बौद्धिक सम्पदा अधिकार विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला सम्पन्न
अंबिकापुर,29 मार्च 2023 (घटती-घटना)। राजीव गाँधी शासकीय स्नााकोार महाविद्यालय अम्बिकापुर में बौद्धिक सम्पदा अधिकार विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दुसरे दिवस चार तकनीकी सत्र आयोजित किए गए।
समापन सत्र में मुख्य अतिथि केबिनेट मंत्री दर्जा व नगर निगम सभापति, पी जी कॉलेज के जनभागीदारी समिति अध्यक्ष अजय अग्रवाल थे।
अति विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर त्रिपाठी थे व सत्र की अध्यक्षता प्राचार्य एस एस अग्रवाल ने की।
समारोह सत्र को सम्बोधित करते हुए निगम सभापति व केबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त जनभागीदारी समिति अध्यक्ष मुख्य अतिथि अजय अग्रवाल ने कहा कि मैं विधि विभाग को बधाई देता हूँ कि उन्होंने बहुत ही गंभीर विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया है। ऐसी कार्यशालाओं की ग्रामीण क्षेत्रों में भी नितान्त आवश्यकता है। बौद्धिक सम्पदा अधिकार प्राप्त कर लोगों को संरक्षण मिलेगा। उन्होंने रामायण के एक प्रसंग का उदाहरण देते हुए बताया कि लक्ष्मण को जीवन वैध सुशैन के संजीवनी ज्ञान के कारण मिला, आज भी ऐसे अनेकों ज्ञानीजन हमारे बीच हैं किन्तु पेटेंट अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देश ले लेते हैं। हल्दी जैसी औषधिय गुणों का पेटेंट अमेरिका के पास है। इसीलिए हमें पेटेंट को जानकर अपने उत्पादों पर अधिकार सुरक्षित रखना होगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर त्रिपाठी ने कहा कि इस पृथ्वी पर सभी प्राणियों में मनुष्य सबसे बुद्धिमान प्राणी है, वह सबसे महान है, उसमें सोचने – समझने की क्षमता है। 1911 में इंडियन पेटेन्ट एण्ड डिज़ाइन एक्ट बना। 1914 में डिज़ाइन एक्ट बना फिर ट्रेडमार्क एक्ट अस्तित्व में आया। एच.एम.वी. एक म्युजि़क कम्पनी थी जिसका ट्रेडमार्क था, टाटा का ट्रेडमार्क है। इसी प्रकार लेखक का लेखन, फि़ल्म, मनोरंजन की वस्तुओं की कॉमर्शियल वैल्यू ख़त्म न हो, ऐसी स्थिति के लिए कॉपीराईट एक्ट बना। वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल ग्रूप बनाया। आविष्कारों के युग में पेटेन्ट, कॉपीराईट और ट्रेडमार्क की बहुत महत्वपूर्ण व प्रभावी भूमिका है।
कार्यक्रम को प्रचार्य एस एस अग्रवाल ने भी सम्बोधित किया।
संयोजक डॉ. आरपी सिंह के द्वारा कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम सचिव ब्रजेश कुमार द्वारा अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
समापन कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अनिल सिन्हा, माधवेंद्र तिवारी व संजीव लकड़ा के द्वारा किया गया। इस दौरान प्राध्यापकगण डॉक्टर एस.के. श्रीवास्तव, डॉक्टर आर.के. जायसवाल, आयोजित कार्यशाला के विषय विशेषज्ञ गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय उाराखण्ड के प्राध्यापक डॉक्टर सुधीर कुमार चतुर्वेदी ने वर्चुवल सम्बोधन द्वारा कॉपीराईट से सम्बन्धित विभिन्न अधिकारों व मुद्दों को समझते हुए बताया कि कॉपीराईट किसी व्यक्ति के आईडिया का संरक्षण नहीं करता बल्कि उसके प्रस्तुतिकरण को संरक्षित करता है।
इस तकनीकी राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रतिभागिता हेतु डॉ. नीलाभ कुमार, अनुकूल द्विवेदी, सुरेंद्र गुप्ता, पीयूष कुमार त्रिपाठी, अमित पाण्डेय, गौतम गुप्ता, नान सिंह, मनीष दयाल, अख़लाक¸ रज़ा, आनन्द कुशवाहा, रिज़वान आलम, सोमा गुप्ता, विशाल, सौरभ सोनी, सतीश, लोलर सिंह, हामिद अंसारी सहित अन्य को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में सहायक प्राध्यापकगण डॉक्टर मिलेन्द्र सिंह, पंकज अहिरवार, देव प्रकाश दुबे, डॉ. पीयूष पाण्डेय, डॉ. विनीत गुप्ता, डॉ. उमेश पाण्डेय, डॉ. प्रतिभा सिंह, डॉ. नीलाभ कुमार, डॉ. दीपक सिंह, डॉक्टर नीमा कमर, डॉ. कामिनी, डॉ. ममता गर्ग, डॉ. जसिंता मिंज, डॉ. जेरमिना तिर्की, संजीव लकड़ा, संदीप कुशवाहा, डॉ. सरोज तिर्की, डॉ. तृप्ति विश्वास, डॉ. लक्ष्मी शास्त्री, डॉ. मनीषा देवांगन, पूनम सोनवानी सहित अन्य प्रतिभागीगण उपस्थित थे।
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