पटना बीएमओ के स्थानांतरण को लेकर चर्चाऐं हैं गर्म
- रवि सिंह–
बैकु΄ठपुर 06 नवम्बर 2021 (घटती-घटना)। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग कोरिया में सीएमएचओ के खास व करीबी एक चिकित्सक को बीएमओं पद की जिम्मेदारी मिलने का कयास लगाये जा रहे है। वहीं पूर्व में पदस्थ चिकित्सक जो खण्ड चिकित्सा अधिकारी के रूप में अपनी सेवाऐं बखूबी निभा रहे है उन्हें हटाने के लिये कोविड-19 टीकाकरण में सौ प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण नहीं होने को लेकर उन्हें हटाने की उम्मीद बतायी जा रही है। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत बीएमओ का कहना है कि सौ प्रतिशत टीकाकरण तो नहीं हुआ है पर हां 85 से 90 प्रतिशत टीकाकरण हो चुका है। इसके बाद भी अधिकारी इस बात से तबादला करते है तो यह सही नहीं क्योंकि सौ प्रतिशत के लिये अब भी लोगों में जागरूकता की कमी है वहीं टीकारण में कई और समस्या आ रही है जहां कुछ तो ऐसे लोग होते है जो पहले से किसी बीमारी से ग्रसित है तो कुछ महिलाओं के गर्भवती होने या स्तनपान कराने के कारण टीकाकरण नहीं संभव नहीं हो पा रहा है, ऐसे में सौ प्रतिशत टीकाकरण होना संभव नहीं है।
सीएमएचओ की पैरवी करने वालों को मिल सकती है बीएमओ कीजिम्मेदारी
स्वास्थ्य विभाग में इस बात को लेकर चर्चा गर्म है कि सीएमएचओ के खास बने चिकित्सकों को बीएमओ की जिम्मदारी मिल सकती है हांलाकि इस बात की आधिकारीक तौर पर पुष्टि नहीं हुयी है। सूत्रों बताते है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनहत में कुछ इसी तरह की कहानी पूर्व में हो चुकी है। वहां पर पदस्थ वरिष्ठ चिकित्सक के रहते पटना में पदस्थ रहे बीएमओं को वहां पर बीएमओ पद पर नियुक्त कर दिया गया और अब वर्तमान में वरिष्ठ चिकित्सक को पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में अटैच किया गया है। जिनकी अब बीएमओ बनने का कयास लगाया जा रहा है, पर पटना में ही पदस्थ महिला चिकित्सक जो सीएमएचओ की काफी खास मानी जाती है वह भी बीएमओ के लिये लालायित देखी जा रही है और विषेष सूत्र बताते है कि इस बार उन्हें यह जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद है।
पटना बीएमओ का कार्यकाल अच्छा
पटना में पदस्थ कर्मचारी यहां पर पदस्थ खण्ड चिकित्सा अधिकारी से काफी संतुष्ट दिखते है। इनके कार्यकाल की सराहना यहां के कर्मचारी करते नहीं थकते। कर्मचारियों द्वारा यह कहा जाता है कि हमारे बीएमओ में मैनेंजमेट क्षमता अच्छा है क्योंकि इनकी प्राथमिकता में जीवनदीप समिति में पदस्थ छोटे कर्मचारीयों को वेतन समय पर दिया जा रहा है और उनके वेतन के लिये खुद बीएमओ सक्रीय नजर आते है। किसी भी कर्मचारीयों को यदि ड्यूटी लगी हो और वह ड्यूटी नहीं करने की बात बीएमओ से करते है तो खुद बीएमओ द्वारा यह कहा जाता है कि इस बार मैं आपका ड्यूटी काट देता हूं पर भविष्य में ऐसा नहीं होगा। वहीं पटना में यह पहले बीएमओ है जो समय को ज्यादा महत्व देते है और देर शाम तक यह अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा के साथ करते हुये दिखते है। इनके रहते अब तक कोई ऐसी विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं हुयी और यह अपनी सूझबुझ से अपने कर्मचारीयों की परेशानी बखुबी हल करते है।