बैकुण्ठपुर@जो गंभीर राजनीतिज्ञ है वे मिजाज रखते हैं नर्म अपना,तुम्हारी अकड़ बता रही है कि तुम्हारी नेतागिरी नई नई है

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  • खिलाफ में खबर छपी तो तिलमिलाए कोरिया भाजपा जिलाध्यक्ष,पार्टी की कमी और मनमानी की खबर पर पत्रकार के खिलाफ की शिकायत
  • क्या खुद के लिए अखबार में सदैव प्रशंसा चाहते हैं जिलाध्यक्ष?
  • कोरिया भाजपा जिलाध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने पर क्या चैथे स्तंभ की आवाज को दबाना चाहते हैं जिलाध्यक्ष?
  • पत्रकार जो देखता है वही लिखता है लेकिन जिलाध्यक्ष को वाहवाही ज्यादा पसंद सगे भाई ने भी लगाया था अनदेखी का आरोप

रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 07 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष आउट ऑफ़ कंट्रोल हो गए हैं विपक्ष में रहते हुए भी पद का नशा ऐसा चढा हुआ दिखाई दे रहा है जिसमें वे अपने आगे किसी को कुछ नही समझ रहे हैं उन्हे पैर छूने वाले और तारिफ करने वाले कार्यकर्ता पदाधिकारी ज्यादा पसंद आते हैं आवगभत करने वाले को वे ज्यादा महत्व देते हैं। उनकी कार्यषैली से कार्यकर्ता भी त्रस्त हैं तो वहीं विगत दिनों उनके कार्यषैली पर जब खबर का प्रकाशन किया गया तो वे तिलमिला उठे, पत्रकार के खिलाफ ही पुलिस अधीक्षक को शिकायत किया गया जिसके बाद पत्रकार को कथन के लिए बुलाया गया है। खिलाफ में खबर लगी तो उनकी बौखलाहट भी सामने आई है और ऐसा लग रहा है जैसे की जिलाध्यक्ष चैथे स्तंभ की आवाज को भी दबाना चाह रहे हैं।
उपरोक्त लिखित लाइने कोरिया जिले के भाजपा जिला अध्यक्ष के लिए सटीक बैठती है, देश के चौथे स्तंभ के रूप जाना जाने वाले पत्रकार ने जब बीजेपी जिला की विभिन्न क्रिया कलापों पे सवालिया निशान लगाए थे और उनके द्वारा कई सुझाव भी दिए गए थे, लेकिन अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार कर उसमें सुधार लाने के बजाए जिला अध्यक्ष पत्रकार पर अवैध उगाही जैसे अन्य कई आरोप शिकायत में लग दिया है, सनद रहे कि महोदय पूरा कोरिया जिला भाजपा मुक्त हुआ था, इसी जिले में कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष भी बैकुंठपुर में निवास करते हैं सत्ता में है निश्चित तौर पर बहुत सारी कमियां देखने को मिलती है समय-समय पर पत्रकारों के द्वारा कमियों को सुधारने के लिए लगातार उनके विरोध में समाचार छापे जाते रहे हैं लेकिन जिलाध्यक्ष लगभग 15 साल से कोरिया जिला में कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष बने हुए हैं लेकिन उनके कदापि कोई विरोध किया गया और ना ही कभी पत्रकारों की खबर को लेकर कोई शिकायत की गई हो या धमकाया गया हो, यदा-कदा कहीं मुलाकात हुई थी तो बड़ी सहजता और सरलता से बातचीत का दौर शुरू होता है और उस दौरान भी उनकी कई खामियां मौखिक तौर पर उन्हें बताई जाती हैं, वह सहज स्वीकार करते हैं और आगे उसे सुधारने की बात कहते हैं वही भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष के पद स्थापना के बाद से पार्टी को नुकसान होता ही दिख रहा है यदि पत्रकारों के अतिरिक्त भी कोई पार्टी संगठन का व्यक्ति उनके निर्णय के विरुद्ध में जाता है तो उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने का कार्य करते हैं, इन्हीं जिलाध्यक्ष के द्वारा मनेन्द्रगढ़ के पार्टी के एक काबिल और कर्मठ कार्यकर्ता को जबरदस्ती बाहर का रास्ता दिखाया गया है, उसकी गलती बस इतनी थी कि वह एक पार्टी के पदाधिकारी के गलत मंशा को पूरा करने से इंकार कर दिया था, जब यह बात पार्टी के जिला स्तर के पदाधिकारियों के पता लगी तो उनके द्वारा उस कर्मठ कार्यकर्ता को यह कहा गया कि थोड़ा बहुत मैनेज करना पड़ता है अगर आप मैसेज करोगे तो ठीक रहेगा वरना मजबूरन हम को पार्टी से बाहर रास्ता दिखाना पड़ेगा, उक्त कार्यकर्ता ने एक सिरे से खारिज कर दिया और इन्हीं जिला अध्यक्ष महोदय ने उसे तत्काल प्रभाव से पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था।
