- कोरिया मेंबारदाने को लेकर बड़ा खेल,करोड़ो के घोटाले की आशंका
- तीन ट्रक बारदाना आया पर गोदाम तक पहुंचा सिर्फ दो ट्रक
- डीएमओ और गोदाम प्रभारी के अलग-अलग बयान से मामला संदेहास्पद
- क्या धान खरीदी में फर्जीवाड़े के तार ऊपर से हैं जुड़े?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 08 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले में बारदाने को लेकर बड़ा खेल खेला गया है, उच्च स्तरीय सेटिंग से इस बात की भनक किसी को नही लग सकी है इसमें करोड़ो के घोटाले की आशंका है, इस घोटाले में नीचे से लेकर ऊपर तक कई लोग शामिल है,शासन दिखावे के लिए धान खरीदी के मामले में भले ही कड़ाई बरते लेकिन गोदाम प्रभारी से लेकर समिति व इनके बीच शामिल ट्रांसपोर्टर, मिलरो के द्वारा सांठगाठ कर प्रति वर्ष काली कमाई को अंजाम दिया जा रहा है। मामला अत्यंत ही संगीन है और भयंकर घोटाले की ओर ईशारा कर रहा है लेकिन इसके पहले जांच हो सभी की मिलीभगत से कागज पर सब कुछ सही कर दिया जाएगा। जिले में धान खरीदी समितियों के माध्यम से की जाती है उन समितियों में बारदाने की सप्लाई मार्कफेड द्वारा की जाती है। सप्लाई के बाद समितियों में पंजीकृत किसानो के हिसाब से फिर उसकी सप्लाई होती है। जिले में विभिन्न समितियों के माध्यम से धान खरीदी के अंतिम चरण में बारदाने को लेकर अफरातफरी की खबर मिल रही है, खबर पर यकीन किया जाए तो अब सीधा एक ट्रक बारदाना ही गायब कर दिया गया है। उक्त पूरा मामला पिछले महीने अंतिम सप्ताह का है, जब प्रदेश में धान खरीदी अंतिम चरणों में थी और लगभग किसानों से धान की खरीदी की जा चुकी थी। जिन किसानों के पास धान बकाया नहीं था, उनके रकबा सरेंडर करने की प्रक्रिया चल रही थी।
इस बारे में सूत्रों से मिली जानकारी के तहत 26 जनवरी 2023 को रामानुजगंज से 3 ट्रक बारदाना कोरिया के लिए निकला पर गोदाम तक सिर्फ दो ट्रक बारदाना पहुंचने की खबर है। बाकी का एक ट्रक बारदाना आखिर गया कहां यह अत्यंत सूक्ष्मता से जांच का विषय है। एक ट्रक में 85 गठान बारदाना यानि की 42500 बारदाना आता है और इस प्रकार 42500 गठानो से लदा एक ट्रक बारदाना गोदाम तक पहुंचा ही नहीं। आखिर पूरा का पूरा एक ट्रक बारदाना गया कहां? जबकि जिले की समस्त समितियों में पूर्व से ही बारदाने का स्टाक पड़ा था। और खरीदी भी अंतिम चरण में थी। बारदानों की कोई अतिरिक्त आवश्यकता नहीं थी। इस संदर्भ में डीएमओ (जिला विपणन अधिकारी) के अनुसार तीनों ट्रक बारदाना कोरिया पहुंचा, परंतु गोदाम प्रभारी के अनुसार केवल दो ट्रक बारदाना ही गोदाम तक पहुंचा। जब इस मामले में और पड़ताल की गई तो जिम्मेदारों का यह जवाब था कि एक ट्रक बारदाना सीधे समितियों में चला गया है। जबकि नियमानुसार बारदाना को पहले गोदाम पहुंचना था उसके बाद उसे समितियों को आवंटित करना था।
धान उपार्जन केन्द्र और समितियों को किया जाता है सप्लाई
वर्तमान में बारदानो को कोरिया और एमसीबी जिले में स्थित कुल 42 समितियों एवं धान उपार्जन केन्द्र तक सप्लाई किया जाता है उन्ही बारदानो में किसानो से धान की खरीदी कर राईस मिल तक भेजा जाता है। सूत्रो ने बतलाया कि अभी भी लगभग 40000 बारदाने समितियों को जारी किया गया आनलाईन दिखाई दे रहा है जिसे समितियों द्वारा प्राप्ती नही लिया गया है। अब यदि समिति इन बारदानो की प्राप्ती लेते है तो सवाल उठता है कि 31 जनवरी को धान खरीदी बंद होने के बाद आखिर समिति ने बारदाना क्यों लिया। समिति यदि बारदाना लेती है तो इसमें ट्रांसपोर्टर को भी फायदा होगा। बतलाया जाता है कि 31 जनवरी को किसी भी समिति में धान खरीदी के लिए कोई टोकन नही था इसके बाद भी 30 जनवरी को कुछ जगह के लिए बारदाना जारी किया गया है। यह भी जांच का विषय है।
बड़गांव गोदाम में हो रही बारदाने की छटाई
विश्वस्त सूत्रो ने बताया कि बारदाने का बड़ा खेल खेलने के लिए इन दिनो जिला मुख्यालय के समीप बड़गावं गोदाम में फटे पुराने खराब बारदाने को श्रमिक लगाकर रफू कराया जा रहा है, उक्त फटे पुराने बारदानो को क्यो रफू कराया जा रहा है अब उसकी क्या उपयोगिता है,इन्हे किस प्रकार खपाया जाएगा,यह जांच का विषय है । बतलाया जाता है कि विश्रामपुर रेक प्वाइंट से आये हुए बारदाने को बड़गांव गोदाम में रखा गया था उसे ही छटवाया जा रहा है। यहां 85 गठान पहले से रखा हुआ बताया जा रहा है और जिसकी छटाई इन दिनो की जा रही है।
क्या बारदाने की सहायता से कागजों में फर्जी धान खरीदी को किया गया अंकित?
