भाजपा और कांग्रेस नेताओं का आपसी चरित्र उजागर करने की नई राजनीति,कोरिया जिले से हुई शुरुआत
–रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर,23 जनवरी 2023 (घटती-घटना)। एकमात्र विधानसभा वाले कोरिया जिले में अलग ही परंपरा शुरू हो गई है इस समय राजनीतिक दल एक दूसरे के चरित्र की पोल खोलते नजर आ रहे हैं और इस दौरान वह सोशल मिडिया पर सारी सीमाएं लांघ रहे हैं सोशल मीडिया पर जमकर चरित्र का प्रमाण पत्र बांट रहे हैं इस समय राजनीतिक दलों के समर्थक या कहें तो कार्यकर्ता सभी एक दूसरे की चरित्र चालीसा पढ़ रहे हैं अब सवाल यह उठता है क्या नेता सारी सीमाएं लांघ कर अपने नेता के करीबी बन पाएंगे? अपने नेता के करीबी बनने के चक्कर में सारी सीमाएं क्योंकि वह लांघे पड़े हैं?
पूर्व मंत्री के मिडिया कर्मी को दिए बयान के बाद से ही जिले में ऐसी रीति बन चुकी है की क्या भाजपा क्या कांग्रेस सभी दलों की तरफ से एक दूसरे दल के नेता का चरित्र सोशल मिडिया पर साझा किया जा रहा है और इस सोशल मीडिया पोस्ट पर दोनो दलों के समर्थक अपनी अपनी राय प्रकट कर रहे हैं। वैसे देखा जाए तो यह किसी एक दल की तरफ से नहीं हो रहा है दोनो ही प्रमुख दल जो राष्ट्रीय दल हैं की तरफ से ऐसा किया जा रहा है और एक दूसरे पर चारित्रिक कीचड़ उछाला जा रहा है। जिले की जनता भी सोशल मीडिया पर पोस्ट को और एक दूसरे पर उछाले जा रहे कीचड़ को देख सुन रही है और सोच रही है क्या यही है बेहतर छत्तीसगढ़ की परिकल्पना, जनता यह भी सोच रही है या सोचने मजबूर है की क्या इसीलिए उन्होंने नेताओं को अपना प्रतिनिधि चुना है और जब चरित्र रूप में कोई भी सही नहीं है तो जनता यह भी मन ही मन सोच रही है की क्यों फिर ऐसे लोग जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए हैं और क्यों नहीं ऐसे लोग राजनीति से सन्यास ले ले रहे हैं।
राजनीतिक सुचिता जिले से समाप्त हो चुकी है
वैसे इस पूरे मामले को राजनीतिक सुचिता से भी जोड़कर देखा जा सकता है और माना जा सकता है की राजनीतिक सुचिता जिले से समाप्त हो चुकी है और आपसी वैमनस्य इस कदर हावी हो चुका है की अब आपसी प्रहार चरित्र तक पर जारी है और दोनो ही दलों के नेता एकदुसरे पर समर्थकों के सहारे आक्रामक हैं। जिले में पूर्व में कभी ऐसा होते नही देखा गया था और लोगों का कहना है की यह चलन अभी हालिया है। वैसे समर्थक एकदूसरे दल के नेताओ पर जब चारित्रिक आरोप लगा रहें हैं तो वह अपने अपने नेताओं के जिंदाबाद का भी नारा लगा रहें हैं जिससे साबित होता है की उनका भी समर्थन समर्थकों को है। अब यह आरोप प्रत्यारोप का दौर कब तक जारी रहने वाला है यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन कहीं न कहीं नेताओं सहित उनके समर्थक आपसी प्रतिद्वंदिता में अपनी ही कलई खोल रहें हैं और वह खुद अपनी अपनी हकीकत सामने ला रहे हैं यही सत्य है।