मनेंद्रगढ़@जंगलों में धड़ल्ले से चल रही है अवैध पेड़ कटाई व कोयला उत्खनन,वन विभाग खामोश क्यों?

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रवि सिंह-
मनेंद्रगढ़ 07 मार्च 2023 (घटती-घटना)। वन मंडल मनेन्द्रगढ़ अंतर्गत मनेंद्रगढ़ वन परिक्षेत्र के जंगली कोयले का अवैध व्यवसाय इन दिनों काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। कई वर्षों से बड़े पैमाने पर अनवरत जारी यह गोरख धंधा बड़ी सुर्खियां बटोर चुका है। बावजूद इसके मनेंद्रगढ़ वन मंडल के अधिकारी कर्मचारी इसे बंद न कराकर शायद इसमे अपनी सहभागिता दर्ज करा चुके हैं तभी तो बेरोंक-टोंक और बेधड़क सिद्ध बाबा पहाड़ी के नीचे और हल्दीबाड़ी सहित मध्यप्रदेश राज्य के सीमा के जंगलों से टनों अवैध कोयला रोज निकाला जा रहा है। आप सभी को जानकर हैरानी होगी की ऐसी जगहों पर फॉरेस्ट स्टाफ द्वारा कभी दौरा नही किया जाता। पूर्व में इसी बीट और सर्किल अंतर्गत एक कोयला चोरी करने वाले युवक की खदान में दबकर मौत भी हो गई थी जिसे वन मंडल द्वारा छुपा दिया गया था। वही अब कार्यवाही नही होने से सायद वन विभाग को किसी दुर्घटना का इंतजार है कार्यवाही के लिए यह जिले में चरचा का विषय बना हुआ है।
जानकारी अनुसार वन मंडल मनेन्द्रगढ अंतर्गत मनेन्द्रगढ़ व बिहारपुर आने वाले हरे-भरे जंगल की चारों ओर पेड़ों की अवैध कटाई एवं कोयला उत्खनन का खेल जोरों पर चल रहा है। विभाग द्वारा की जा रही लापरवाही से वह दिन अब दूर नहीं होगी की बगैर पेड़ पौधों के जंगल अपने अस्तित्व की तलाश करेगी। प्रतिदिन हरे भरे पेड़ों की बलि चढ़ाई जा रही है। जिसे रोकने की बजाय वन विभाग चुप्पी साधे हुए है। पूर्व में छापामार कार्रवाई कर स्वयं की कितनी भी पीठ थपथपा ले विभागीय अधिकारी लेकिन कड़वा सच कुछ और ही है। जंगल से कटाई करने के पश्चात घरों तक लकड़ी तस्करी की जाती है। इस दौरान विभागीय उप वन मंडल अधिकारी सहित कुछ कर्मचारी मुख्यालय से दूर अपने निजी घरों में कुंभकर्णीय निद्रा में रहते हैं।
अवैध उत्खनन पर अंकुश लगाने के जवाबदार अधिकारी एक दूसरे की जिम्मेदारी बता कर पल्ला झाड़ते लेट है
वही तीन अधिकारियों की जुगल बंदी से कमीशन की आड़ में यह खेल इस वर्ष भी जिले में हावी है जिससे जंगलों में पेड़ो की कटाई रोकने के पक्ष में छापामार कर कार्यवाही नहीं करना लकड़ी तस्करों के लिए मिल का पत्थर साबित हो रही है। साथ ही जनप्रतिनिधियों से अच्छी सेटिंग से कुछ अधिकारियों की उसी जिले के निवासी होने के साथ एक उप वन मंडल अधिकारी के वर्षो से एक ही स्थान में पोस्टिंग व प्रमोशन से उसी स्थान पर होने से अवैध कोल तस्करी व पेड़ कटाई को लेकर लगातार हो रही वृद्धि से अधिकारी के वन सीमा में मॉनिटरिंग को लेकर छेत्र में तरह तरह की चर्चाएं हैं कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी हैं पूर्व में शिकायतों के पश्चात भी इनकी दुबारा प्रमोशन पोस्टिंग उसी स्थान के जिले पर हो गई जिसे लेकर सवाल उठना लाजमी हैं, वहीं दूसरी ओर मनेन्द्रगढ़ वन परिक्षेत्र अंतर्गत अवैध कोयला खनन करने ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। कोयला निकालने के लिए बंद खदान की खंदकों में सुरंगें बनाकर और सकरे रास्तों से गुजरने का जोखिम उठा रहे हैं। जिससे एक ओर खड़ी पहाड़ी और दूसरी और गहरी खंदक जिसमें अथाह पानी भरा रहता है। फिर भी चन्द रुपयों के लालच में ग्रामीण कोयला बोरियों में भरकर बाहर सप्लाई कर रहे है। कोयले के अवैध कारोबार में सैकड़ों लोगों का जीवन दांव पर लगा हुआ है क्षेत्र में लगभग एक दर्जन से अधिक स्थानों पर खुलेआम अवैध कोयला उत्खनन एवं परिवहन किया जा रहा है। जिसमें सैकड़ों गरीब परिवार के लोगों को लालच देकर जोखिम का कार्य कराया जा रहा है। अवैध उत्खनन पर अंकुश लगाने के जवाबदार अधिकारी एक दूसरे की जिम्मेदारी बता कर पल्ला झाड़ते है।
क्या हादसे का इंतजार विभाग को?
गौरतलब है कि मनेन्द्रगढ़ जिले के अंतर्गत वन परिक्षेत्र मनेन्द्रगढ़ अन्तर्गत क्षेत्रों में पहाडि़यों के वनों से अवैध कोयला उत्खनन कर अवैध ईट भट्टा में व्यापक पैमाने पर धड़ल्ले से चल रहा है और महंगे दामों में बेचा जा रहा है अवैध कोयला उत्खनन कर वाहनो से रातों रात नजदीक के ईट भट्टो में बेचा जा रहा है फिर भी वन विभाग के प्रभारी अधिकारी अंजान कैसे हैं? जब कि कोयलांचल में बारिश के बाद अवैध कोयला उत्खनन का कारोबार भी शुरू हो जाता है। क्षेत्र में अवैध कोयला उत्खनन के दौरान कई लोग अपनी जान गंवा चुके है। इसके बाद भी वन विभाग एवं एसईसीएल यहां अवैध उत्खनन को बंद कराने में सफल नहीं हो रहा है। अब देखना यह होगा कि धरातल में ये कार्यवाही कब तक नजर आती है या फिर किसी हादसे का इंतजार विभाग करता है। ये तो समय ही दिखायेगा।

समय समय पर जाँच व प्रभारी रेंजर को कार्यवाही करने हेतु निर्देश किया गया हैं वही पुराने एसईसीएल के माइंस को क्लोज करने के लिए पिछले वर्ष एसईसीएल को लेख किया गया कुछ को बंद भी किया गया था यदि अवैध उत्खनन हो रहा होगा तो एसईसीएल का सहयोग लेते हुए इस तरह के सभी सुरंग को बंद किया जाएगा। अवैध उत्खनन करते हुए पाये जाने पर प्रकरण दर्ज करके नियमानुसार कार्यवाही भी किया जायेगा जिस संबंध में प्रभारी रेंजरों को निर्देश दिया गया हैं।

के एस कवर
मनेन्द्रगढ़ /केल्हारी उप वन मंडलाधिकारी


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