खड़गवां@भूपेश सरकार द्वारा चुनावी वर्ष में पेश किए गये बजट को निराशा जनक बतायाः श्याम बिहारी

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खड़गवां,07 मार्च 2023 (घटती-घटना)। भूपेश सरकार के भरोसे के बजट की पोल खोलते हुए पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल ने भूपेश सरकार द्वारा चुनावी साल में पेश किए गए बजट को निराशा जनक बताते हुए कहा झूठे वादे करने वाली सरकार का यह बजट छाीसगढ़ की जनता के साथ धोखा है।
पूर्व विधायकजायसवाल ने आगे कहा कि भूपेश सरकार द्वारा बजट भाषण में नरवा, गुरवा, घुरवा, बारी पूरी तरह नदारद है। चार सालों तक इन योजनाओं को अपनी अहम योजना बताने वाली सरकार ने बजट में एक भी शद का उल्लेख नहीं किया। इससे सरकार का चेहरा बेनकाब हो गया। भूपेश सरकार ने भी मान लिया है कि ये योजनाएं पूरी तरह से असफल हो चुकी है। बजट का आकार में खास बढ़ोारी नहीं होने का जिक्र भी श्री जायसवाल ने किया गत वर्ष पेश बजट 1 लाख 4 हजार करोड़ का था। तीन अनुपूरक बजट में बढ़कर 1 लाख 12हजार करोड़ रूपए का हो चुका है। 2023-24 के मुख्य बजट में केवल 1 लाख 21 हजार करोड रूपए का बजट पेश किया गया। 9 हजार करोड रूपए की बढ़ोारी को श्री जायसवाल ने अपर्याप्त बताते हुए कहा कि सरकार का खजाना खाली है। जनकल्याण एवं राज्य के विकास हेतु सरकार के पास न ही कोई विजन है और न ही कोई सोच है। भाजपा की रमन सरकार के कार्यकाल का स्मरण कराते हुए पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि भाजपा कार्यकाल के दौरान हर पांच साल में बजट का आकार दुगुना हो जाता था। लेकिन इस सरकार में बजट डेढ़ गुना भी नहीं हो पाया। इसे भूपेश सरकार की विफलता निरूपित किया। भाजपा सरकार के दौरान दुगुने हुए बजट का आकड़ा उपलध कराते हुए बताया कि सन् 2003-04 के दौरान 9156 करोड़ का बजट बढ़कर 2008-09 में 18282 करोड रूपए हो गया। वहीं 2013-14 के दौरान बजट दुगुना होकर 30725 करोड रूपए हो गया। दुगुना होने का क्रम जारी रहा 2018-19 के दौरान यह बजट 83179 करोड रूपए का पेश किया गया। इस तरह भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान पांच सालों में बजट दुगुना होता रहा है। भूपेश सरकार के इस बजट को आखिरी बजट बताते हुए जायसवाल ने कहा कि भूपेश सरकार जनता को छलना नहीं छोड़ पाई जन घोषणा पत्र के वादे आज भी अधूरे है। विधवा पेंशन योजना के 1000/- के वादे पर केवल 500/- दिया जा रहा है। महतारी सम्मान योजना के तहत प्रत्येक माता को 500रूपए देने का वादा भी भुलाया गया। मितानिनों को 5000 रूपए मासिक वेतन का वादा कर मात्र 2250 रूपए देने की घोषणा की गई। वादों के अनुसार अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण नहीं किया। विद्यामितान का नियमितीकरण नहीं किया गया। श्री जायसवााल ने कहा कि बजट बड़ा बताया गया लेकिन पूंजीगत व्यय अभी भी 15प्रतिशत है। इसका आशय यह है कि विकास कार्य नहीं होंगे और सड़कों के गढ़ढे बढ़ेगे नई सड़कें पुल पुलिया का निर्माण नहीं होगा। व्यापार उद्योग के बारे में बजट में कोई उल्लेख नहीं है बजट में नए रोजगार की संभावना नहीं है। बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने बताया कि गत वर्ष कोई ऋण नहीं लिया गया। जबकि बजट के दस्तावेजों में 2022-23 में 9900 करोड़ का बाजार ऋण लिया गया है। भूपेश सरकार ने भोले भाले छाीसगढि़यों को कर्जें में ला दिया है, प्रदेश की जनता इसके लिए भूपेश सरकार को माफ नहीं करेगी।


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