शराबबंदी पर मौन सहित 32 बिंदुओं पर भूपेश सरकार को घेरा…
बैकुण्ठपुर 10 मार्च 2023 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ के आम बजट 2023-24 को लेकर शुक्रवार को कोरिया भाजपा द्वारा भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल, जिला महामंत्री पंकज गुप्ता, किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष नरेश्वर रजक, भाजयुमो के हितेश प्रताप सिंह लक्की प्रमुख रूप से उपस्थित थे। प्रेस वार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल ने बताया कि मृत्यु शैया पर लेटी कांग्रेस की भूपेश सरकार का यह अंतिम बजट है। उन्होंने 31 बिंदुओं के आधार पर आम बजट पर सवाल उठाते हुए भूपेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया। श्री जायसवाल ने बताया कि भूपेश सरकार ने प्रदेश की जनता का विश्वास / भरोसा सरकार को दिया है और खोया विश्वास पाने के लिए विज्ञापनों का सहारा ले रही है जो कि हास्यास्पद है। यह दिशा हीन एवं अविश्वसनीय बजट है।
जिसमें आधारभूत संरचना के विकास हेतु बजट प्रावधानों का अभाव है। 200 फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने हेतु कोई बजटीय प्रावधान नहीं है। नशा रोकने के लिए कोई बजटीय व्यवस्था नहीं है। शराबबंदी पर सरकार मौन साधे हुए है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर अटल नगर से दुर्ग तक लाइट मेट्रो सेवा शुरू करने की घोषणा की है, परंतु उसका कोई ब्लू प्रिन्ट प्रस्तुत नहीं किया और ना ही कोई बजटीय व्यवस्था की है। यह घोषणा केवल एक झुनझुना मात्र है। राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया । बजट में कोई विशेष प्रावधान नहीं होने के कारण ग्राम, विकासखंड और जिले का नाम अंकित कर / उल्लेखित कर अनावश्यक रूप से बजट भाषण का विस्तार किया गया । प्राचार्य विहीन की महाविद्यालय स्थापना का कोई औचित्य नहीं है। शिक्षा की गुणवत्ता विकास की ओर ध्यान नहीं दिया गया । यह एक भ्रामक घोषणा है। स्वावलंबी गौठानो की संचालन समिति को देय “मानदेय” की राशि एक राजनीतिक लूट का हिस्सा है। शासकीय कोष का उपयोग सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओ को प्रोत्साहन के रूप मे दिया जाने की घोषणा शासकीय धन का राजनीतिक लूट है। 2 साल का बकाया बोनस का प्रावधान नहीं है। 18 लाख रजिस्टर्ड बेरोजगारो के लिए 2500 रुपये प्रतिमाह की दर से आज दिनांक तक एवं 31 मार्च तक बेरोजगारी भत्ता का प्रावधान नहीं किया गया है। बजट मे नरवा गरवा घुरवा बारी के लिए कोई प्रावधान नहीं है। ग्रामीण जनता के साथ विश्वासघात यह है झूठेश सरकार। स्वसहायता समूह की महिलाओ के कर्जा माफ करने के लिए कोई प्रावधान नहीं है। छत्तीसगढ़ की सभ्यता और संस्कृति के रख-रखाव के लिए बजट मे कोई प्रावधान नहीं है। 2017 में प्रवेश कर का 90 प्रतिशत नगरीय निकाय को मिलता था । प्रत्येक वर्ष 14 प्रतिशत संचयी वृद्धि जोड़ कर लगभग 3 हजार करोड़ नहीं दिया गया। बेरोजगारी भत्ता में 2 लाख 50 हजार का सीलिंग है, यदि मनरेगा में एक परिवार के 3-4 सदस्य काम करते हैं, तो 18 लाख बेरोजगार योग्य नहीं हो जाते हैं। 2 लाख मकान का प्रावधान किया है, जो सिर्फ छलावा है, क्योंकि सरकार की लापरवाही से 8 लाख मकान लैप्स हुए हैं। रायपुर-दुर्ग मेट्रो सिर्फ थोथी घोषणा है क्योंकि केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 2 वर्ष पूर्व छत्तीसगढ़ सरकार को कहा था यदि बिजली (मेट्रो की) फ्री करते हैं, तो केन्द्र मेट्रो बना देगा। 2 लाख संविदा शिक्षाकर्मी के ओल्ड पेंशन स्कीम का निराकरण अभी तक नहीं। संविदा कर्मियों के नियमीतिकरण पर भी सरकार की चुप्पी है । छत्तीसगढ़ में माफिया राज चरमोत्कर्ष पर युवाओं का भविष्य खतरे में नए प्रवासी उद्योगपति छत्तीसगढ़ आने से डर रहे हैं। कोई विकास नहीं, न सड़क, न पुल, न कोई परियोजना जो कर्ज लिया है, उसे कहां-कहां खर्च किया उसका भूपेश सरकार हिसाब दे।
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