- कोरिया जिले के जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 सदस्य उप चुनाव में पूर्व मंत्री की पुत्रवधु भाजपा समर्थित प्रत्याशी की बड़ी जीत
- सत्ताधारी दल कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी रहा तीसरे स्थान पर,गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने दूसरा स्थान किया हासिल
- पूर्व मंत्री ने साबित किया अभी उनमें है आगे और भी राजनीतिक संभावनाएं,अभी वह ठहरने तैयार नहीं
- पूर्व मंत्री की सेवा भावना,समर्पण व लोकप्रियता ने दिलाई प्रचंड बहुमत:देवेन्द्र तिवारी
- 10,700 से अधिक वोट से भाजपा समर्पित प्रत्यासी आगे पूर्व मंत्री भईया लाल राजवाड़े के घर मे जश्न का माहौल।
- कांग्रेस प्रचार में भी फिसड्डी और नतीजे में भी फिसड्डी रही वजह जगजाहिर
- जिपं क्रमांक 06 से वंदना राजवाड़े की जीत लगभग तय सिर्फ औपचरिक घोषण बची
- गोंडवाना गडतंत्र पार्टी दूसरे नंबर पर काग्रेस रही तीसरे नंबर पर
- काग्रेस नही खड़े कर पाई कई जगह अपने पोलिंग एजेंट:सूत्र
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 09 जनवरी 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 सदस्य हेतु संपन्न हुए चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी एवम पूर्व मंत्री एवम पूर्व भाजपा विधायक बैकुंठपुर की पुत्रवधु ने एकतरफा जीत दर्ज कर ली है और वह जिला पंचायत सदस्य बतौर अपने स्वर्गीय पति के रिक्त पद पर आसीन होने जा रही हैं । वहीं उप चुनाव में जैसा की पहले से ही तय नजर आ रहा था की सत्ताधारी दल की चुनाव में प्रतिस्पर्धी होने की भूमिका ही नजर नहीं आ रही थी और वह चुनाव में कहीं से टक्कर देने की स्थिति में नजर नहीं आ रही थी और वही हुआ भी,सत्ताधारी दल तीसरे स्थान पर जा पहुंची और दूसरे स्थान पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अपना स्थान सुरक्षित कर लिया। जिला पंचायत कोरिया की क्षेत्र क्रमांक 6 सदस्य की सीट जिसपर की उप चुनाव हो रहा था वह सीट पूर्व मंत्री पूर्व भाजपा विधायक बैकुंठपुर के पुत्र के असामायिक मृत्यु से रिक्त हुई थी और इस सदस्य सीट पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार के रूप में पूर्व मंत्री की पुत्रवधु को अपना समर्थन प्रत्याशी बतौर दिया था जिसमें पूर्व मंत्री की पुत्रवधु विजयी हुई।
73 वर्ष की उम्र में पूर्व मंत्री ने अपनी पुत्रवधु के लिए किया था धुंआधार प्रचार
जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र क्रमांक 6 में हुए उप चुनाव में पूर्व मंत्री पूर्व भाजपा बैकुंठपुर विधायक की पुत्रवधु भाजपा से समर्थन लेकर चुनावी मैदान में थीं वहीं चुनाव प्रचार की कमान स्वयं 73 वर्षीय पूर्व मंत्री एवम पूर्व भाजपा बैकुंठपुर विधायक सम्हाल रहे थे और उन्होंने 73 वर्ष की उम्र में जिस तरह दिन रात एक करते हुए अपनी पुत्रवधु को चुनाव में विजय दिलाने मेहनत किया उसकी हर तरफ तारीफ हो रही है। पूर्व मंत्री ने भीषण ठंड होने के बावजूद लगातार क्षेत्र में जनसंपर्क किया और उन्होंने रात और दिन एक किया तब जाकर उन्होंने अपनी पुत्रवधु के लिए बड़ी जीत सुनिश्चित की। पूर्व मंत्री इस उम्र में जिस तरह इस चुनाव का संचालन करते दिखे उससे यह साबित हो गया की उनके अंदर अभी अपार राजनीतिक संभावनाएं बची हुई हैं और वह अभी राजनीति से अलग जाकर कुछ और सोचने की जरा भी नहीं सोच रहें हैं।
कांग्रेसी कुशासन के खिलाफ जीत जननायक भैयालाल राजवाड़े की
