मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में यहां विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में मंत्री परिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए
रायपुर,17 मार्च 2023 (ए)। भूपेश कैबिनेट की बैठक खत्म हो गयी है। आज विधानसभा में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। पत्रकार सुरक्षा कानून को आज कैबिनेट में मंजूर किया गया।
कल ही मुख्यमंत्री ने बजट कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा था कि पत्रकार सुरक्षा कानून को सरकार को इसी सत्र में लायेगी। लिहाजा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने वादा के अनुरूप पत्रकार सुरक्षा कानून को कैबिनेट से मंजूरी दे दी है। अब ये विधानसभा में विधेयक आयेगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में मंत्री परिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए-
छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक- 2023 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता-1959 में (संशोधन) विधेयक 2023 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
छत्तीसगढ़ नगरीय क्षेत्रों के आवासहीन व्यक्ति को पट्टाधृति अधिकार विधेयक-2023 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2023 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति का अनुमोदन किया गया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन, भत्ते एवं पेंशन (संशोधन) विधेयक-2023 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए करीब 2500 करोड़ रूपये की विश्व बैंक परियोजना- चाक के क्रियान्वयन के लिए शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया तथा ऋण को अंतिम रूप से स्वीकृति प्रदान करने के लिए वित्त विभाग को अधिकृत किया गया है।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 बरमिंघम में सिल्वर मेडल प्राप्त कु. आकर्षी कश्यप, दुर्ग को उप पुलिस अधीक्षक (द्वितीय श्रेणी राजपत्रित) पद पर नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
पुलिस मुख्यालय, छत्तीसगढ़, नवा रायपुर में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी का नवीन पद अस्थाई रूप से एक वर्ष की अवधि के लिये निर्मित किये जाने का निर्णय लिया गया।
पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार
आवास भूखंड आवंटन का भरोसा बढ़ड़ा- दामु आम्बेडारे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंत्रिमंडल की बैठक में छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक- 2023 के प्रारूप का अनुमोदन किये जाने पर रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष दामु आम्बेडारे ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ने रायपुर प्रेस क्लब के आग्रह पर संवेदनशीलता के साथ विचार कर मीडिया कर्मियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए सुरक्षा कानून लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
रायपुर प्रेस क्लब ने इस कानून के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया था कि जल्द ही मीडिया कर्मियों को सुरक्षा कवच मिलेगा। उन्होंने इस मामले में रुचि लेकर कमेटी बनाई। सुरक्षा विधेयक का मसौदा तैयार कराया और अब कैबिनेट की बैठक में प्राथमिकता के साथ उसका अनुमोदन कर आश्वस्त कर दिया है कि बहुत जल्द यह विधेयक लाकर पारित किया जायेगा। अब सारी औपचारिक प्रक्रिया पूरी होने को है। उम्मीद है कि यह विधेयक यथाशीघ्र कानून के स्वरूप में सामने होगा और छत्तीसगढ़ के मीडिया कर्मियों की वर्षों पुरानी मांग पूर्ण होगी।
कैबिनेट बैठक में लिया गया बड़ा फैसला कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में सिल्वर मेडल जीतने वाली
आकर्षी बनी डीएसपी,
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को विधानसभा परिसर में हुई कैबिनेट की बैठक में पत्रकार सुरक्षा कानून पर मुहर लगा दी गई है. इसके अलावा कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति का भी अनुमोदन किया है. वहीं छत्तीसगढ़ की दुर्ग जिले की भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी आकर्षी कश्यप को उप पुलिस अधीक्षक) बनाया गया.
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 बरमिंघम में सिल्वर मेडल प्राप्त आकर्षी कश्यप, दुर्ग को उप पुलिस अधीक्षक (द्वितीय श्रेणी राजपत्रित) पद पर नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय भूपेश कैबिनेट मीटिंग में लिया गया.
