आम आदमी कितना प्रभावित होता है यह तो जनप्रतिनिधि ही जानेगे पर उन्हें हटाने को लेकर तमाम तरीके की कोशिश जारी थी अंततः सफलता भी मिल गई पर सफलता कैसे मिली यह एक बड़ा सवाल है, क्योंकि जब सत्ता पक्ष के विधायक कहीं संरक्षण था तो फिर किस नेता ने दिखाया दम की जनपद सीईओ को हटना पड़ा? वही एक कार्यालय ऐसा भी है जहां आज भी लोग परेशान है जहां पर कार्य कछुआ से भी धीमी गति में चलना है पर चढ़ावा चढ़ाने पर तेज गति से काम होता है, अधिकारी का कार्यालय में सब से कम बैठना होता है और यदि बैठ भी गई तो सिर्फ चढ़ावा चढ़ाने वाले का काम ही होता है, बैकुंठपुर का एसडीएम कार्यालय जहां पर तमाम लोग अधिकारी के ना बैठने की वजह से परेशान है और यह बात कई महीनों से सामने आ रही है पर किस का संरक्षण है की यह तो अंदर खाने की बात है पर परेशानी तो बाहर साफ देखने को मिल रही है अब इन्हें कब और किस नेता के दम से हटाया जाएगा इस बात का लोगों को इंतजार रहेगा, यदि इन्हें हटाया जाता है तो यह मानीए कि सही मायने में लोगों के हित का कार्य होगा।
कांग्रेस भाजपा दोनो ही दलों के नेताओं ने संयुक्त रूप से किया था आंदोलन
कोरिया जिले के जनपद पंचायत बैकुंठपुर के सीइओ को आखिरकार जनपद से हटा दिया गया। जनपद सीइओ को हटाने के लिए कांग्रेस भाजपा दोनो ही दलों के नेताओं ने संयुक्त रूप से आंदोलन किया था और जिसको लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष को असहज भी महसूस करना पड़ा था और उन्होंने आंदोलन से पार्टी का वास्ता नहीं है ऐसा बयान भी जारी कर पार्टी को आंदोलन से अलग बताया था। भले ही कांग्रेस पार्टी ने आंदोलन से किनारा कर लिया था लेकिन आंदोलन सफल हुआ था और जमकर नारेबाजी भी हुई थी जनपद सीइओ के खिलाफ और जिसमे सबसे ज्यादा नारा कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने ही लगाए थे जिसका परिणाम समाने आया और सीइओ को हटा दिया गया। बता दें की जनपद पंचायत बैकुंठपुर में अध्यक्ष पद पर भाजपा का कजा है वहीं उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस का और दोनों ही का जनपद सीइओ नहीं सुना करते थे और यही वजह थी कि सीइओ का विरोध था और जिसके लिए आंदोलन हुआ था।
सरपंच सहित सचिव भी जनपद सीइओ से चल रहे थे नाराज
जनपद पंचायत बैकुंठपुर से सीइओ से सरपंच सहित सचिव भी नाराज चल रहे थे वहीं एक भी सरपंच व सचिव सीइओ की कार्यप्रणाली से खुश नहीं थे यह भी बताया जाता है। जनपद सीइओ से कार्यालय के कर्मचारी भी नाखुश थे और वह भी सीइओ की रवानगी जनपद से चाहते थे यह भी बताया जाता है इसलिए आंदोलन भी जबरदस्त हुआ था और जिसका परिणाम समाने है।
विधायक नहीं चाहती थीं हटाए जाएं जनपद सीइओ
बैकुंठपुर विधायक जनपद पंचायत बैकुंठपुर के सीइओ के पक्ष में थीं जैसा की सूत्रों का कहना है और इसीलिए जनपद सीइओ को हटाने में विलंब हुआ क्योंकि इसको लेकर विधायक की सहमति नहीं मिल पा रही थी। विधायक इसलिए भी जनपद सीइओ के पक्ष में खड़ी थीं जैसा की सूत्रों का कहना है क्योंकि आंदोलन के बाद जो की भले ही संयुक्त रूप से कांग्रेस भाजपा दोनो का था क्योंकि आंदोलन का श्रेय पूरा भाजपा को ही मिल सकता था जो हुआ भी और सरपंच सचिव सहित जनपद से जुड़े हर उस व्यक्ति का समर्थन उसे ही मिल जाता जो आंदोलन का आगाज करने वाला था। भाजपा श्रेय लेकर जनपद सीइओ से परेशान हर उस व्यक्ति समर्थन पा सकी जो सीइओ से परेशान थे। वैसे विधायक जनपद सीइओ को लेकर बिलकुल अडिग थीं की उन्हे न हटाया जाए उसके बाद भी सीइओ को हटाया गया जो विधायक के नजरिए से अच्छा संकेत नहीं है।
कई मंत्रियों सहित कई कलेक्टर तक की गई थी जनपद सीइओ की शिकायत
बैकुंठपुर जनपद सीइओ की शिकायत कई मंत्रियों जिसमे प्रभारी मंत्री सहित कई शामिल हैं सहित जिले के कई कलेक्टरों से की गई जो समय समय पर जिले में कार्यभार सम्हाल रहे थे। शिकायत जनपद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष ने की थी जिन्हे सरपंचों सहित सचिवों का भी समर्थन प्राप्त था।