जिला पंचायत उपचुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवार के प्रचंड मतों से हुए जीत को भाजपा जिला उपाध्यक्ष एवं पूर्व जिपं सदस्य देवेन्द्र तिवारी ने ऐतिहासिक बताया है।उन्होंने कहा कि विगत लंबे समय से पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े ने आम जनता की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया है। उन्होंने साधारण जीवन जीते हुए लोगों की खुशहाली और विकास के लिए कार्य किया है। उनके समाज के प्रति समर्पण भाव के समर्थन में आम जनता उमड़कर मतदान की है। भारतीय जनता पार्टी का एक एक कार्यकर्ता आज पूरे उत्साह के साथ वंदना विजय राजवाड़े के जीत के लिए परिश्रम करता हुआ दिखा है। स्व.विजय राजवाड़े के लिए यह सच्ची श्रद्धांजलि है। इस चुनाव परिणाम ने यह साबित कर दिया कि आम जन पूर्व मंत्री श्री राजवाड़े की कमी को महसूस कर रहे है। वर्तमान विधायक की जनता से बनी दूरी और कांग्रेस द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार, अनियमितता तथा निरंकुशता के खिलाफ जनता एकजुट है।आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका गंभीर परिणाम भुगतना होगा। पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े और जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं द्वारा प्राप्त की गई जीत के लिए समस्त जनता जनार्दन का अभिनंदन है। श्री तिवारी ने विजयी उम्मीदवार श्रीमती वंदना राजवाड़े को बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित किया है।
जीत प्रत्याशी या पार्टी की नहीं, अपितु इस पड़ाव में भी कायम जज्बे की हुई
जिला पंचायत उपचुनाव में पूर्व के मुख्य चुनाव की तुलना में दोगुने से भी अधिक मतों से यह जीत बीजेपी समर्थक प्रत्याशी की हुई यह बात सामने आई, विधानसभा चुनाव व या कहें सत्ता के सेमीफाइनल के पूर्व इस जीत पर लोगों का मत है कि यह भारतीय जनता पार्टी या प्रत्याशी की जीत नहीं अपितु उम्र के 73 बसंत पार कर चुके छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व कैबिनेट मंत्री भइयालाल राजवाड़े के जोश, जज्बे, सक्रियता और लोकप्रियता की जीत है। उम्र के इस पड़ाव में जहां लोग सामान्यतः शिथिल हो जाते हैं, वहीं पूर्व मंत्री द्वारा किया गया डोर टू डोर कैंपेन, व्यक्तिगत प्रत्येक मतदाताओं के घर तक पहुंच, मतदाताओं से परोक्ष संवाद, बेहद ऊर्जावान व्यक्ति का काम है, जो यह इंगित करता है कि आज भइयालाल राजवाड़े उतने ही सक्रिय और ऊर्जावान हैं, जितना अपने राजनीतिक जीवन के प्रारंभिक चरण में थे। यह ऐतिहासिक जीत उनकी सकारात्मक ऊर्जा और कार्य क्षमता का परिणाम है। हालांकि पूरे चुनाव के दरमियान भारतीय जनता पार्टी का संगठन और पार्टी के कार्यकर्ता कदम से कदम मिलाकर पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में कार्य कर रहे थे। जो यह इंगित करता है कि भइयालाल राजवाड़े आज भी क्षेत्र में उतने ही लोकप्रिय हैं, जितना अपने कार्यकाल के दरमियान थे क्योंकि ऐसी एकजुटता और प्रत्येक कार्यकर्ता का समर्पण किसी व्यक्ति विशेष के लिए आमतौर पर देखने को नहीं मिलता और वहां तो बिल्कुल नहीं जहां सीट की दावेदारी में एक के बाद एक कई नाम सामने आ रहे हों यह चुनावी प्रदर्शन और पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की एकजुटता यही इशारा करती है कि भइयालाल राजवाड़े आज भी बैकुंठपुर विधानसभा में पार्टी के सर्वमान्य नेता हैं। समाचार लिखे जाने तक आधा से ज्यादा केंद्रों के रुझान आ गए थे जिसमें बीजेपी की प्रत्याशी लगभग 10 दस हजार मतों से आगे चल रहे थे जिसे देखकर बीजेपी प्रत्याशी की जीत तय मानी जा रही है।
