रायपुर, 01 फ रवरी 2023(ए)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को आम बजट पेश कर दिया है। चुनावी साल के इस बजट से छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं बनाई हैं। इसमें आदिवासी जिलों में एकलव्य आवासीय विद्यालयों में नई भर्तियों, विशेष संरक्षित जनजातियों के विकास के लिए शुरू हुए नए मिशन और मिलेट निर्यात को बढ़ावा देने की नीति से छत्तीसगढ़ को फायदा होता दिख रहा है।
छत्तीसगढ़ का बड़ा हिस्सा आदिवासी बहुल है। यहां के 24 जिलों 73 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय हैं। इन स्कूलों के जरिये आदिवासी बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाई और आवास की सुविधा दी जाती है। केंद्रीय बजट में कहा गया है कि देश भर के ऐसे विद्यालयों में 38 हजार 800 शिक्षकों और सहायक कर्मियों की भर्ती होनी है। छत्तीसगढ़ के इन स्कूलों में करीब 4 हजार पद रिक्त हैं। बजट घोषणा से उम्मीद बढ़ी है कि इस साल इन रिक्त पदों पर भर्तियां पूरी हो जाएंगी। इसका फायदा रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं और वहां पढ़ने वाले बच्चों को भी मिलेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने विशेष संरक्षित जनजातियों के विकास के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन की घोषणा की है। इसके तहत अगले तीन साल तक 15 हजार करोड़ रुपया खर्च किया जाना है। छत्तीसगढ़ में इन विशेष संरक्षित जनजातियों में बैगा, पहाड़ी कोरबा, अबूझमाçड़या, कमार और बिरहोर की अच्छी खासी आबादी है। इस मिशन से इस आबादी को पक्का आवास, पेयजल, सड़क, बिजली और सतत आजीविका के साधन दिये जाने हैं।
सूखे इलाकों में लहलहा सकती है उम्मीद
केंद्रीय बजट में इस बार मिलेट को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैकेज की घोषणा है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, देश को मिलेट का हब बनाया जाएगा। मिलेट उत्पादों को विदेशों में निर्यात करने को प्रोत्साहित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में पिछले तीन-चार सालों में मिलेट फसलों कोदो-कुटकी-रागी आदि का उत्पादन बढ़ा है। यहां कोदो की खरीदी 30 रुपए प्रति किलो, कुटकी की खरीदी 31 रुपए और रागी की खरीदी 35.78 रुपए प्रति किलो की दर से हो रही है। अब तक सरकार 5 करोड़ 60 लाख रुपए मूल्य की 18 हजार 328 मि्ंटल कोदो, कुटकी और रागी की खरीदी कर चुकी है। केंद्र सरकार का प्रोत्साहन बढ़ा तो कम पानी वाले इलाकों में इस फसल का रकबा बढ़ेगा। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था की धान पर निर्भरता कम होगी।
सिकलसेल एनिमिया के खिलाफ बड़ी मदद
केंद्रीय बजट में साल 2047 तक सिकलसेल एनिमिया को खत्म करने का मिशन हाथ में लिया है। छत्तीसगढ़ की बड़ी आबादी इस बीमारी से ग्रस्त है। इसके खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकार को केंद्र से बड़ी मदद मिल सकती है।
5जी एप के लिए प्रयोगशाला का भी फायदा
केंद्रीय बजट में 5जी एप बनाने के लिए देश भर में 100 प्रयोगशालाएं शुरू करने की बात हुई है। कहा गया कि ये प्रयोगशालाएं इंजीनियरिंग संस्थानों में खोली जाएंगी। छत्तीसगढ़ में फिलहाल तीन बड़े संस्थान हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई-आईआईटी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर-एनआईटी और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान नवा रायपुर आईआई टी में से कम से कम दो में ऐसी प्रयोगशालाओं की संभावनाएं बढ़ी दिख रही हैं।
प्राकृतिक खेती और गोधन से भी हो सकता है फायदा
