चीन को सीमाओं का सम्मान करने की दी सलाह
नई दिल्ली,29 मार्च 2023 (ए)। भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद को दुनिया की शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आतंकवाद पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी भी रूप में आतंकवाद और उसे मिलने वाली फंडिंग, दुनिया की शातिं और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।
शंघाई सहयोग संगठन के सचिवों की 18वीं बैठक में उन्होंने कहा कि आतंकवाद के लिए उठाया गया कोई भी कदम, चाहे उसके पीछे कुछ भी मकसद हो, वह अनुचित है। डोभाल ने सदस्य देशों से मेंबर स्टेस्ट्स की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए परस्पर सम्मान रखने का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि एससीओ में शामिल सदस्य देश, एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए परस्पर सम्मान रखने की जरूरत है। उन्होंने आगे आह्वान किया कि कोई भी सदस्य देश किसी दूसरे सदस्य देशों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई न करें।
दरअसल, इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि अजीत डोभाल ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान और सीमा सुरक्षा और सैन्य कार्रवाई को लेकर चीन पर निशाना साधते हुए यह बात कही है।
अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा है आतंकवादः अजीत डोभाल
डोभाल ने शंघाई समूह की बैठक में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी के दौरान कहा, आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में और इसका वित्तपोषण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है। आतंकवाद का कोई भी कार्य, चाहे उसकी प्रेरणा कुछ भी हो, अनुचित है।
अजीत डोभाल ने बैठक में उनके निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए शीर्ष प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया और कहा कि अधिकारियों की भागीदारी न केवल चर्चाओं को समृद्ध करेगी बल्कि कुछ महीनों में एक सफल शिखर सम्मेलन के लिए जमीन भी तैयार करेगी।
कनेक्टिविटी पर भारत का जोर
सदस्य देशों के बीच कनेक्टिविटी के बारे में उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता बनी हुई है। उन्होंने कहा, “हम क्षेत्र में निवेश और कनेक्टिविटी के निर्माण में सहयोग करने के लिए तैयार हैं। इस तरह की पहल सुनिश्चित करने के लिए कनेक्टिविटी का विस्तार करना भी महत्वपूर्ण है।” डोभाल ने यह भी रेखांकित किया कि भारत की विदेश नीति इन्हीं सिद्धांतों पर आधारित है और “हर संभव तरीके से हमारी प्रतिबद्धता” को दर्शाती है।
डोभाल ने चाबहार बंदरगाह का उठाया मुद्दा
उन्होंने बैठक के दौरान चाबहार बंदरगाह के मुद्दे को भी उठाया। डोभाल ने यह भी कहा, भारत अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने और आईएनएसटीसी के ढांचे के भीतर बंदरगाह को शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत जून 17 में एससीओ का सदस्य बना था, लेकिन एससीओ देशों के साथ हमारे संबंध कई सदियों पुराने हैं।
एससीओ से जुड़ी जानकारी
बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन 2001 में स्थापित एक अंतर-सरकारी संगठन है और इसमें आठ सदस्य देश शामिल हैं। इन देशों के नाम हैं- भारत, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान। पिछले साल भारत ने 2023 के लिए शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता ग्रहण की।
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