कोरबा,26 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। जिले में शासकीय उचित मूल्य के राशन की कालाबाजारी का बाजार एक बार फिर हुआ घर जो शायद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिला प्रशासन द्वारा तमाम कोशिशों के बावजूद यह कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बीती रात ऐसा ही शासकीय उचित मूल्य के राशन की कालाबाजारी का मामला आया सामने ढ्ढ सिटी कोतवाली पुलिस ने पी. डी. एस. परिवहन करने वाले एक वाहन को संदिग्ध अवस्था में पकड़ा जिसकी जांच कोतवाली पुलिस द्वारा की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार सिटी कोतवाली पुलिस ने शनिवार की रात डी. डी. एम. स्कूल रोड, तुलसीनगर के बालाजी आटा चक्की के सामने से एक वाहन क्रमांक सी.जी. 12 ए. एक्स. 3224 को पकड़ा। इस वाहन में पी. डी. एस. का चावल लोड था। प्रारंभिक जांच में पुलिस को पता चला कि पीडीएस का चावल नगर के शिवाजी नगर वार्ड के राशन दुकान के लिए भेजा गया है, लेकिन वाहन डी. डी. एम. रोड में बालाजी आटा चक्की भेज दिया गया था। संदेह है कि उक्त राशन की काला बाजारी की जा रही थी। खास बात यह है कि पकड़ा गया वाहन भी बालाजी फर्म का ही बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष कोरबा राजकुमार रोड में ऐसा ही एक मामला सामने आया था जहां पीडीएस राशन की अफरा-तफरी करते ट्रक चालक को पकड़ा गया था जिसके जांच के बाद शहर के पी. डी. एस. परिवहनकर्ता को राशन चोरी के आरोप में जुर्माना के साथ हटा दिया गया था। सूत्रों की माने तो नये परिवहनकर्ता एक बार फिर राशन दुकानदारों से सांठगांठ कर राशन की हेराफेरी करने लगे हैं। एक बार फिर पी. डी. एस. का चावल राशन दुकानों की जगह जिले के राईस मिल मालिकों तक पहुंच रहा है और दोबारा से कस्टम मिलिंग बताकर नान के गोदामों में जमा हो रहा है। मामले की बारीकी से जांच होने पर जिले के कई राईस मिल संचालकों द्वारा पीडीएस चावल की रि- साइक्लिंग किये जाने का खुलासा हो सकता है। आश्चर्य की बात तो यह है कि जिला प्रशासन बिना टेंडर किये ही कई माह से राशन का परिवहन करा रहा है, जो जिला प्रशासन के अधिकारियों को संदिग्ध बनाता है। यहां बताना लाजमी होगा कि पिछले साल पीडीएस का परिवहन ठेका निरस्त होने के बाद इमरजेंसी की आड़ में दो अपात्र लोगों को परिवहन का कार्य सौंप दिया गया था। कटघोरा में राहुल डिक्सेना और कोरबा में शैलेन्द्र शर्मा तभी से राशन का परिवहन कर रहे हैं। इन दोनों ठेकेदारों के पास ना तो परिवहन की शर्त के अनुसार पर्याप्त संख्या में वाहन थे और ना ही ये अहर्ता रखते थे। राहुल डिक्सेना तो राइस मिल संचालक भी है, जिसे पीडीएस परिवहन की शर्तों के अनुसार कार्य का आबंटन ही नहीं किया जा सकता , फिर भी नियमों को ताक पर रखकर कार्य क्यों कराया जा रहा है? व किसके इशारे पर यह अफरा-तफरी का खेल खेला जा रहा जिससे संबंधित विभाग अनजान है ?
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