केंद्रीय बजट में गोबरधन (गैल्वनाइजिंग आर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन) योजना से 500 नया बायो प्लांट लगाने का प्रस्ताव है। इसमें 200 कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट शामिल हैं। इसपर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च किया जाना है। इसके साथ ही अगले तीन सालों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने में सहायता देने का प्रस्ताव आया है। छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना और गोबर खरीदी और उससे जैविक खाद और गौमूत्र से कीटनाशक आदि बनाने की योजना को इससे जोड़कर फायदा उठाया जा सकता है।
विकसित राष्ट्र बनाने का रोडमैप बजट
पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने केंद्रीय बजट को भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का रोडमैप बजट बताया है। कांग्रेस के निराशाजनक बजट कहे जाने पर डॉ। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यह ऐसा लोकप्रिय बजट है कि आने वाले चुनाव में ट्रंप कार्ड साबित होगा इसलिए कांग्रेस निराश हैं।
7 बिंदुओं पर समाहित सप्तऋ षि बजट
पूर्व सीएम डॉ. रमन ने कहा, यह सप्तऋषि बजट है, जो अमृतकाल में मार्गदर्शन करेगी। यह 7 बिंदुओं पर समाहित बजट है, जिसे सप्त ऋषि कहा गया। समावेशी विकास, अंतिम व्यक्ति तक पहुंच, युवा शक्ति, वित्तीय क्षेत्र सभी के लिए बजट में प्रावधान है। बजट का आकार 12 फीसदी से बढ़कर 45 लाख करोड़ हो गया है। आगामी वित्तीय वर्ष में कर राजस्व प्राप्ति 23 लाख करोड़ हो जाएगा। राजस्व घाटा 1.7 फीसदी रह जाएगा. राजकोषीय घाटा 5.9 फीसदी पर आ गया है। राज्यों को जीएसडीपी के 3.5 फीसदी तक राजकोषीय घाटा की छूट दी गई है। आर्थिक विकास दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय 1.97 लाख रुपये हो गई है। नौ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था आकार में दसवें स्थान से पांचवे स्थान पर पहुंच गई है।अब सात लाख रुपये तक कमाई करने वालों को कोई कर नहीं देना होगा। जीडीपी विकास दर दुनिया में सबसे अधिक 6 फीसदी हो गई है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए 15 लाख की लिमिट को बढ़ाकर 30 लाख कर दिया गया है। महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू हो रही है। महिलाओं के लिए यह अपनी तरह की विशेष स्कीम है।
पूर्व सीएम डॉ. रमन ने आगे कहा, पीएम आवास योजना के लिए 66 फीसदी बजट बढ़ाकर 79 हजार किया गया है। 2047 तक सिकल सेल एनीमिया समाप्त किया जाएगा। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 शुरू होगा। रेलवे के बजट का आकार बढ़ाया गया है। यह बजट दूरगामी सोच का परिणाम है। सर्व ग्राही और सर्व स्पर्शी बजट है।
केन्द्र सरकार का बजट निराशाजनक : भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज केंद्र की मोदी सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत किए गए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसे निर्मला जी का निर्मम बजट कहा जा सकता है, न इसमें युवाओं के लिए कोई सुविधा है, न किसानों की आय दोगुना करने की बात है, न महिलाओं के लिए है, न अनुसूचित जनजातियों के लिए और ना ही अनुसूचित जातियों के लिए कुछ है। ये बजट केवल चुनाव को देखते हुए बनाया गया बजट है। इसमें एक चीज चौंकाने वाली है, इसमें रेलवे के लिए 2 लाख 35 हजार करोड़ रूपए बजट में रखा गया है। क्या ये कर्मचारियों के लिए है, या नई भर्ती के लिए है।
या ऐसा तो नहीं है जैसे एयरपोर्टों को बेचने से पहले सैकड़ों हजारों करोड़ नवीनीकरण के लिए लगा दिया गया और उसके बाद निजी हाथों में बेचा गया। इसी प्रकार की सोच तो नहीं है केन्द्र सरकार की। पहले चकाचक कर दिया जाए, फिर निजी हाथों में बेचा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए भी हम लोग उम्मीद कर रहे थे कि अम्बिकापुर से चलने वाली ट्रेन मिलेगी, जगदलपुर के लिए भी ट्रेन की व्यवस्था होगी। लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हुई। महंगाई और बेरोजगारी को कम करने की कोई व्यवस्था नहीं है। नए लोगों को कैसे रोजगार मिलेगा, इसमें कुछ नहीं है। जितनी भी खाद्य सामग्री है, वो महंगी हो गई है। बजट में श्री अन्न की बात कही गई, कोदो-कुटकी, सांवा तक की बात कही गई, लेकिन इसकी एमएसपी भारत सरकार ने आज तक घोषित नहीं कीे और समर्थन मूल्य पर खरीदने की भी कोई बात किसानों के लिए नहीं कही गई। यह बजट निराशाजनक है।