मीडिया की आवाज को कैसे दबाएंगे जिलाध्यक्ष
मीडिया जो देखता है वहीं लिखता है, हमेशा यही नही होता कि मीडिया में सिर्फ किसी की प्रषंषा ही प्रकाषित हो, जहां पर कमी दिखाई देगी उसे भी प्रसारित करना मीडिया का काम है। पिछले दिनो दैनिक घटती घटना में कोरिया भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल की कार्यषैली को लेकर खबर का प्रकाषन किया गया था, खबर में यह बतलाया गया था कि भाजपा कार्यालय में ही जिलाध्यक्ष द्वारा एक दुकान का निर्माण मनमर्जी से कराया जा रहा है और उसमें अपने पुत्र को चाय दुकान खुलवाया जाएगा, साथ ही एक अन्य खबर का प्रकाषन किया गया था जिसमें बतलाया गया था कि जिलाध्यक्ष पार्टी को प्रायवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चला रहे हैं। उक्त खबर प्रकाशन के साथ ही अखबार में जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में विभिन्न कार्यक्रम की सफलता का खबर भी प्रकाशित किया जा रहा है लेकिन विरोध में छपे खबर पर अब उनकी तिलमिलाहट सामने आई है। उन्हे यह समझना होगा कि एक पत्रकार स्वतंत्र होता है हमेशा आपकी प्रशंसा ही प्रकाशित करेगा यह संभव नही है, आप भी इंसान हैं और गलती इंसान से होती है अगर गलती का प्रकाशन किया गया है तो फिर जिलाध्यक्ष की बौखलाहट समझ से परे है। जाहिर सी बात है कि अखबार में उन्हे सिर्फ अपनी वाहवाही पसंद है। जो अखबार या प्रतिनिधि उनके खिलाफ खबर का प्रकाशन करेगा उसकी शिकायत जिलाध्यक्ष द्वारा पुलिस से की जाएगी और अगली बार विरोध में खबर का प्रकाशन न किया जाए इसके लिए नोटिस भेजकर पत्रकार पर कार्यवाही व दबाव बनाया जाएगा। सवाल उठता है और अत्यंत सोचनीय विषय है कि विपक्ष में रहते हुए जब जिलाध्यक्ष की कार्यषैली इस प्रकार की है तो सत्ता मे रहते हुए उनकी क्या स्थिति रहती मीडिया की आवाज को दबाने का उनका प्रयास असफल ही साबित होगा।
जिलाध्यक्ष की मौजूदगी में पत्रकार से मारपीट
जिलाध्यक्ष खुद को सुपर समझते हैं यह किसी से छिपा नही है, संगठन, संगठन का माला जपते फिरते हुए जिलाध्यक्ष आज हर पदाधिकारी और कार्यकर्ता को निचे दिखाने में कोई कमी नही छोड़ते हैं। भाजपा कार्यालय में मनमर्जी से दुकान का निर्माण कराकर उन्होने अपने पुत्र को चाय की दुकान खुलवा ही लिया संगठन के नेता नाराज तो थे ही उन्हे पिछले दिनों बैकुंठपुर आगमन पर चाय की दुकान ले जाया गया लेकिन संगठन के नेताओ ने चाय पीने से मना कर दिया। पिछले दिनो एक पत्रकार ने भी एक पार्टी पदाधिकारी से संबंधी खबर का प्रकाषन किया था जिसके बाद जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल की मौजूदगी में उक्त पत्रकार को भाजपा कार्यालय में बुलाकर उससे साथ झड़प किया गया और काफी अपषद कहा गया था ,घटना के दौरान जिलाध्यक्ष की मौजूदगी बताती है कि उनके ईषारे पर ही पत्रकार के साथ यह घटना घटित हुई। पत्रकार ने इसकी शिकायत भी कोतवाली में की थी।
पत्रकार पर मनगढंत पैसा वसूली का आरोप लगाकर खुद को पाक साफ साबित करने का प्रयास
जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल द्वारा पुलिस अधीक्षक को पत्रकार के खिलाफ शिकायत किया गया है जिसकी जांच एसडीओ पी के द्वारा किया जा रहा है,जिलाध्यक्ष के अनुसार पत्रकार द्वारा भाजपा के जिला संगठन के अंदरूनी मामलो को पार्टी के पदाधिकारियों से बिना चर्चा किए बगैर प्रिंट मीडिया में अमर्यादित शब्दों के साथ छाप कर एवं छवि धूमिल करने तथा पैसा उगाही करने नही देने पर प्रिंट मीडिया में छापने की धमकी देने के संबंध में आवेदन दिया गया है। अत्यंत ही सोचनीय विषय है कि एक जिलाध्यक्ष से आखिर कैसे और कौन पत्रकार वसूली करेगा। ऐसा आरोप जिलाध्यक्ष की उस स्थिति को बतला रही है कि वे खबर प्रकाशन पर पत्रकार के खिलाफ कैसे द्वेष रख रहे हैं कि मनगढंत आरोप लगाने से भी पीछे नही हैं। सवाल उठता है कि यदि पत्रकार द्वारा पैसे उगाही की जा रही थी तो इसकी षिकायत उन्होने खबर प्रकाषन के पूर्व क्यों नही किया। क्या खुद को पाक साफ साबित करने के लिए ही जिलाध्यक्ष द्वारा उलजलूल आरोप लगाया जा रहा है। जिलाध्यक्ष द्वारा कहां कैसे किस कार्यक्रम के लिए सहयोग लिया जा रहा है यह भी बहुत जल्द प्रकाष में लाया जाएगा। सर्वविदित है कि जिलाध्यक्ष श्री जायसवाल द्वारा किसी भी आयोजन मे खुद से एक रूपये भी खर्च नही किया जाता।
