- धान खरीदी केंद्र से पृथक हो चुके समिति प्रबंधक धान खरीदी केंद्र में बना रहे हैं सोशल मीडिया के लिए रील
- धान के चट्टे पर खड़े होकर समिति प्रबंधक बना रहें हैं रील,क्या रील बनाने के लिए धान को रौंदना जरूरी है?
- धान की बाली छत्तीसगढ़ महतारी के हांथ की है शोभा,धान की फसल है छत्तीसगढ़ की मुख्य फसल
- क्या अन्न पर खड़े होकर रील बनाना है उचित,क्या रील बनाने अनाज का अपमान है जरूरी?
–रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर,23 जनवरी 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के एक सहकारी सेवा समिति प्रबंधक अपने एक रील को लेकर काफी प्रसिद्ध हो रहे हैं जिसमें वह धान के चट्टे पर खड़े होकर रील बना रहें हैं और जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अब सवाल यह उठता है की क्या समिति प्रबंधक का उक्त कृत्य सही है? क्या उन्हे छत्तीसगढ़ के मुख्य फसल और मुख्य अन्न धान पर खड़े होकर रील बनाना चाहिए क्योंकि धान की बाली छत्तीसगढ़ महतारी के हाथों की शोभा भी है और अन्न के नाते भी ऐसा करना सही नहीं कहा जा सकता। वैसे समिति प्रबंधक को धान खरीदी केंद्र से पृथक किया गया है और वह धान खरीदी केंद्र के प्रभारी के प्रभार से मुक्त हैं लेकिन उनका मोह धान खरीदी से भंग नहीं हो रहा है और वह धान खरीदी केंद्र में पहुंचकर अपनी धौंस जमा रहें हैं और रील बना रहें हैं।
समिति प्रबंधक का रील सोशल मीडिया पर देखा जा सकता है और देखकर यह भी सवाल उठता है की नेताओं के बैनर पर जब पैर रखने का मामला पुलिस थाने का मामला बन सकता है तो छत्तीसगढ़ महतारी की शोभा साथ ही किसानों की मेहनत के फल पर पैर रखकर चढ़कर रील बनाना क्या उचित है क्या इसको लेकर कोई मामला नहीं बनता। वैसे धान खरीदी केंद्र से समिति प्रबंधक पृथक भी हैं और वह यह भी नहीं कह सकते की धान के चट्टे पर वह चढ़कर धान के चट्टे की स्थिति देख रहे थे। धान खरीदी केंद्र बैकुंठपुर जामपारा में यह रील बनाई गई और सोशल मीडिया पर डाला गया। रील बनाना न तो अनुचित है और न ही अपराध ही है लेकिन किसानों की मेहनत से उगाई गई फसल पर खड़े होकर रील बनाना कहीं से उचित नहीं माना जा सकता और न ही इसे सही कहा जा सकता है। अब देखना यह है की क्या इस पूरे मामले में भी कोई जनप्रतिनिधि या कोई राजनेता सामने आता है जिसे यह भी अपने अपमान या उससे ज्यादा ही गलत विषय लगता है या केवल वह अपने ही अपमान के लिए केवल लड़ते रहेंगे और छत्तीसगढ़ महतारी के हाथों की शोभा के अपमान पर उन्हे विषय आपçाजनक नहीं लगता।