क्या है छत्तीसगढ़ पत्रकार सुरक्षा कानून,इन्हें मिलेगा इसका लाभ
छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा अरसे से एक बड़ा मुद्दा रहा है। बीते विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आती है तो एक मजबूत पत्रकार सुरक्षा कानून बनाएगी। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने अपना वादा पूरा कर दिया है। आज हुई कैबिनेट की बैठक में इस विधेयक को मंजूरी दे दी गई है।
इस विधेयक की खास बातें किन पत्रकारों को मिलेगी सुरक्षा
‘छत्तीसगढ मीडियाकर्मी सुरक्षा कानून’ के नाम से तैयार इस मसौदे में सुरक्षा पाने के हकदार पत्रकारों की अर्हता आदि का भी जिक्र है। इसके अनुसार-
ऐसा व्यक्ति जिसके गत 3 महीनों में कम से कम 6 लेख जनसंचार माध्यम में प्रकाशित हुए हों।
ऐसा व्यक्ति जिसे गत 6 माह में किसी मीडिया संस्थान से समाचार संकलन के लिए कम से कम 3 भुगतान प्राप्त किया हो।
ऐसा व्यक्ति जिसके फोटोग्राफ गत 3 माह की अवधि में कम से कम 3 बार प्रकाशित हुए हों।
स्तंभकार अथवा स्वतंत्र पत्रकार जिसके कार्य गत 6 माह के दौरान 6 बार प्रकाशित/प्रसारित हुए हों।
ऐसा व्यक्ति जिसके विचार/मत गत तीन माह के दौरान कम से कम 6 बार जनसंचार में प्रतिवेदित हुए हों।
ऐसा व्यक्ति जिसके पास मीडिया संस्थान में कार्यरत होने का परिचय पत्र या पत्र हो।
ऐसा व्यक्ति जिसके पास मीडिया संस्थान में कार्यरत होने का परिचय पत्र या पत्र हो।
मीडियाकर्मियों के पंजीकरण के लिए अथॉरिटी का गठन
पत्रकारों के पंजीकरण के लिए भी सरकार अथॉरिटी का निर्माण करेगी। तैयार कानून के प्रभावी होने के 30 दिन के अंदर सरकार पत्रकारों के पंजीकरण के लिए अथॉरिटी नियुक्त करेगी। अथॉरिटी का सचिव जनसम्पर्क विभाग के उस अधिकारी को बनाया जाएगा जो अतिरिक्त संचालक से निम्न पद का न हो। इसमें दो मीडियाकर्मी भी होंगे जिनकी वरिष्ठता कम से कम 10 वर्ष हो। इनमें से एक महिला मीडियाकर्मी भी होंगी, जो छत्तीसगढ़ में रह और कार्य कर रही हों। अथॉरिटी में शामिल होने वाले मीडियाकर्मियों का कार्यकाल दो वर्ष का होगा। कोई भी मीडियाकर्मी लगातार 2 कार्यकाल से ज्यादा अथॉरिटी का हिस्सा नहीं रह सकता।
पत्रकारों की सुरक्षा के लिए समिति का गठन
समिति द्वारा तैयार किए गए कानून के लागू होने के 30 दिन के भीतर छत्तीसगढ़ सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक समिति का गठन करेगी। यह समिति पत्रकारों की प्रताड़ना, धमकी या हिंसा या गलत तरीके से अभियोग लगाने और पत्रकारों को गिरफ्तार करने संबंधी शिकायतों को देखेगी।
इस समिति का सदस्य कौन होगा
कोई पुलिस अधिकारी, जो अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक से निम्न पद का न हो। जनसम्पर्क विभाग के विभाग प्रमुख और तीन पत्रकार, जिन्हें कम से कम 12 वर्षों का अनुभव हो। जिनमें कम से कम एक महिला सदस्य होंगी। इस समिति में भी नियुक्त किए गए पत्रकारों का कार्यकाल दो साल का ही होगा और कोई भी पत्रकार दो कार्यकाल से ज्यादा इस समिति का हिस्सा नहीं बन सकता है। यही नहीं पत्रकारों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिए सरकार एक वेबसाइट का निर्माण भी कराएगी। जिसमें पत्रकारों से संबंधित प्रत्येक सूचना या शिकायत और उस संबंध में की गई कार्यवाही दर्ज की जाएगी। जो इस अधिनियम के आदेश के अधीन होगा। किन्तु सूचना अपलोड करते समय यदि उस व्यक्ति की सुरक्षा प्रभावित होती है तो शासन ऐसे समस्त उचित उपाय करेगा, जिसमें संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता रखने और उसकी पहचान छुपाने के उपाय भी हो सकें।
हर जिले में जोखिम प्रबंधन इकाईयां
पत्रकारों की सुरक्षा के लिए समिति के गठन के 30 दिन बाद सरकार छत्तीसगढ़ के हर एक जिले में जोखिम प्रबंधन इकाई का गठन करेगी। इस जोखिम इकाई के सदस्य जिले के कलक्टर, जिला जनसम्पर्क अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और दो पत्रकार भी होंगे जिनका अनुभव कम से कम सात साल हो।
इन दो पत्रकारों में एक महिला पत्रकार होंगी।
ये संबंधित जिले के ही निवासी होंगे। जोखिम इकाई में शामिल पत्रकारों का भी कार्यकाल दो साल का ही होगा। ये भी दो कार्यकाल से ज्यादा इकाई के सदस्य नहीं रह सकते हैं। तैयार क़ानूनी मसौदे के अनुसार जिस व्यक्ति (पत्रकार) को सुरक्षा की आवश्यकता होगी उसके सबसे नजदीक स्थित जोखिम प्रबंधन इकाई प्रताड़ना, धमकी या हिंसा की सूचना और और शिकायत मिलने पर उसे देखेगी। प्रताड़ना, धमकी या हिंसा से संबंधित सभी शिकायतें या सूचना प्राप्त होने पर उसे तत्काल सुरक्षा देने के बाद तत्काल संबंधित जोखिम प्रबंधन इकाई को भेजेगा।
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