अरुण साव बोले-ऐतिहासिक टैक्स रिफॉर्म्स से सबको राहत
छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने केंद्र की मोदी सरकार के आम बजट का स्वागत करते हुए कहा है कि यह बजट गांव, गरीब, किसान, युवा, महिलाओं, बुजुर्गों, पिछड़ों, वंचितों, दलितों, जनजातीय समाज सहित हर वर्ग की आम जनता का खास बजट है।ऐतिहासिक टैक्स रिफॉर्म्स से सबको राहत मिली है। यह बजट, बुलंद भारत की मजबूत अर्थ व्यवस्था का प्रतीक है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि इस बजट ने छत्तीसगढ़ के लिए असीम संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। मिलेट मिशन का हमारे जनजातीय समाज को विशेष लाभ मिलेगा। एकलव्य विद्यालयों में भर्तियां होंगी तो वहीं हमारे तकनीकी शिक्षा संस्थानों को नवीन अवसर मिलेंगे। इस बजट में छत्तीसगढ़ के समग्र विकास का खाका तैयार हो गया है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि समावेशी विकास पर आधारित यह बजट सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का प्रतिफल है जो देश के विकास में ऐतिहासिक भूमिका निभाएगा। यह बजट घरेलू मोर्चे पर जन आकांक्षाओं की पूर्ति, जन संतुष्टि, संतुलन के साथ ही विश्व में भारतीय अर्थ व्यवस्था का डंका बजाने वाला बजट है। गांव गरीब किसान और कृषि के उत्थान की ठोस बुनियाद वाला बजट देश की युवा पीढ़ी के भविष्य को संवारने तत्पर है। यह रोजगार देने वाला बजट है। आम मध्यम वर्ग और आम जनता को राहत देने वाला बजट है। देश को नई ऊंचाई देने वाला बजट है।
बुलंद भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था का प्रतीक बजट
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि बजट में बड़ा ऐलान किया गया है कि 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। आयकर स्लैब में बदलाव से 15 लाख की आय होने पर वेतन भोगियों को सालाना हजारों रुपये की बचत होगी।खिलौने, ऑटोमोबाइल, मोबाइल फोन, कैमरे के लेंस, टीवी, इलेक्टि्रकल गाड़ी सस्ते होने से आम आदमी को महंगाई से राहत मिलेगी। बजट में युवाओं के लिए 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोले जाने की घोषणा ऐतिहासिक है। युवाओं के कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए फंड की स्थापना और अगले 3 साल में एक करोड़ किसानों को नेचुरल फार्मिंग में मदद देना, साथ ही 10,000 बायो सेंटर्स बनाना युवा और कृषि क्षेत्र में एक बड़ा प्रभावी कदम साबित होगा।
कोमल हुपेंडी बोले- शिक्षा-स्वास्थ्य की बात महज खानापूर्ति
केंद्रीय बजट पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने अपनी प्रतिक्रया देते हुए बजट को दूर के ढोल सुहाने और आज के लिए निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में आम लोगों के हित में कोई खास प्रावधान नहीं है। पीएम किसान सम्मान निधि में कोई इजाफा नहीं हुआ है।
इससे किसान वर्ग में निराशा है। कृषि सेक्टर में आय दोगुनी जैसी कोई बात नहीं है, अर्थात प्रधानमंत्री का 2023 तक किसानों की आय दुगनी का वादा भी महज एक जुमला ही बनकर रह गया है। किसानों को उत्पादन शुल्क व कुल व्यय राशि से न्यूनतम 10त्न अधिक विक्रय मूल्य निर्धारण की सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है। किसानों के उत्पाद हमेशा घाटे का सौदा साबित हो रहे हैं। उसका प्रत्यक्ष उदाहरण टमाटर उत्पादक टमाटर को सड़कों में फेंक रहे हैं।
युवा बेरोजगारों की समस्या की बाते भी हवा हवाई ही है।
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