राज्य परिवहन की नौकरी से भागे थे जिलाध्यक्ष
कोरिया भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल पूर्व में राज्य परिवहन निगम में कंडेक्टर के रूप में कार्यरत थे, सूत्रो ने बतलाया कि उस दौरान जिलाध्यक्ष पर गबन के आरोप में बर्खास्तगी की तलवार लटकी हुई थी बर्खास्तगी से बचने जिलाध्यक्ष ने राज्य परिवहन की नौकरी छोड़कर एसईसीएल मे ज्वाईन किया था।
मार्कफेड में डायरेक्टर रहते लिया था दोहरा लाभ
प्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल में भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल को मार्कफेड का डायरेक्टर भी बनाया गया था, सूत्रों ने बतलाया कि मार्कफेड डायरेक्टर रहते उनके द्वारा मार्कफेड की बैठक में शामिल होकर उसका मानदेय एवं बोडिंग लाजिंग खर्च भी लिया जाता था और बैठक दिनांक को ही एसईसीएल में बतौर कर्मचारी तनख्वाह भी लिया गया है यह भी एक प्रकार का घोखाधड़ी है जो कि अभी भी जांच का विषय है। सूत्रो ने बतलाया कि इसकी षिकायत भी की गई थी लेकिन कुछ लोगो के बीच बचाव से मामला शांत हो गया था अब एक बार फिर यह मामला उजागर होने का अंदेशा है।
क्या विधानसभा की तैयारी में है जिलाध्यक्ष?
जिला भाजपा अध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल एसईसीएल में वाहन चालक के पद पर कार्यरत थे लेकिन राजनीति के बलबूते उन्होने ईमानदारी पूर्वक कभी अपनी ड्यूटी नही की। उनके द्वारा अपनी ड्यूटी टाईम पर भी नेतागिरी किया जा रहा था, अब वह नौकरी से रिटायर हो चुके हैं। और वे विधानसभा चुनाव में टिकट की चाह भी रख रहे हैं। सूत्रो ने बताया कि जिलाध्यक्ष इसीलिए कई नेताओ को पार्टी में साईड लगाकर चल रहे है कि यदि पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े का टिकट किसी कारण कटता है तो फिर उन्हे टिकट मिलने की काफी उम्मीद है। संभवतः इसी कारण जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल द्वारा इन दिनों पूर्व मंत्री की वाहन में ही सवार होकर उनके साथ विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया जा रहा है।
मीडिया को निशाने पर लेकर कैसे होगी 2023 में जीत
भाजपा का संगठनात्मक ढांचा मीडिया के साथ बेहतर तालमेल रखता है, केन्द्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेष नेतृत्व भी मीडिया को साथ लेकर चलता है। पूर्व में कोरिया में भाजपा जिला संगठन द्वारा मीडिया से बेहतर संबंध रखा जाता था लेकिन वर्तमान जिलाध्यक्ष के कार्यकाल में मीडिया से दूरी बढी हुई है। जिलाध्यक्ष द्वारा मीडिया के लोगो को भी उटपटांग कमेंट करते देखा जाता है। पूर्व में कभी भी भाजपा कार्यालय में पत्रकार के साथ मारपीट की घटना नही हुई थी लेकिन वर्तमान में जिलाध्यक्ष की मौजूदगी मे भाजपा कार्यालय में पत्रकार को बुलाकर मारपीट जैसी घटना को अंजाम दिया जा रहा है जो कि अत्यंत निंदनीय है। सवाल उठता है कि वर्तमान जिलाध्यक्ष के कार्यकाल मंे मीडिया से दूरी बनाकर आखिरकार 2023 का विधानसभा चुनाव कैसे जीता जाएगा।
चैथे स्तंभ को दबाने का काम कर रहे जिलाध्यक्ष
खबर प्रकाशन के बाद पत्रकार के खिलाफ जबरन मनगढंत आरोप लगाकर भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा शिकायत किये जाने के मामले में कांग्रेसीयों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होने कहा है कि जिलाध्यक्ष मीडिया को दबाने का प्रयास कर रहे हैं यह उनकी कुंठित मानसिकता का प्रतीक है। समय मिलने पर मंच के माध्यम से इस बात का पुरजोर विरोध किया जाएगा मीडिया स्वतंत्र है और चैथा स्तंभ है यदि जिलाध्यक्ष द्वारा ऐसा किया जा रहा है तो यह घोर निंदनीय है।


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