धान खरीदी में बारदानों की संख्या का अहम रोल होता है। खरीदी में की जाने वाली गड़बडि़यों एवं घोटालों के आकार के अनुसार बार दानों की संख्या को भी मैनेज करना होता है। वहीं मिलरों का डिओ कटने के बाद फर्जी धान खरीदी कर मिलर को नगद राशि का भुगतान करके उपयोग में ना लाए गए बारदाने को सीधे मिल तक पहुंचा दिया जाता है। प्रदेश सरकार लाख दावे कर ले परंतु अधिकांश समितियों में धान मिलर की मिलीभगत से यह खेल बड़ी आसानी से खेला जाता है। और शासन को आंखों के सामने चुना लगाया जाता है। समय-समय पर कई मामले सामने आते हैं। जिन्हें ऊपर से नीचे तक मिलीभगत कर दबा दिया जाता है। परंतु यह अटल सत्य है कि समितियों में मिलर की सहायता से फर्जी धान खरीदी को अंजाम दिया जाता है। इस पूरे खेल में समिति को मिलने वाले बारदाने का अहम रोल होता है। क्योंकि जितने मात्रा में फर्जी धान खरीदी को अंजाम दिया जाता है, उतने बारदाने के स्टाक को मैनेज करना भी आवश्यक हो जाता है। यही कारण है कि पूरा का पूरा एक ट्रक बारदाना जो गोदाम तक नहीं पहुंचा, किसी बड़े घोटाले के संदेह को जन्म देता है। यदि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाए तो बहुत बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया जा सकता है। और ऐसा नहीं है कि बड़े पैमानेकर्माचारियों का यह खेल केवल समिति कर्मचारियों और मिलर तक ही सीमित है। बिना उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आए ऐसे कृत्य को अंजाम नहीं दिया जा सकता। क्योंकि ऊपरी कमाई का आंकड़ा लाखों-करोड़ों में होता है, इसलिए ऊपर से नीचे तक सब को मैनेज करना भी आसान हो जाता है। और शायद यही कारण है की समिति में अस्थाई रूप से भि किसी भी पद पर कार्य करने के लिए लोग लालायित रहते हैं एवं लाखों का चढ़ावा चढ़ाते हैं।
जिले की एक समिति में बारदानों की वजह से करोड़ों का फर्जीवाड़ा हो चुका है उजागर
कोरिया जिले से गिरजापूर समिति में बारदाना के अवैध भंडारण की पकड़ाई में आने के बाद करोड़ों के हेर फैर का भंडाफोड़ विगत दिनों हुआ था। जिसमें समिति प्रबंधक सुरेंद्र राजवाड़े एवं समिति कर्मचारियों की मिलीभगत से कागजों में फर्जी धान खरीदी की गई एवं मिलर को नगद भुगतान किया गया। बारदानों को मैनेज करने के लिए लगभग 16000 की संख्या में बारदाने समिति कर्मचारियों के घर पर पाए गए। यह एक छोटे से समिति की बात थी। जिले में अनेक बड़ी समितियां हैं। जब एक छोटे से समिति में फर्जीवाड़ा घर शासन को करोड़ों का चूना लगाया जा सकता है तो बड़ी समितियों में फर्जीवाड़े की राशि की सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रदेश सरकार धान खरीदी के जो आंकड़े प्रदर्शित करती है इन फर्जीवाड़े से यह साबित होता है कि वह सभी आंकड़े झूठे हैं। क्योंकि समिति कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण अधिकांश खरीदी कागजों में फर्जी तरीके से की गई होती है।
गोदाम प्रभारी ने कहा 2 ट्रक बारदाना आया
पिछले दिनो 3 ट्रक बारदाने आने की खबर पर सच्चाई जानने के लिए जब बैकुंठपुर गोदाम प्रभारी श्री बलराम सदैया से बात किया गया तो इन्होने बताया कि मुझे केवल 2 ट्रक बारदाना प्राप्त हुआ है। बाकी एक ट्रक बारदाना कहां गया आया या नही इसकी जानकारी मुझे नही है। सूत्र बतलाते हैं कि गोदाम प्रभारी को 3 ट्रक बारदाना प्राप्त करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था लेकिन उनके द्वारा मना कर दिया गया था।
विपणन अधिकारी ने कहा 3 ट्रक बारदाना आया
इस संबंध मे जब जिला विपणन अधिकारी बीएस टेकाम से बात की गई तो उनका साफ कहना था कि 3 ट्रक बारदाना आया था और उन्हे सीधे समितियों में भेज दिया गया है। गोदाम प्रभारी और विपणन अधिकारी के बयान में विरोधाभास से ही समझा जा सकता है कि जिले में बारदाने को लेकर बड़ा खेल खेला गया है। जिला प्रषासन को इस विषय पर संज्ञान लेकर सूक्ष्मता से जांच की आवश्यता है।