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मनेंद्रगढ़ @आखिर कब मानेंगे माननीय विधायक जी,क्या रेवड़ी समझ स्वेच्छानुदान की राशि को रिश्तेदार,कांग्रेस नेताओं व प्रतिनिधि को बांट रहे?

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विधायक ने फिर से रेवड़ी की तरह रिश्तेदार,कांग्रेस नेताओं अपने प्रतिनिधि को बांट दी स्वेच्छानुदान की राशि

-रवि सिंह –
मनेंद्रगढ़ 06 फरवरी 2023 (घटती-घटना)।
एक और प्रदेश मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश में अपनी सरकार के 4 साल के कार्यकाल पूरा होने पर प्रदेश की जनता को अपनी उपलçध बताते नहीं थक रहे। वहीं दूसरी ओर प्रदेश की दूसरी विधानसभा मनेंद्रगढ़ के विधायक विनय जायसवाल स्वेच्छानुदान राशि के बंदरबाट को लेकर एक बार फिर से सुर्खियों में है। पूर्व में स्वेच्छानुदान की राशि महिला कांग्रेस नेत्रियों को बांटने के बाद अब विधायक ने कांग्रेस नेताओं, युवक कांग्रेस पदाधिकारी, एनएसयूआई नेताओ और ऐसे लोगो को स्वेच्छानुदान की राशि बांट दी है जिन पर स्वेच्छानुदान की राशि का हक ही नही बनता। मनेंद्रगढ़ विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी को क्षेत्र की जनता ने इस विश्वास के साथ विजयी बनाया था कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के सुख-दुख के सहभागी बनेंगे। मनेंद्रगढ़ विधानसभा विकास की ओर अग्रसर होगा, लेकिन लोगों को क्या पता था कि विधायक बनने के बाद विधायक जी फिर पुराने ढर्रे पर चलने लगेंगे। पुलिस चौकियों में प्रभारी नियुक्त करने व 4 दर्जन से ज्यादा विधायक प्रभारी बनाने के बाद मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल फिर विवादों में है।
रिश्तेदार पूर्व पार्षद को बांट दी राशि
विधायक ने अपने सह मीडिया सलाहकार पीयूष ताम्रकार, पूर्व पार्षद श्रीपत राय को 5 हजार जो विधायक के रिश्ते में साढू भाई भी लगते है और ठेकेदार भी है, युवक कांग्रेस जिला महामंत्री नूर आलम आजमी को 5 हजार, कांग्रेस नेता सुधीर अग्रवाल को 5 हजार, एनएसयूआई जिला संयोजक निखिल यादव को 5 हजार, राजधानी रायपुर में विधायक का कामकाज देख रहे आकाश बरनवाल के पिता श्रीराम बरनवाल को 5 हजार, कम्प्यूटर कालेज के संचालक के बेटे उज्ज्वल सिंह को 10 हजार और कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता को जनसंपर्क निधि की राशि बांट दी है। इसमें सरकारी राशि व्यय करने में शासन के निर्देशों की भी अनदेखी की जा रही है। विधायक विनय जायसवाल ने ने महिला कांग्रेस लॉक अध्यक्ष, महिला कांग्रेस कार्यकर्ता को जनसंर्पक निधि बांट दी। सूची में ऐसे नाम हैं जो धनाढय वर्ग से हैं और उन्हें आर्थिक सहायता की जरूरत ही नहीं है।
पत्रकारों को कर दिया विज्ञापन का भुगतान
मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान निधि से विधायक ने अपने विज्ञापन का पेमेंट पत्रकारों को आर्थिक रूप से कमज़ोर बता कर करवा दिया। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति को देना होता है। विधायक की अनुशंसा पर? पार्टी कार्यकर्ताओं व पत्रकारों को गरीब बता? कर मुख्य मंत्री स्वेच्छानुदान दिलवा दिया। जबकि इनमें ?से कुछ लोग लखपति व करोड़पति की? हैसियत रखते है।
पहले विधायक प्रभारी,महिला कांग्रेस नेत्री, एल्डरमैन को दी थी राशि
इस से पहले भी विधायक विनय जायसवाल ने स्वेच्छानुदान की राशि रेवड़ी की तरह बांटी थी, विधायक द्वारा महिला बाल विकास विभाग में बनाई गई विधायक प्रभारी सगुफ्ता बख्श को 20 हजार रुपए की राशि जनसंपर्क निधि से शिक्षा हेतु दी गयी है। जबकि सगुफ्ता बख्श कही अध्यनरत नही है। इतना ही नही सगुफ्ता बख्श के पति एसईसीएल कर्मचारी है। विधायक ने एल्डरमैन रूमा चटर्जी को भी 10000 रुपये की आर्थिक सहायता दी थी। रूमा चटर्जी इनके पति रेलवे कर्मचारी है।
क्या है जनसंपर्क निधि?
गरीब या जरूरतमंदों को आकस्मिक आर्थिक मदद के लिए विधायकों को स्वेच्छानुदान व जनसंपर्क निधि जारी करने का अधिकार दिया गया है। विधायक इसका इस्तेमाल जरूरतमंदों के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न क्लबों व मंडलियों को उनके नाम से निधि जारी करने का अधिकार दिया गया है।


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