रायपुर@चावल आवंटन में गड़बड़ी पर घिरे मंत्री अमरजीत

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विपक्ष ने सदन में मचाया भारी हंगामा
पूर्व सीएम ने पीडीएस का मामला उठाया,
रायपुर,20 मार्च 2023 (ए)।
छत्तीसगढ़ विधानभा के बजट सत्र में सोमवार को छग के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शून्य काल में स्थगन प्रस्तुति की सूचना के माध्यम से एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाते हुए सरकार के पीडीएस योजना में हजारों करोड़ की गड़बड़ी का सीधा आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि खुद खाद्य मंत्री ने 149 करोड़ की गड़बड़ी पाये जाने की बात स्वीकार की है। वसूली सिर्फ चार करोड़ की गई। कम से कम 600 करोड़ के घोटाले का मामला है। कुल राशन दुकानों में से 40 प्रतिशत दुकानों में गड़बड़ी पाई गई है। काम रोक कर चर्चा कराई जाए। उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने पक्ष विपक्ष के व्यक्तव्य सुनने के बाद स्थगन को प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं दी।
इस प्रस्ताव का शिवरतन शर्मा, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, केके बांधी, सौरभ सिंह, रजनीश सिंह, रंजना साहू, धरमलाल कौशिक, नारायण चन्देल ने समर्थन किया। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने आरोप का विरोध करते हुए कहा कि तकनीकी त्रुटि के कारण फर्क दिखा था। गड़बड़ी कुछ पाई गई है।
जिस पर कार्यवाही की गई है। यह भी दावा किया कि कोई माई का लाल एक दाना भी इस योजना में खा नहीं सकता। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि इस सरकार द्वारा यह सुनियोजित भ्रष्टाचार किया गया है। शिवरतन शर्मा ने कहा कि 1000 करोड़ की गड़बड़ी है। सरकार ने खाद्य नीति में परिवर्तन कर दिया अपने अनुरूप बनाने का काम किया।
पोर्टल से हटा दिया
मंत्री अमरजीत भगत ने यह स्वीकार किया कि 2007-08 में तत्कालीन सरकार ने सार्वजिनक वितरण प्रणाली के संचालन तथा इसके कंप्यूटरीकरण हेतु उल्लेखनीय कार्य किया गया था। अपने व्यक्तव्य में गड़बड़ी के आरोपों का जवाब दिया कि हमारी सरकार द्वारा 20 माह के दौरान अंत्योदय राशन वितरण में पारदर्शिता के लिए व दुरुपयोग रोकने दुकानों में ई-पोस मशीन स्थापित की गई, जिसके कारण जरूर थोड़ी तकनीकी अड़चन आई।
हम स्टॉक की सही गणना करने व अनियमितता रोकने के सरकार द्वारा बेहतर प्रयास किये जा रहे हैं। डॉ.रमन सिंह ने कहा कि हमारी भाजपा सरकार के समय राशन वितरण प्रक्रिया को लीकेज प्रूफ बनाया गया था। हमारी व्यवस्था को सुप्रीम कोर्ट ने देश का मॉडल पीडीएस सिस्टम भी कहा था। हमारी व्यवस्था का अन्य राज्यों ने अनुसरण किया था। 2018 में वर्तमान सरकार के आने के बाद इस सिस्टम में ग्रहण लग गया है।
इस सरकार ने आते ही दो महीने पूरा कोटा और तीसरे महीने पिछले दो माह के शेष चावल स्टॉक को घटा कर बाक¸ी कोटा देने की शानदार व्यवस्था को शून्य कर दिया। ताकि उच्च स्तर पर काला बाजारी कराई जा सके। अमरजीत भगत ने कहा कि ऐसी कोई भी व्यवस्था 2018 के पूर्व लागू नहीं थी।
जब ऐसा नियम लागू था ही नहीं तो इसे वर्तमान सरकार द्वारा बदलने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। माह सितम्बर 2022 में दुकानों में बचत स्टॉक का भौतिक सत्यापन कराया गया तथा माह जनवरी 2023 से 2 माह पूर्व बचत मात्रा के आधार पर उचित मूल्य दुकानों को राशन सामग्री का प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है। हमारी सरकार सभी प्रकार की अनियमितताओं को रोकने के प्रति सजग है तथा इसके निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