चुनाव बहिष्कार का जहां हुआ विरोध वहां भाजपा को मिले सर्वाधिक मत
जिला पंचायत उप चुनाव निर्वाचन में एक समय विषम स्थिति निर्मित हुई जब दुधनिया कला निवासियों ने चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया एवं एकजुट होकर सड़क पर बैठ गये। चुनाव बहिष्कार का जो कारण सामने आया वह यह था कि गांव में पक्कि सड़क का अभाव है, जिसकी मांग ग्रामीण लगातार कर रहे थे। उनका कहना था कि पूर्व के भाजपा शासनकाल में यह सड़क स्वीकृत हुई थी, परंतु सत्ता बदलने के साथ ही सड़क की स्वीकृति ठंडे बस्ते में चली गई। इस मुद्दे पर पक्ष विपक्ष के नेता गांव वालों को समझाते रहे, आरोप-प्रत्यारोप का दौर ग्रामीणों के बीच और सोशल मीडिया पर भी चला। जहां कांग्रेस के नेता सड़क ना बनने को लेकर भाजपा पर दोषारोपण कर रहे थे। वह यह भूल गए कि विगत 4 वर्षों से कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में है, और क्षेत्र के सारे जनप्रतिनिधि कांग्रेस के हैं, तो विपक्ष पर निशाना साधना हास्यास्पद है। वही जब समझाईश के बाद इस पोलिंग बूथ में मतदान हुआ तो आंकड़े प्रबल रूप से भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में गए जो यह प्रदर्शित करता है कि कांग्रेसी नेताओं के तर्क और दोषारोपण गलत थै।
कुछ नेताओं की मंशा पूरी, वहीं कुछ के मंसूबे रह गए अधूरे
विधानसभा चुनाव के 6 माह पूर्व बैकुंठपुर विधानसभा में जिला मुख्यालय से सटकर लगे जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 का यह उपचुनाव कोरिया की राजनीति में बहुत मायने रखता है। आगामी विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों से कई दावेदार सामने आ रहे हैं, वहीं अपनी जोर आजमाइश भी लगाते हुए मैदान में दिख रहे हैं। दोनों पार्टियों के टिकट के दावेदार नेता कुछ हद तक इस उपचुनाव को अपनी पार्टी की हार के रूप में देखना चाह रहे थे, ताकि शीर्ष नेताओं का कद कम हो सके और उन्हें आगामी चुनाव में दावेदारी का मौका मिल सके। परंतु भाजपा को मिली प्रचंड जीत ने पूर्व कैबिनेट मंत्री भईयालाल राजवाड़े का कद और ऊंचा कर दिया और क्षेत्र में उनकी पकड़ को मजबूती से दर्शाया, तो भाजपा के उन नेताओं में मायूसी होना स्वाभाविक है जो आगामी चुनाव में खुद को बतौर दावेदार प्रस्तुत कर रहे थे। वही विगत 4 वर्षों में साा, संगठन और दिग्गज नेताओं के साथ वर्तमान विधायिका की दूरी और अनेकानेक कांग्रेसियों में विधानसभा सीट की दावेदारी की महत्वाकांक्षा को उपचुनाव में हार से बल मिला है। क्योंकि दावेदार नेता यह चाहते थे कि यदि कांग्रेस इस चुनाव को हारती है तो सारा ठीकरा निर्वाचित जनप्रतिनिधि के ऊपर फूटेगा, जिससे आगामी चुनाव में उम्मीदवार बदलने की संभावना प्रबल होगी। और यही कारण रहा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता पूरी तरह इस चुनाव में निष्कि्रय नजर आए।
घटती-घटना की खबर पर लग सकती है मोहर
जिला पंचायत उप चुनाव क्षेत्र क्रमांक 6 के लिए हो रहे चुनाव पर घटती घटना ने पहले से ही सारी गतिविधियों को सबके सामने रखा था जिसमें भाजपा प्रत्याशी की जीत होनी तय मानी जा रही थी और आखिर रुझानों के अनुसार यह तय हो गया है कांग्रेस ने जहां पर सत्ता में होने के बावजूद घुटने टेकते दिखी जो कहीं ना कहीं पार्टी के लिए शर्मसार करने वाली बात है।