धन्नीपुर@चार साल बाद एडीए से मिली मस्जिद निर्माण हेतु अंतिम मंजूरी

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धन्नीपुर,04 मार्च 2023 (ए)। अयोध्या विकास प्राधिकरण ने मस्जिद निर्माण के संबंध में अपनी अंतिम मंजूरी दे दी है। लंबे समय से लंबित मंजूरी बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि भूमि विवाद से जुड़ा है। एडीए ने अयोध्या के धन्नीपुर में बनाई जाने वाली मस्जिद के निर्माण के लिए मंजूरी सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के लगभग चार साल बाद दी है।
किस फैसले के आलोक में मस्जिद निर्माण
गौरतलब है कि विगत 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का निपटारा किया था। कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण, जबकि अयोध्या के ही धन्नीपुर में मस्जिद निर्माण का रास्ता निकाला गया।
पांच जजों की पीठ का ऐतिहासिक फैसला
सुप्रीम कोर्ट की पीठ में भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ (अब सीजेआई), न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर (अब गवर्नर) शामिल रहे।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन
अयोध्या के बहुचर्चित मंदिर-मस्जिद टाइटल सूट पर देश की सबसे बड़ी अदालत में पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया था। पीठ ने सरकार को अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ का भूखंड आवंटित करने का निर्देश भी दिया था
परिसर में अस्पताल और लाइब्रेरी भी बनेगी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में अयोध्या प्रशासन ने मुस्लिम पक्ष को सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन आवंटित की। ये जगह अयोध्या शहर से लगभग 25 किमी दूर है। पांच एकड़ परिसर में मस्जिद, एक अस्पताल, एक शोध संस्थान, एक सामुदायिक रसोई और एक पुस्तकालय का निर्माण इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा किया जाना है। इसी सिलसिले में एडीए की मंजूरी लंबित थी, जो मिल गई है, जिससे निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।एडीए का गठन यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने किया है।
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को मिलेगा नक्शा
एडीए के अध्यक्ष और अयोध्या मंडल आयुक्त गौरव दयाल ने एडीए ट्रस्ट को बताया, प्राधिकरण ने बैठक में अयोध्या मस्जिद की परियोजना को मंजूरी दे दी है। स्वीकृत नक्शे कुछ विभागीय औपचारिकताओं के बाद इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को सौंप दिए जाएंगे, जिन्हें कुछ दिनों के भीतर पूरा किया जाना है। मस्जिद के निर्माण के लिए गठितएडीए ट्रस्ट ने पहले मस्जिद के साथ-साथ एक अस्पताल, एक सामुदायिक रसोई, एक पुस्तकालय और एक शोध संस्थान बनाने की अपनी योजना की घोषणा की थी।


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