अंबिकापुर,25 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में लापरवाही थमने के नाम नहीं ले रहा है। मेल वार्ड में भर्ती मरीज को एक्सपाइरी ग्लूकोज बॉटल चढ़ा दिया गया। वही अस्पताल अधीक्षक ने लापरवाही पर जांच कमिटी बैठा कार्रवाई करने की बात कही है।
गैरतलब है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है अक्सर ऐसे लापरवाही मेडिकल अस्पताल से सामने आते रहे हैं। चाहे नवजात शिशु की मौत का हो या शव वाहन नहीं मिलाने का इस बार तो हद ही हो गई मेल वार्ड में भर्ती मरीज को एक्सपायरी ग्लूकोज दिसम्बर 2022 की बोतल ही चढ़ा दी गई। परिजनों ने वार्ड में डियूटी नर्सों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। दरअसल कुलदीप सिंह की अंबिकापुर रिंग रोड में अज्ञात वाहन ने ठोकर मार दी जिससे गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसे परिजनों ने इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां मरीज की हालत गंभीर है। इलाज करवाने आए मरीज को ग्लूकोज की एक्सपायरी डेट वाली बोलत चढ़ा दी गयी है। लगभग 70 प्रतिशत ग्लूकोज मरीज को चढ़ा दी गयी जब मरीज के परिजनों ने देखा कि बोतल से ग्लूकोज़ रुक-रुक कर जा रहा है तब उनकी नजऱ बोटल के एक्सपायरी डेट पर पड़ी जो दिसंबर 2022 में एक्सपायर हो चुका था वही परिजन लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग कर रहे है। वहीं इस मामले में अस्पताल अधीक्षक ने लापरवाही करने वाले पर जांच कमिटी बैठाकर कार्यवाही करने की बात कह रहे है।
सही इलाज नहीं मिलने पर महिला की हो गई मौत
शनिवार की सुबह इलाज न मिलने के कारण महिला की मौत हो गई। परिजन का आरोप है कि भर्ती कराने के बाद महिला दर्द से तड़पती रही पर 11 घंटे बीत जाने के बाद भी उसे इलाज नहीं शुरू किया गया और अंततः महिला की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार बतौली थाना क्षेत्र के ग्राम मांजा चिरंगा निवासी प्रमिला दास पति सुखदेव दास की तबियत खराब थी। परिजन ने उसे इलाज के लिए शुक्रवार की शाम करीब 4 बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया। यहां इलाज के दौरान शनिवार की अहले सुबह करीब 3 बजे महिला की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद उसके परिजन ने चिकित्सक व स्टाफ नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मृतिका के पति सुखदेव का कहना है कि उसे इलाज के लिए वार्ड में भर्ती तो करा दिया गया पर उसे इलाज नहीं किया गया है। मेरी पत्नी दर्द से तड़ती रही पर उसे एक गोली तक नहीं दिया गया। भर्ती कराने के करीब 11 घंटे तक न तो उसे कोई देखने आया और न ही उसे कुछ इलाज चला। मृतका के पति का कहना है कि समय पर इलाज न मिलने के कारण मेरी पत्नी की मौत हो गई।