अंबिकापुर,16 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। विश्व में बढ़ती हिंसा पर जो कि जाति, धर्म , रंगभेद, भूख, गरीबी, बेरोजगारी, आर्थिक असमानता के कारण निरंतर बढ़ती जा रही है। पर विचार करते हुए अंतत: यूएनओ ने वर्ष 2021 में 4 फरवरी को विश्व बंधुत्व दिवस मनाने का निर्णय लिया। लीगल अवेयरनेस ड्राइव टीम लगातार उक्त विषयों पर काम करते हुए इस बार संत हर केवल दास स्कूल व कॉलेज पहुंची। कार्यक्रम की शुरुआत में पर्दे पर गौहर रजा की कविता झीनी चादर से हुई जो गांधी की अहिंसा और शांति पर आधारित थी। वरिष्ठ सदस्य हरिशंकर त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षक ही देश में अच्छे नागरिक दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैदिक काल से ही विश्व बंधुत्व की धारणा चली आ रही है, यह भावना हमारे जीवन पद्धति का एक हिस्सा रही है। वेद प्रकाश ने कहा कि सर्वे सन्तु निरामया और सभी लोग सुख से रहेंगे। यही हमारी सोच का एक हिस्सा रहा है। युवा सदस्य चरण प्रीत सिंह ने पर्दे पर अपनी स्लाइड के माध्यम से कुछ महापुरूषों का उल्लेख किया और उनके किए गए कार्यों को बताया जो उन्होंने विश्व में शांति के लिए कार्य किए। जिसमें स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, ज्योति बा फूले, शहीद भगत सिंह, डाक्टर अम्बेडकर, अब्राहम लिंकन, नेल्सन मंडेला को पर्दे पर उल्लेख किया। चरण प्रीत सिंह ने कहा कि जब तक असमानता कायम है, तब तक विश्व बंधुत्व का सपना अधूरा है। सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र सिंह सोढ़ी ने कहा कि विश्व के सभी धर्म और पीर, पैगंबर, विश्व बंधुत्व की बात करते तो हैं, पर ये भी उतना ही सच है कि धार्मिक वर्चस्व और सम्पदा लूटने के लिए मानव इतिहास के अधिकांश पन्ने मानवीय रक्त से भरे हुए हैं। सोढ़ी ने ये भी कहा कि असमानता और पर्यावरण की चुनौतियां को हम करोना काल से समझ सकते हैं। सभा का संचालन प्रितपाल सिंह अरोरा ने किया। कार्यक्रम को सफल बनने में स्कूल व कॉलेजों के प्रधानाचार्यों के साथ विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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