नई दिल्ली,31 जनवरी 2023 (ए)। संसद के बजट सत्र के पहले आज सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने जनगणना में जाति आधारित आर्थिक सर्वेक्षण कराने, सहकारी संघीय प्रणाली, किसान फसल बीमा, महिला आरक्षण जैसे मुद्दों पर सरकार से चर्चा कराने की मांग की लेकिन सरकार ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव एवं आम बजट पर चर्चा के दौरान इन सब विषयों पर चर्चा हो सकती है। संसद के पुस्तकालय भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि संसद का बजट सत्र कल शुरू हो रहा है। कल राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा। परसों आम बजट पेश किया जाएगा। सदन में राष्ट्रपति के प्रति धन्यवाद प्रस्ताव तथा आम बजट पर चर्चा होगी। इसके बाद 13 फरवरी को मध्यावकाश होगा। इसके बाद 13 मार्च से सदन की कार्यवाही शुरू होगी और तब वित्त विधेयक पारित होगा। जोशी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में 27 पार्टियों के 37 नेताओं ने शिरकत की।
ऐसा भारत बनाना है जो आत्मनिर्भर बने और मानवीय दायित्वों को पूरा करने में समर्थ हो : मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को अगले 25 वर्ष में ऐसे राष्ट्र का निर्माण करने के लिए लोगों से उनके सर्वोत्तम प्रयास करने का अनुरोध किया जो हो। राष्ट्रपति ने यह बात आज बजट सत्र के पहले दिन संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए अपने पहले अभिभाषण में कही। उन्होंने कहा, ‘हमें ऐसा भारत बनाना है जो आत्मनिर्भर हो और जो अपने मानवीय दायित्वों को पूरा करने में समर्थ हो। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरा होने के अंतिम 25 वर्षों को ‘‘अमृत काल की संज्ञा दी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें 2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जो अतीत के गौरव से भी जुड़ा हो और जिसमें आधुनिकता का हर स्वर्णिम अध्याय हो। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के करीब नौ वर्षों के शासनकाल में भारत के लोगों ने कई सकारात्मक बदलाव पहली बार देखे हैं। उन्होंने कहा कि अमृत काल की 25 साल की अवधि आजादी का स्वर्णिम काल और विकसित भारत के निर्माण का समय है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी समस्याओं का समाधान करने के लिए अन्य लोगों पर निर्भर रहा करता था किंतु अब वह वैश्विक समस्याओं का समाधान कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को वह बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं जो दशकों से गायब थीं और देश भर में आधुनिक आधारभूत ढांचे का निर्माण हो रहा है जिसकी समाज लंबे समय से आकांक्षा कर रहा था। उन्होंने कहा, ‘भारत के पास आज एक ऐसी सरकार है जो स्थिर, निर्भय और निर्णायक है जो बड़े सपनों को पूरा करने के लिए काम कर रही है। इसके पास एक ऐसी सरकार है जो ईमानदारी का सम्मान करती है, लोगों की समस्याओं का समाधान करती है और उन्हें स्थायी रूप से शक्तिसंपन्न बनाने के लिए काम करती है।
दुनिया के लिए आशा की किरण बनेगा भारत का आम बजट : प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल के बीच भारत का बजट आम नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेगा और साथ ही दुनिया के लिए आशा की किरण भी बनेगा। संसद के बजट सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था की दुनिया की जानी-मानी आवाजें देश के लिए सकारात्मक संदेश ला रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तकरार होगी लेकिन साथ ही उन्होंने उम्मीद भी जताई कि इस दौरान विपक्षी सदस्य तैयारी के साथ तकरीर भी करेंगे। उन्होंने कहा, आज की वैश्विक परिस्थिति में भारत के बजट की तरफ न सिर्फ भारत का, बल्कि पूरे विश्व का ध्यान है। विश्व की डांवाडोल आर्थिक परिस्थिति में भारत का बजट भारत के सामान्य जन की आशा-आकांक्षाओं को तो पूरा करने का प्रयास करेगा ही, लेकिन विश्व, जो आशा की किरण देख रहा है उसे वह और अधिक प्रकाशमान पाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन अपेक्षाओं को पूर्ण करने के लिए भरपूर प्रयास करेंगी। मोदी ने कहा कि आज का अवसर विशेष है क्योंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह पहला अभिभाषण है। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति जी का अभिभाषण भारत के संविधान का गौरव है, भारत की संसदीय प्रणाली का गौरव है और विशेष रूप से आज नारी सम्मान का भी अवसर है। दूर-सुदूर जंगलों में जीवन बसर करने वाले हमारे देश की महान आदिवासी परंपरा के सम्मान का भी अवसर आया है। मोदी ने कहा कि संसदीय कार्य में छह-सात दशक से जो परंपराएं विकसित हुई हैं, उन परंपराओं में देखा गया है कि अगर कोई भी नया सांसद पहली बार सदन में बोलने के लिए खड़ा होता है तो पूरा सदन उनको सम्मानित करता है। उन्होंने कहा कि उनका आत्मविश्वास बढ़े, इसके लिए एक प्रकार से अनुकूल वातावरण तैयार किया जाता है जो कि एक उज्जवल और उत्तम परंपरा है। उन्होंने कहा, आज राष्ट्रपति का उद्बोधन भी उनका पहला उद्बोधन है। सभी सांसदों की तरफ से आज का यह पल उमंग, उत्साह और ऊर्जा से भरा हुआ हो, यह हम सबका दायित्व है। मुझे विश्वास है कि हम सभी सांसद इस कसौटी पर खरे उतरेंगे।