पटना@सवाल पूछे जाने से रोकने पर बीजेपी विधायक का हंगामा

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बीजेपी विधायक ने तोड़ दिया माइक,दो दिनों के लिए सस्पेंड
रौशन लगातार पूरक प्रश्न पूछना चाह रहे थे लेकिन आसन उसकी इजाजत नहीं देना चाह रहा था
चौधरी ने कहा,मेरा और सरकार का भी मानना है कि जिस भावावेश में या जिस कारण से भी हो, रौशन ने असंसदीय आचरण करके सदन और आसन की मर्यादा का हनन किया है

पटना,15 मार्च,2023 (ए)। बिहार विधानसभा में माइक तोड़ने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक लखेंद्र कुमार रौशन को आज से दो दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। दरअसल, सदन में हुए विपक्ष के हंगामे के दौरान उन्होंने माइक तोड़ दिया।
विधानसभा में भोजनावकाश के बाद संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने प्रस्ताव पेश किया कि पातेपुर विधानसभा क्षेत्र के सदस्य लखेंद्र कुमार रौशन को सदन की कार्यवाही को बाधित करने और माइक तोड़ने के कारण आज के उपवेशन से लेकर दो दिनों तक के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित किया जाए। इसके बाद सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किए जाने की घोषणा की। सदन से रौशन को निलंबित करने का प्रस्ताव पारित होने के विरोध में भाजपा के सदस्य शोरगुल और नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए।
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री चौधरी ने कहा कि आज भोजनावकाश से पूर्व प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के लखेंद्र कुमार रौशन का समाज कल्याण विभाग से संबंधित प्रश्न था। संबंधित मंत्री ने सरकार की जानकारी के मुताबिक संतोषजनक जवाब दिया। उसके बाद दो-तीन पूरक प्रश्न भी पूछे गए और उसका भी मंत्री ने यथासंभव संतुष्टि लायक उत्तर दिया, फिर भी रौशन लगातार पूरक प्रश्न पूछना चाह रहे थे लेकिन आसन उसकी इजाजत नहीं देना चाह रहा था फिर भी वह इस पर जोर दे रहे थे और अंत में जब आसन ने उसी दल के वरिष्ठ सदस्य को अगले प्रश्न के लिए नाम पुकारा तो मन में विरोध होना स्वाभाविक है लेकिन सदन में विरोध की भी एक सीमा होती है। हम सब ने देखा है कि जिस ढंग से रौशन ने आपत्तिजनक तरीके से विरोध में या गुस्सा के भाव में माइक को तोड़ दिया, यह न सिर्फ असंसदीय आचरण है बल्कि आसन और सदन का अपमान भी है।
संसदीय कार्य मंत्री चौधरी ने कहा कि पता नहीं क्यों यह बार-बार हो रहा है कि जब लोगों को बोलना होता है तो वे माइक के सामने खड़े होकर के ऑपरेटर को डायरेक्शन देते हैं। रौशन भी आज जब आसन से और पूरक पूछने की इजाजत नहीं मिली तो वह ऑपरेटर को ही देख कर सारे गुस्से का इजहार कर रहे थे। यह तो और भी अलोकतांत्रिक और किसी भी सदस्य के आचरण के प्रतिकूल है। माइक हमेशा तभी ऑन होता है जिसपर आसन की नजर होती है या आसन जिसे बोलने की इजाजत देता है। यही स्थापित संसदीय प्रणाली है और इसी तरह से सदन चलता है।
चौधरी ने कहा, मेरा और सरकार का भी मानना है कि जिस भावावेश में या जिस कारण से भी हो, रौशन ने असंसदीय आचरण करके सदन और आसन की मर्यादा का हनन किया है। आसन ने भी इसका संज्ञान लेते हुए नियमन दे दिया है कि आसन इस पर कार्रवाई करेगा। अब इस हालत में सदन सुचारू रूप से चले, आसन और सदन की मर्यादा बनी रहे तथा आसन के नियमन का भी सम्मान बना रहे इसलिए हम अनुरोध करेंगे कि रौशन अपने इस अशोभनीय आचरण के लिए सदन में कम से कम खेद प्रकट करें अन्यथा आसन के नियमन के अनुपालन में हमें कार्यवाही करने का प्रस्ताव देना पड़ेगा।
सभाध्यक्ष ने लखेंद्र कुमार रौशन को अपनी बात रखने का मौका दिया और कहा कि यदि उन्हें सफाई में कोई बात कहनी है तो वह कहें। इस पर नेता प्रतिपक्ष सिन्हा ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने सरकार की ओर से अपना पक्ष रख दिया है अब नेता प्रतिपक्ष को अपनी बात कहने का मौका दिया जाए। इसको लेकर पक्ष-विपक्ष के सदस्य एक बार फिर शोरगुल करने लगे। इसके बाद सभाध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया।


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