बांधी ने कहा कि तथ्य व प्रमाण सामने आ जायेगा आप स्थगन पर चर्चा करा दीजिए। रंजना साहू ने गंभीर आरोप कांग्रेस पर इस विषय में लगाया जिस पर सत्ता पक्ष ने विरोध किया तो आसंदी ने कही हुई बातों को विलोपित करवा दिया। पक्ष विपक्ष के व्यक्तव्य सुनने के बाद उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने स्थगन को प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं दी। विपक्षी सदस्य इस व्यवस्था से नाराज होकर नारेबाजी करने लगे। उपाध्यक्ष ने हल्ला गुल्ला के बीच 5 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित भी कर दी।
चार-पांच महीने तक मिल सकता है गरीबों को चावल
डा. रमन सिंह ने पूछा कि राशन दुकानों में जो अतिशेष स्टाक बचता है, क्या उसके लिए विभाग ने कोई नियम बनाए हैं? उन्होंने कहा कि लगभग 68 हजार 930 टन चावल स्टाक में होना था। यदि ईमानदारी बरती गई होती तो चार से पांच महीने तक यह चावल गरीबों को मिलता। ग्राम पंचायतों तक में राशन सामग्री का ओवर स्टाक था। 450 दुकानों में गड़बड़ी की बात सामने आ चुकी है। इस मामले की ईओडब्ल्यू में भी जांच चल रही है।
161 दुकान निलंबित,13 पर एफआईआर
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि अब तक 161 उचित मूल्य दुकानों का निलंबन तथा 140 दुकानों का आवंटन निरस्त किया गया है। 19 दुकानों से चावल की वसूली की गई है। 13 व्यक्तियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। प्रदेश की 13 हजार पीडीएस दुकान में ई-पास शुरू हो गया है। जो कमियां आज सामने नजर आ रही हैं, वो सब आपके समय की देन हैं।
विधानसभा में अंडे का मुद्दा उछला
विधानसभा में आज अंडे का मुद्दा भी उछला। प्रश्नकाल में धर्मजीत सिंह गौठान में अंडा उत्पादन का मुद्दा उठाय। धर्मजीत सिंह ने बताया कि पहले मुर्गियों को गोदरेज का दाना दिया जाता था, जिसकी वजह से अंडे का उत्पादन ज्यादा होता था, लेकिन बाद में मुर्गियों का दाना स्थानीय स्तर पर खरीदा जाने लगा, जिसकी वजह से मुर्गियां अब कम अंडा दे रही है।
धर्मजीत सिंह के सवाल पर मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि ऐसी जानकारी नहीं है कि दाने की वजह से मुर्गियां कम अंडा दे रही है। उन्होंने कहा कि हो सकता है मुर्गियां उम्र में ज्यादा हो गयी हो, इसकी वजह से वो अंडा कम दे रही हो। हालांकि दाना की वजह से अंडा उत्पादन प्रभावित हो रहा है, इसके लिए विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे।
सप्लीमेंट्री सवाल में धर्मजीत सिंह ने बताया कि अंडा उत्पादन कम होने की बात दो आईएएस की मौजूदगी में महिलाओं ने दी है। इसलिए अगर पूर्व की भांति मुर्गियों को गोदरेज का दाना उपलब्ध कराया जायेगा, तो अंडा का उत्पादन काफी बढ़ जायेगा, गौठानों को भी काफी फायदा होगा। जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि इस मामले में वो अधिकारियों से बात करेंगे।मंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा, क्या मुर्गियों से पूछा गया कि वो अंडे कम क्यों दे रही है। सुनकर सदन में विधायकों के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी। सदन में धर्मजीत सिंह ने इस दौरान अंडे को लेकर एक कहानी भी सुनायी। धर्मजीत सिंह ने कहा कि एक अधिकारी मुर्गियों के फार्म में पहुंचा। सभी मुर्गियों को कहा गया, जल्दी-जल्दी सब ज्यादा-ज्यादा अंडे दो। अधिकारी के डर से किसी मुर्गी ने 5 अंडे..किसी ने 6 अंडे दिये। एक ने सिर्फ एक ही अंडे दिये। जिन मुर्गियों ने 5-6 अंडे दिये, सभी को शाबाशी मिली। एक ने सिर्फ एक अंडा दिया था, अधिकारी ने उसे डांटा, जैसा हमलोग आज यहां डांट रहे हैं। अधिकारी ने उससे पूछा, एक ही अंडा क्यों दिया..जवाब में उसने बताया कि मैं तो सिर्फ आपके डर से अंडे दिया हूं, वरना मैं तो मुर्गा हूं।


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